डायबिटीज में मरीज का ग्लूकोज लेवल बढ़ जाता है और इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पाता। टाइप 1 डायबिटीज के लिए अधिकतर अनुवांशिक कारणों को जिम्मेदार माना जाता है, जबकि सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STD) असुरक्षित यौन संबंध बनाने, दूषित इंजेक्शन या एक से अधिक पार्टनर से सेक्स संबंध रखने पर हो सकता है। कई डायबिटीज मरीजों के मन में यह शंका होती है क्या टाइप 1 डायबिटीज होने के कारण उन्हें STD होने का खतरा अधिक होता है? आइए, जानते हैं क्या टाइप 1 डायबिटीज और STD (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज) एक दूसरे से कोई कनेक्शन है?
सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज क्या है? (What is Sexually transmitted)
यह एक तरह का संक्रमण है जो यौन संबंध बनाने के दौरान एक संक्रमित से दूसरे पार्टनर तक पहुंचता है। सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक ब्लड, सीमेन, वजायनल फ्लूड के जरिए पहुंचते है। इसलिए हमेशा यौन संबंध बनाने के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए कहा जाता है। कई बार एसटीडी नॉन सेक्सुअल एक्टिविटी जैसे संक्रमित मां से गर्भ में पल रहे बच्चे तक पहुंच सकता है, दूषित इंजेक्शन या ब्लड ट्रांस्फ्यूजन के जरिए भी यह एक से दूसरे तक फैल सकता है। हालांकि ज्यादातर मामलों में संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध बनाने के दौरान ही एसटीडी होने का खतरा सबसे अधिक होता है।