अगर पपीते के जूस और इसके बीज को मुंह के माध्यम से लेते हैं तो संभवतः इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। इसके अलावा पपीते की पत्तियों की ज्यादा खुराक से पेट में उलझन भी हो सकती है।
हालांकि हर किसी को ये साइड इफेक्ट हों ऐसा जरुरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें – Hawthorn: हॉथॉन क्या है?
पपीते से जुड़े परस्पर प्रभाव/ पपीते से पड़ने वाले प्रभाव
पपीते के सेवन से किन किन चीजों पर प्रभाव पड़ सकता है?
पपीते के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।
पपीते के सेवन से इन दवाइयां और बीमारियों पर प्रभाव पड़ सकता है :
वारफैरिन (कोमाडीन)
वारफैरिन कोमाडीन ब्लड क्लॉटिंग को कम करता है। आपको बता दें कि पपीता वारफैरिन (Warfarin) कोमाडीन (Coumadin) के प्रभाव को बढ़ा देता है और इस वजह से ब्लीडिंग और चोट की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए आप अपने ब्लड की रेगुलर जांच कराएं। आपको वारफैरिन (कोमाडीन) की खुराक बदलनी पड़ सकती है।
डायबिटीज:
फरमेंटेड किया हुआ पपीता ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। डायबिटीज के वे मरीज जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए दवाएं ले रहें हैं। उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इन दवाइयों के साथ अगर आप पपीते का सेवन करते हैं तो ब्लड शुगर बहुत ज्यादा कम हो सकता है। ऐसे में आपको अपनी दवाओं की खुराक भी बदलनी पड़ सकती है।
लो ब्लड शुगर (Low blood sugar)
फरमेंटेड किया हुआ पपीता ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। इसलिए जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल पहले से ही कम है, अगर वो लोग इस तरह फरमेंटेड पपीते का सेवन करते हैं तो उनका ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा कम हो सकता है।
और पढ़ें – Curry Leaves : करी पत्ता क्या है?