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Broken (fracture) lower leg : ब्रोकन लोअर लेग क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/12/2021

Broken (fracture) lower leg : ब्रोकन लोअर लेग क्या है?

परिचय

ब्रोकन लोअर लेग (Broken lower leg) क्या है?

ब्रोकन लोअर लेग नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि यह पैर के निचले हिस्से की हड्डी को टूटने को कहा जाता है। जिस कारण से व्यक्ति चल नहीं पाता है। कुछ मामलों में पैर के निचले हिस्से में पाई जाने वाली हड्डी टीबीया (Tibia) और फिबुला (Fibula) बोन टूटने के कारण  त्वचा से  बाहर की ओर निकलने लगती है। 

लोअर लेग का हिस्सा दो हड्डियों से मिल कर बना होता है, जिसे टीबीया और फिबुला कहते हैं। अक्सर फिबुला की तुलना में टीबीया फ्रैक्चर ज्यादा होता है। जिसके लिए लोअर लेग के फ्रैक्चर को टीबीया फ्रैक्चर (Broken (fracture) lower leg) भी कहते हैं। इसी तरह जब फिबुला फ्रैक्चर हो जाता है तो उसे फिबुला फ्रैक्चर कहते हैं। इस कंडीशन को ही ब्रोकन लोअर लेग भी कहते हैं। 

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ब्रोकन लोअर लेग (Broken [fracture] lower leg) के प्रकार क्या हैं?

Broken (fracture) lower leg : ब्रोकन लोअर लेग

ब्रोकन लोअर लेग का प्रकार हड्डी टूटने के कारणों पर निर्भर करता है। 

स्टेबल फ्रैक्चर : स्टेबल फ्रैक्चर (Stable fracture) होने पर हड्डी क्रैक होती है और अपने स्थान से हटती नहीं है। इसके लिए लोअर लेग में टीबीया को लाइनअप किया जाता है, जिससे वह ठीक होने लगता है। इसे नॉन-डिसप्लेस फ्रैक्चर भी कहते हैं। 

डिसप्लेस्ड फ्रैक्चर : इसमें पैर की हड्डी (Bone) टूट कर अपने स्थान से हट जाती है। जिसके कारण इसे डिसप्लेस्ड फ्रैक्चर कहते हैं। अक्सर ये फ्रैक्चर सर्जरी से ही ठीक होती है। 

स्ट्रेस फ्रैक्चर : स्ट्रेस फ्रैक्चर (Stress fracture) को हेयरलाइन फ्रैक्चर भी कहते हैं। ये इंजरी के कारण लोअर लेग पर पड़ने वाले तनाव के कारण होने वाला फ्रैक्चर है। 

स्पाइरल फ्रैक्चर : कभी-कभी ऐसा भी होता है कि घुमावदार मूवमेंट होने के कारण स्पाइरल आकार में हड्डी (Bone) टूटती (Spiral fracture) है।

कॉमिन्यूटेड फ्रैक्चर : जब लोअर लेग दो या तीन या उससे ज्यादा जगहों पर फ्रैक्चर हो जाता है, तो इसे कॉमिन्यूटेड फ्रैक्चर (Comminuted fracture) कहते हैं।

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कितना सामान्य है ब्रोकन लोअर लेग होना?

ब्रोकन लोअर लेग होना परिस्थियों पर निर्भर करता है। ब्रोकन लोअर लेग होना एक सामान्य समस्या है, जो दुर्घटना आदि की स्थिति में होता है।

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लक्षण

ब्रोकन लोअर लेग के क्या लक्षण हैं? (Symptoms of Broken [fracture] lower leg)

ब्रोकन लोअर लेग के लक्षण निम्न प्रकार के हैं :

  • प्रभावित स्थान पर दर्द (Pain) होता है
  • मूवमेंट करने पर दर्द बढ़ जाता है
  • सूजन आना
  • प्रभावित स्थान पर खून का जम जाना
  • पैर देखने में विकृत लगता है
  • ब्रोकन लेग सामान्य पैर की तुलना में छोटा लगता है
  • चलने-फिरने में समस्या होना
  • स्किन से बाहर हड्डी का उभार पता चलना
  • इसके अलावा ब्रोकन लोअर लेग के ज्यादा लक्षणों की जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

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    मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

    अगर आप में ऊपर बताए गए लक्षण सामने आ रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही ब्रोकन लोअर लेग से संबंधित किसी भी तरह के सवाल या दुविधा को डॉक्टर से जरूर पूछ लें। क्योंकि हर किसी का शरीर ब्रोकन लोअर लेग के लिए अलग-अलग रिएक्ट करता है

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    कारण

    ब्रोकन लोअर लेग होने के कारण क्या हैं? (Cause of Broken [fracture] lower leg)

    ब्रोकन लोअर लेग के तीन सामान्य लक्षण निम्न हैं :

    • ट्रॉमा सड़क दुर्घटना, गिरने या स्पोर्ट्स में खेलने के दौरान ब्रोकन लोअर लेग (Broken (fracture) lower leg) हो जाता है।
    • ओवरयूज : पैरों पर अतिरिक्त तनाव होने से या लोअर लेग का ज्यादा इस्तेमाल होने से स्ट्रेस फ्रैक्चर (Stress fracture) हो जाता है।  
    • ऑस्टियोपोरोसिस : ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) होने पर शरीर से हड्डियों की क्षति हो जाती है या फिर शरीर में हड्डियों के बनने की प्रक्रिया बहुत कम हो जाती है। जिसके कारण हड्डी कमजोर होना शुरू हो जाती है और पैर की हड्डी शरीर का भार वहन नहीं कर पाती है, जिसके कारण लोअर लेग फ्रैक्चर हो जाता है।

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    जोखिम

    ब्रोकन लोअर लेग (Broken (fracture) lower leg) से मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?

    ब्रोकन लोअर लेग से आपको दर्द से गुजरना पड़ सकता है। इसके अलावा आपको चलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लोअर लेग फ्रैक्चर से जुड़े अन्य जोखिम की जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से बात कर लें।

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    उपाय

    यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

    ब्रोकन लोअर लेग का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Broken [fracture] lower leg)

    डॉक्टर्स मेडिकल हिस्ट्री देखकर और शारीरिक जांच के अलावा निम्लिखित टेस्ट कर ब्रोकन लोअर लेग की स्थति को समझ सकते हैं:

    • एक्स-रे (X-rays)- एक्स-रे से ब्रोकन लोअर लेग की स्थिति को समझा जाता है। इसे ठीक होने में एक सप्ताह या एक महीने तक का वक्त लग सकता है।
    • बोन स्कैन (Bone scan)- बोन स्कैन के पहले इंट्रावेनस में रेडियोएक्टिव की खुराक (डोस) दी जाती है। इसे उन हिस्सों को समझने में आसानी होती है जहां ब्रोकन लोअर लेग हुआ है। ब्रोकन लोअर लेग होने पर अन्य टेस्ट भी किये जाते हैं।
    • मेग्नेटिक रेजोनेंस इमेज (MRI)– इसमें रेडियो वेव्स का प्रयोग किया जाता है। इससे इंजरी के पहले सप्ताह ही फ्रैक्चर की जानकारी मिल सकती है। इससे लोअर लेग और सॉफ्ट टिशू में आई चोट को समझना आसान हो जाता है।

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    ब्रोकन लोअर लेग का इलाज कैसे होता है? (Treatment of Broken [fracture] lower leg)

    ब्रोकन लोअर लेग का इलाज कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में फ्रैक्चर हुई हड्डी को पूरी तरह से रिपेयर होने की जरूरत होती है। इस स्थिति में लोअर लेग की सर्जरी की जाती है। लोअर लेग की सर्जरी में लगभग पर 30 मिनट से 1 घंटे तक का समय लग सकता है। इसके लिए प्रभावित जगह पर चीरा लगाया जाता है और ऑपरेशन का प्रॉसेज होता है ताकि टूटी हई हड्डी को जोड़कर रिपेयर किया जा सके। फ्रैक्चर (Fracture) को ठीक करने के लिए आमतौर पर डॉक्टर स्क्रू और प्लेट का इस्तेमाल करते हैं। जिसे इंप्लांट कहा जाता है।  इसके अलावा जरूरत पड़ने पर हड्डी के साथ रॉड भी डाली जाती है। जिससे हड्डी पूरी तरह से ठीक तरीके से जुड़ जाती है। 

    घरेलू उपाय

    जीवनशैली में होने वाले बदलाव, जो मुझे ब्रोकन लोअर लेग को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

    • लोअर लेग फ्रैक्चर (Broken [fracture] lower leg) कभी-कभी कैल्शियम की कमी से होता है। कैल्शियम की कमी का इलाज करना हो तो हर घर में पकने वाले पालक को नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करें। इसमें 250 ग्राम कैल्शियम पाया जाता है। इससे शरीर में कैल्सियम का स्तर संतुलित रखा जा सकता है। कई लोगों को पालक की सब्जी या साग पसंद नहीं होता है, उन्हें पालक से बनी सलाद का सेवन करना चाहिए।
    • दूध तथा दही दोनों में अलग-अलग 125 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। यह मात्रा शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत महत्वपूर्ण है। कम वसा वाले दही (योगर्ट) में कैल्शियम भरपूर मात्रा पाया जाता है।
    • कैल्शियम (Calcium) की कमी का इलाज कई प्रकार की बीजों के सेवन से किया जा सकता है। इनमें से सबसे प्रमुख है शीशम के बीज, अलसी के बीज, तरबूज के बीज। इनमें से सिर्फ शीशम के बीज में लगभग 975 मिलीग्राम कैल्शियम पाया जाता है। जिससे हड्डियां मजबूत होंगी।

    इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।

    रूमेटाइड अर्थराइटिस की वजह से होने वाली परेशानियों के बारे में आप कितनी रखते हैं जानकारी, जानने के लिए नीचे दिए इस क्विज को खेलिए।

    डिस्क्लेमर

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    Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 24/12/2021

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