के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
हरे रंग की पत्तेदार सब्जी केल (Kale) का इस्तेमाल विदेशोंं में काफी मात्रा किया जाता है। ब्रोकली की तरह दिखने वाली यह पत्तियां खाने में जितनी स्वादिष्ट होती हैं, उससे कहीं ज्यादा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी जाती है। इसका इस्तेमाल कई दवाओं का निर्माण करने के लिए भी किया जाता है। इसका बोटेनिकल नाम ब्रैसिका ओलेरासिया संस्करण सैबेलिका (Brassica oleracea var. sabellica) है, जो कि ब्रेसीकेसी (Brassicaceae) फैमिली से आता है। यह हरे और बैंगनी रंग में भी होता है और यह ब्रोकली, पत्तागोभी और फूलगोभी के ही परिवार का सदस्य होता है ।
हालांकि, केल में विटामिन्स और खनिज की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जो सूजन, थायरॉइड और दिल की बिमारियों का कारण भी बन सकता है। हाल ही में हुए एक शोध में विशेषज्ञों ने इसके गुणों के साथ इसके अधिक सेवन से होने वाले गंभीर परिणामों के बारे में भी जिक्र किया है। अध्ययन के मुताबिक, केल के गहरे हरे रंग के पत्तों में मांस से कई गुना अधिक मात्रा में आयरन और कैल्शियम की मात्रा होती है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन के का भरपूर स्रोत होता है जो आंखों के लिए, रक्त और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए लाभकारी भी होता है। हालांकि, इसका सेवन हमेशा उचित मात्रा में ही करना चाहिए।
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इस पर हाल ही में हुए शोध के मुताबिक, केल में कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं, जो मूत्राशय के कैंसर, स्तन कैंसर, हृदय रोग, कोलाइटिस, कब्ज, क्रोहन रोग, मधुमेह, हैंगओवर, हाई कोलेस्ट्रॉल, आंखों की रोशनी कमजोर होना और घाव भरने के लिए किया जाता है।
हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरुरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
इस पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट कैंसर से लड़ने में सहायक होते हैं।
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हर्बल सप्लीमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरुरत है। इस हर्बल सप्लीमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरुरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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इसका भोजन में इस्तेमाल करने से पहले इसके दुष्प्रभावों के बारे में जरूर जान लें। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। केल पर हुए शोध के मुताबिक, यह जरूरी नहीं है कि हर बार आयर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल आपके लिए सुरक्षित ही हो। इसलिए इसके दुष्प्रभाव की जानकारी डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
विशेषज्ञों के अनुसार, इसके पत्ते का अधिक सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याओं, हाइपोथायरायडिज्म, अनियमित दिल की धड़कन और अचानक मौत होने का जोखिम भी बढ़ सकता है। इसमें मौजूद हाई पोटैशियम दिल की धडकनों को अनियमित कर सकता है जो अचानक मौत होने का कारण बन सकता है। वहीं, यह हाई फाइबर का सबसे स्रोत होता है जिसकी वजह से लोग इसका सेवन अधिक करते हैं। लेकिन, इसके अधिक सेवन के लिए पेट दर्द, सूजन, कब्ज जैसे पेट संबधी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
गर्भावस्था और स्तनपान:
केल पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान यह कितनी मात्रा में खाना चाहिए इसकी जानकारी स्पष्ट नही हैं। गर्भावस्था के दौरान किसी भी हर्बल सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई तरह की दवाएं दी जाती हैं, इसलिए उन्हें किसी सप्लीमेंट का इस्तेमाल एहतियात के साथ करना चाहिए।
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इसके सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।
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यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प ना मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
शोध के मुताबिक इसकी खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। इसलिए एक बार इसका सेवन करने से पहले हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा चर्चा अवश्य करें।
वर्तमान में केल बाजार में निम्नलिखित प्रकारों में उपलब्ध है:
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