बच्चे को अपच की समस्या हो सकती है। बच्चा खाने में क्या ले रहा है और साथ ही उसकी शारीरिक गतिविधि भी पाचन के लिए जिम्मेदार होती है। अगर बच्चा खाने के बाद भागता और खेलता है तो ये भी भोजन के अपच का कारण बन सकता है। बच्चे को खिलाने के बाद उसे डकार दिलाएं और फिर उसे कुछ देर बैठ कर खेलने की सलाह दें। ऐसा करने से बच्चे का खाना ठीक तरह से पच पाएगा। बच्चे अक्सर खेल-खेल में पानी बिल्कुल न के बराबर पीते हैं, जिसके कारण एसिड रिफलक्स की समस्या हो सकती है। बेहतर होगा कि बच्चे को रोजाना तय समय पर पानी पीने की आदत डलवाई जाए। आप बच्चे के लिए उसका पसंदी बोतल पसंद करें और फिर उसमे पानी दें। बच्चों को बोतल या कलरफुल मग से पानी पीना बहुत पसंद होता है।
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फाइबर्स की मात्रा खाने में बढ़ाएं
जिन बच्चों की पाचन शक्ति अच्छी नहीं होती है, उन बच्चों का पाचन गड़बड़ हो सकता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए बच्चे की डायट पर ध्यान देना पड़ेगा। बच्चों की डायट में फल और सब्जयों को जरूर जोड़े। आप बच्चों को अगर रोजाना फलों का सेवन करने को कहेंगी तो उन्हें फाइबर्स की उचित मात्रा मिलेगी। खाने में फाइबर्स की संतुलित मात्रा पाचन शक्ति को बढ़ाने का काम करती है। आप बच्चे को फाइबर युक्त फूड भी खिला सकती हैं। ऐसा करने से खाना पचने में आसानी होगी। फलों में केला, अनार, पपीता, अनानास आदि को शामिल कर सकते हैं। साथ ही आप बच्चे के पसंदीदा फलों को भी खाने में शामिल करें।
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कहीं ऑयली फूड तो नहीं दे रही हैं आप?
बच्चे को ऐसा फूड दें जो आसानी से पच जाए। अगर आप बच्चे को दाल, चावल, रोटी, दलिया, कॉर्न फ्लेक्स, दूध, फल, सब्जियां, अंडा आदि देती हैं तो बच्चे का पाचन दुरस्त रहेगा लेकिन खाने में अधिक तेल बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। बच्चे का पाचन तंत्र बड़ों के मुकाबले कमदोर होता है, इसलिए उन्हें आसानी से पचने वाला खाना देना चाहिए। ज्यादा ऑयली और तीखा खाना पेट में समस्या भी पैदा कर सकता है। साथ ही बच्चे को ज्यादा मीठ (चॉकलेट, कैंडीज, स्वीट) न दें। किसी भी चीज की अति पाचन में समस्या पैदा कर सकती है। बेहतर होगा कि आप बच्चे को संतुलित आहार दें ताकि उसे पाचन में समस्या न हो।
बच्चे के अच्छे पाचन के लिए इन बातों पर दे ध्यान
आप बच्चे के पाचन को दुरस्त बनाएंगी तो उसे पेट संबंधि समस्याओं से छुटकारा मिलने में मदद मिलेगी। बच्चों को नहीं पता होता है कि उन्हें कितना खाना है और न वो ये जानते हैं कि कौन-सा फूड उनके लिए बेहतर रहेगा। आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा, ताकि बच्चे के डायजेस्टिव सिस्टम को बेहतर किया जा सके।
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पाचन तंत्र और बच्चे की मालिश
पाचन तंत्र और मालिश का संबंध बच्चे के पेट से है। बच्चे के पेट में समस्या है तो मालिश करके भी उसे सही किया जा सकता है। बच्चे का पेट पूर्ण रूप से परिपक्व नहीं होता। नैचुरल तरीकों को अपनाकर बच्चे के पेट की समस्या को ठीक किया जा सकता है। चेहरे, पेट, त्वचा और अंगों पर करीब 15 मिनट तक मध्यम प्रेशर वाली मालिश करना बच्चे के लिए उपयोगी साबित होगा। हो सकता है कि डॉक्टर आपको इस बारे में सजेस्ट न करें। मालिश करने से बच्चे की ग्रोथ अच्छी होती है और साथ ही पाचन तंत्र भी सही रहता है।
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अगर आप बच्चे को ब्रेस्टफीड नहीं करा रही हैं तो उसके लिए प्रोबायोटिक्स फॉर्मुला मिल्क जरूर चुनें। फॉर्मुला मिल्क बनाते समय भी ध्यान रखने की जरूरत होती है। सही मात्रा में पाउडर और पानी को मिलाना बहुत जरूरी होती है। अगर पाउडर की मात्रा ज्यादा और पानी की मात्रा कम कर दी जाती है तो बच्चे को दस्त की समस्या भी हो सकती है। उचित रहेगा कि बच्चे के पेट में समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें और फिर फॉर्मुला मिल्क के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
फॉर्मुला मिल्क पीने वाले बच्चों में सही मात्रा में दूध न बनाए जाने के कारण बच्चे में पेट की समस्या मुख्य रूप से देखने को मिलती है।
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ज्यादा दूध से हो सकती है बच्चे के पेट में समस्या
बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क पिलाना उसकी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। कई बार न्यू मॉम को नहीं पता होता है कि बच्चे को कितना दूध पिलाना सही रहेगा। इसलिए मां बच्चे को अधिक मात्रा में ब्रेस्टफीड करवा देती है। ऐसा करने से बच्चे के पेट में समस्या हो सकती है। बच्चे को अधिक गैस बन सकती है जो दर्द का कारण बन जाता है। ऐसा ही बोतल से दूध देते समय भी हो सकता है। बच्चा दो घंटे के अंतराल में थोड़ा दूध पीता है, वहीं चार घंटे के अंतराल में अधिक दूध पीता है। आप चाहे तो इस बारे में लैक्टेशन कंसल्टेंट से भी राय ले सकती है।