टाइप 1 डायबिटीज में एंटीडिप्रेसेंट के उपयोग से कॉमन साइड इफेक्ट्स जैसे कि कब्ज और चक्कर आना तो होते ही हैं डायबिटीज के मरीज इंसुलिन और दूसरी दवाओं का उपयोग करते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को कम करती हैं। टाइप 1 डायबिटीज में एंटीडिप्रेसेंट (Antidepressants in type 1 diabetes) के उपयोग से हायपोग्लाइसिमिया हो सकता है। कुछ स्टडीज में इस बात का पता चला है कि कुछ पर्टिकुलर एंटीडिप्रेसेंट का उपयोग टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों में हायपोग्लाइसिमिया का रिस्क बढ़ा देती हैं। एंटीडिप्रेसेंट उपयोग के पहले हफ्ते में ऐसे मामले ज्यादा देखे जाते हैं। हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि सबके साथ ही ऐसा हो, लेकिन इसका रिस्क ज्यादा है।
वहीं सेंट ल्यूइस यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में एंटीडिप्रेसेंट का उपयोग ब्लड शुगर के लेवल में सुधार कर सकता है। शोधकर्ताओं का दावा है कि एंटीडिप्रेसेंट लेने से 95% अधिक संभावना है कि ब्लड शुगर को अच्छी तरह से नियंत्रित किया जाएगा, लेकिन वे यह भी स्वीकार करते हैं कि उल्लेखनीय सुधार पार्टिसिपेट करने वाले मरीजों में केवल अवसाद का इलाज करने से आया हो सकता है।
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एंटीडिप्रेसेंट का उपयोग (Antidepressant uses) करने से पहले ध्यान रखें ये बातें
अगर डॉक्टर ने ये दवा आपको दी है तो उसे रेगुलरी लें। इसके डोज में किसी प्रकार का बदलाव ना करें। इसके साथ ही निम्न बातों का ध्यान रखें।
- इन दवाओं की वजह से कब्ज हो सकता है।
- इसलिए डायट में फाइबर की मात्रा शामिल करें या फाइबर सप्लिमेंट्स जैसे कि ईसबगोल की भूसी आदि का उपयोग करें।
- दवा को डॉक्टर के कहे बिना बंद ना करें। यह मरीज के लिए खतरनाक हो सकता है। अगर आप दवा लेना बंद करना चाहते हैं तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं। वे डोज को कम करने के साथ ही इसे धीरे-धीरे बंद करने पर विचार करेंगे।
टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) में एंटीडिप्रेसेंट का उपयोग नहीं करें ये काम
टाइप 1 डायबिटीज में एंटीडिप्रेसेंट (Antidepressants in type 1 diabetes) का उपयोग डिप्रेशन और डायबिटीज दोनों के लिए उपयोगी नहीं है। इसलिए इन दोनों कंडिशन को मैनेज करने के लिए नीचे दिए गए टिप्स अपना सकते हैं।
मनोचिकित्सा (Psychotherapy) की मदद लें
टाइप 1 डायबिटीज में एंटीडिप्रेसेंट का उपयोग करने की जगह मनोचिकित्सा खास तौर पर (Cognitive behavioral therapy) की मदद लें। यह डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार करती है। जिससे बेहतर तरीके से डायबिटीज मैंनेजमेंट हो सकेगा।
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दवाएं और लाइफस्टाइल में बदलाव (Medications and lifestyle changes)
डायबिटीज और डिप्रेशन दोनों के लिए रेगुलर एक्सरसाइज, योगा, हेल्दी डायट और स्मोकिंग और एल्कोहॉल से दूरी जरूरी है। इससे दोनों में सुधार में मदद मिलती है। ओवरऑल हेल्थ के लिए भी ये सभी जरूरी हैं।
डायबिटीज सेल्फ मैनेजमेंट प्रोग्राम का सहारा लें (Diabetes self-management programs)
डायबिटीज प्रोग्राम मरीजों के मेटाबॉलिक कंट्रोल, फिटनेस लेवल को बढ़ाने, वेट लॉस और दूसरे कॉर्डियोवैस्कुलर डिजीज के रिस्क फैक्टर्स को कम करवाने में मदद करते हैं। वे इस दिशा में सफल भी रहते हैं। ऐसे प्रोग्राम को ज्वॉइन करना मददगार हो सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको टाइप 1 डायबिटीज में एंटीडिप्रेसेंट (Antidepressants in type 1 diabetes) के उपयोग से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।