परिव्रतअर्धचंद्रासन
त्रिभुज मुद्रा से इसकी शुरूआत करें। अपने दाहिने पैर को आगे की दिशा में करें और अपने बाएं हाथ को छत की ओर ऊपर की तरफ बढ़ाएं। अपने बाएं हाथ को नीचे की तरफ ले जाते हुए नितंब पर रखें। उसके बाद अपने सिर को जमीन की तरफ नीचे की ओर ले जायें। अपने दाहिने हाथ की उंगलियों को अपने दाहिने पैर के सामने रखें, और अपने दाहिने हाथ और पैर दोनों को जमीन पर दबाएं। अपने दाहिने पैर को सीधा रखें और अपने बाएं पैर को धीरे से उठाएं जब तक कि यह फर्श के समानांतर न हो। अपनी बाईं बांह को ऊपर की ओर बढ़ाएं और सुनिश्चित करें कि आपकी उंगलियां बाहर की ओर निकली हुई ऊपर की तरफ हों, आपकी नजर आपके बाएं अंगूठे पर टिकी होनी चाहिए। दस सांसों तक गिनते हुए इसी मुद्रा में रहें और फिर सामान्य स्थिति में आयें, इस दौरान आपका पेट और पीठ सीधी होनी चाहिए। अब शरीर के दूसरे हिस्से से इसी मुद्रा को दोहरायें।
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अर्धमत्स्येन्द्रासन
अपने पैरों को सीधा फैलाकर फर्श पर बैठ जाएं। अब अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों को फर्श पर रखें। अपने दाहिने पैर के नीचे बाएं पैर को खिसकाएं। अपने बाएं पैर के तलवों को दाहिने पैर के बगल में फर्श पर रखें। अपने बाएं पैर के ऊपर अपना दाहिना पैर रखें और इसे बाएं कूल्हे के पास ले जायें। इस स्थिति में रहते हुए सांस छोड़ें और धीरे-धीरे अपनी दाहिनी जांघ को अंदर की तरफ घुमाएं। अपने दाहिने हाथ को दाएं नितंब के पीछे फर्श के नीचे दबाएं और अपने दाहिने जांघ के ऊपर बाएं हाथ को अपने घुटने के पास रखें। इस स्थिति में रहते हुए, अपने दाहिने पैर को जोर से फर्श पर दबाव डालें, अपने दाहिने श्रोणि (पेट और जांघ के बीच का हिस्सा) को छोड़ें, और अपने सामने के धड़ को तानिये। अपने कंधे को ऊपरी धड़ के विपरीत ले जाएं, और फर्श की दिशा में अपने टेल बोन को ले जायें। अब अपने सिर को या तो अंदर की तरफ या फिर घुमाव की विपरीत दिशा की तरफ मोड़ें। अपने उरोस्थि को हर सांस के साथ थोड़ा और ऊपर उठाएं, और हर सांस छोड़ने के साथ थोड़ा और मोड़ें। एक बार जब आप पूरी तरह से शरीर का खिंचाव कर लेते हैं, तो पांच सांसों को गिनें, उसके बार अपनी सामान्य स्थिति में आ जायें। अब दूसरी तरफ से भी इस क्रिया को दोहरायें।
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मारीच्यासन
स्टॉफ पोज में बैठकर, अपने बाएं घुटने को मोड़ें और खड़े रहें, और अपने बाएं पैर को फर्श पर मजबूती से रखें। इस स्थिति में आपकी बाईं एड़ी आपके नितंबों के करीब होनी चाहिए। अपने दाहिने पैर को सीधा करें और इसे पूरी लंबाई में फैलाएं। यह आपकी रीढ़ को लंबा करने में मदद करेगा, इस आसन को सफलतापूर्वक करने के लिए यह जरूरी है। सांस छोड़ते और अपने धड़ को अपनी बाईं ओर घुमाएं। अपने दाहिने हाथ को अपनी बाईं जांघ के चारों ओर ले जायें। अपने दाहिने हाथ की मदद से अपनी बाईं जांघ को पकड़ें, अपनी जांघ को ऊपर खींचें और अपने बाएं कूल्हे को फर्श की तरफ ले जायें। श्रोणि के ठीक पीछे अपने बाएं हाथ की उंगलियों को फर्श पर दबाएं, अपने धड़ को ऊपर उठाएं और इसे थोड़ा आगे की ओर झुकायें। अपनी बाईं कमर को अपने श्रोणि की तरफ ले जायें, और अपने पेट को अपनी बाईं जांघ के अंदरूनी हिस्से के साथ बाहर की ओर करके तानें। हर बार जब आप सांस लें तो अपनी रीढ़ को सीधा करना जारी रखें और सांस छोड़ते समय हर बार इसे थोड़ा घुमाएं। पेट को जांघ से सटाकर रखें और अपने कंधे के विपरीत अपनी पीठ को एक ऊपर की तरफ झुकायें। सर्वाइकल स्पाइन ट्विस्ट को पूरा करने के लिए अपने सिर को बाईं तरफ घुमाएं। दस सांसें गिनते हुए इस स्थिति में रहें, फिर सामान्य स्थिति में आ जायें। अब शरीर के दूसरे हिस्से से इस क्रिया को दोहरायें।