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बच्चों के लिए Covid-19 टेस्टिंग (COVID 19 Testing for kids)

बच्चों के लिए Covid-19 टेस्टिंग पेरेंट्स के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। लगातार दो सालों से कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी जितनी पेरेंट्स रखते हैं उतनी ही उनको भी टीवी, सोशल मीडिया या घर में बात करने पर मिल जाती है, लेकिन कम उम्र के बच्चे कोविड टेस्ट करने के तरीकों और पीपीई किट में लोगों को देख डर सकते हैं जो किसी भी पेरेंट्स के लिए कठिन हो सकता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि आप बच्चों को समझा नहीं सकते हैं। इसलिए अगर बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण समझ आ रहें हैं या बच्चा किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आ चूका है, तो ऐसी स्थिति में बच्चों के लिए Covid-19 टेस्टिंग आवश्यक मानी गई है। इसलिए बच्चों के लिए Covid-19 टेस्टिंग करवाने से पहले निम्नलिखित बातों को ध्यान रखें। जैसे:
- बच्चों के लिए Covid-19 टेस्टिंग करवाने से पहले उन्हें इस बारे में बताएं।
- बच्चों के लिए Covid-19 टेस्टिंग के निगेटिव रिपोर्ट्स से उन्हें डराएं नहीं।
- कोविड 19 टेस्टिंग के दौरान अगर टाइम ज्यादा लगे तो बच्चे को उस दौरान समझाएं और किसी और के टेस्ट दौरान बच्चे को दिखाकर डराएं नहीं।
- अगर घर के कई सदस्य कोविड 19 टेस्ट करवा रहें हैं, तो सबसे पहले उन्हें टेस्ट करवाने दे जो रिलैक्स हों।
- बच्चों के लिए Covid-19 टेस्टिंग शुरू होने से पहले उन्हें उनके अनुसार रिलैक्स पोजीशन में बैठाएं।
- टेस्ट के दौरान बच्चे को डीप ब्रीदिंग करने के साथ-साथ ऊपर देखने की सलाह दें और आंखें बंद करने के लिए कहें।
इन 6 बातों को बच्चों के लिए Covid-19 टेस्टिंग के दौरान फॉलो करें और टेस्ट के बाद उनसे समझें और उनसे पूछे की टेस्ट के दौरान क्या किया गया। ऐसा करने से वे परेशान कम होंगे और टेस्ट के बारे में शेयर करने में व्यस्त हो जायेंगे।
नोट: सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) के अनुसार बच्चे में कोरोना वायरस के लक्षण तभी देखे गए हैं जब उनके माता या पिता या फिर परिवार के अन्य सदस्य में कोरोना वायरस से पीड़ित हुए हैं। यह संक्रमण कोरोना वायरस के संपर्क में आने से ही होता है।
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बच्चों को कोविड 19 टेस्ट कब नहीं करवाना चाहिए?
निम्नलिखित स्थितियों में कोविड 19 टेस्ट नहीं करवाने की सलाह दी जा सकती है। जैसे:
- बच्चे को टेस्ट के 48 घंटे के पहले नाक से ब्लीडिंग हुई हो।
- बच्चे को हाल के दिनों में फेशियल इंजुरी (Facial injury) हुई हो।
- बच्चे को ब्लीडिंग डिसऑर्डर (Bleeding disorder) की समस्या हो।
- बच्चे का हाल के दिनों में नाक (Nasal) या फेशियल सर्जरी (Facial surgery) हुई हो।
ऐसी स्थिति में बच्चों को कोविड 19 टेस्ट की सलाह नहीं दी जा सकती है, लेकिन अगर बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण नजर आ रहें हों तो जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें और इस दौरान पेरेंट्स या परिवार के अन्य सदस्य पैनिक ना करें।
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बच्चों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए क्या करें?

बच्चों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। जैसे:
- बच्चों की नाक साफ करने के लिए रूमाल के बजाय टिश्यू पेपर का प्रयोग करें। क्योंकि रूमाल कुछ देर में गंदा हो जाता है।
- बच्चों को दूसरे बीमार बच्चों से दूर रखना चाहिए ।
- बच्चों की निजी स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।
- उनके सभी जरूरी वैक्सीन समय पर लग जाने चाहिए ।
- बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता (Immune power) को बढ़ाने के लिए उन्हें पौष्टिक आहार देना चाहिए ।
- माता-पिता को अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए ताकि वायरल इंफेक्शन बच्चों को न पहुंचे।
नोट: बच्चों को कोविड 19 वैक्सीन जरूर लगवाएं। अगर आपके बच्चे में कोई शारीरिक परेशानी है या बच्चा किसी हेल्थ कंडिशन का शिकार है तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेकर वैक्सिनेशन जरूर करवाएं।
अगर आपका बच्चा कोविड 19 के बारे में बार-बार पूछता है, तो उसे कोरोना वायरस के साथ-साथ अन्य बीमारियों एवं इन्फेक्टेड डिजीज की भी जानकारी दें। जैसे H1N1 (स्वाइन फ्लू) सबसे पहले नार्थ अमेरिका में शुरू हुआ था और इस बीमारी से भी लोग परेशान हुए थे लेकिन, इसका अब इलाज संभव है। इसी तरह कोरोना वायरस इंफेक्शन से भी लड़ा जा सकता है। पेरेंट्स इस समय जब एक बार से इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है, तो कोरोना वायरस के निमयों का पालन करें और बच्चे को भी घर में रहने के लिए समझाएं।