कोरोना के केसेस को कम करने के लिए वैक्सिनेशन पर सबकी निगाहें टिकी हैं। वैक्सिनेशन प्रक्रिया शुरू भी हो चुकी है। कई लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर कई अच्छे बुरे सवाल हैं। इसलिए हमने दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. अशोक सेठ से बात की। डॉ. अशोक ने कोविड-19 वैक्सीन की डोज वैक्सिनेशन प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही ली है। डॉ. अशोक हैलो स्वास्थ्य से बात करते हुए आगे कहते हैं कि वैक्सीन लेना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। मैनें वैक्सिनेशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद तीसरे दिन ही वैक्सीन लिया और मुझे कोई तकलीफ या साइड इफेक्ट्स नहीं हुए। मैंने वैक्सीन लेने के बाद पूरे दिन ठीक वैसे ही काम किया जैसे अन्य दिनों करता हूं। कोरोना वायरस से बचने के लिए जिस तरह से मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है, तो वहीं अब जब वैक्सीन की डोज दी जा रही है, तो वैक्सीन लेने से पीछे ना रहें। वैक्सिनेशन से डरे नहीं, क्योंकि वैक्सीन देने के पहले व्यक्ति की पूरी मेडिकल हिस्ट्री समझी जाती है। वैक्सीन लेने के बाद अगर आपको बुखार आता है या आप असहज महसूस करते हैं, तो इससे घबराएं नहीं। यह परेशानी अपने आप ही ठीक हो जायेगी। इसलिए वैक्सीन अवश्य लें और अगर आपको शारीरिक तकलीफ ज्यादा महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।
कोविड 19 वैक्सीन (covid 19 vaccine) से जुड़ी जरूरी बातें
हाल ही में देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन को मंजूरी दी गई थी, जिसके बाद लोगों को कोविड 19 वैक्सीन देने की शुरुआत हुई। कोविशील्ड एडेनोवायरस (एक सामान्य कोल्ड वायरस) के कमजोर और मॉडिफाइड वर्जन से बनी है। एसआईआई के सीईओ अदर पूनावाला के अनुसार इस वैक्सीन को बनाने में उन्होंने पिछले 7 -8 महीनों से कड़ी मेहनत की है। इतने लंबे समय से वो इस वैक्सीन को बनाने में लगे हैं और अब उनके पास लाखों की मात्रा में डोज तैयार है। अदर पूनावाला का कहना है कि कोरोना वायरस (corona virus) की इस वैक्सीन को बनाने में सबसे बड़ी चुनौती, जो उनके सामने थी वो थी “कम समय”। इसके साथ उन्हें यह भी पता नहीं था कि यह वैक्सीन काम करेगी या नहीं।
आमतौर, पर हर वैक्सीन को बनाने से पहले उसके फेज-3 के खत्म होने का इंतज़ार किया जाता है और इसके बाद उत्पाद को बनाया जाता है। लेकिन, इस वैक्सीन (covid 19 vaccine) के लिए उन्हें पहले ही काफी इंवेस्टमेंट करना पड़ा था। अभी उनके पास इस वैक्सीन की लगभग 50 मिलियन (5 करोड़) खुराक तैयार हैं, जो 25 मिलियन(2 .5 करोड़) लोगों के लिए पर्याप्त हैं। वो लगातार इस वैक्सीन का उत्पादन कर रहे हैं और आने वाले समय में इस उत्पादन को बढ़ा दिया जाएगा। इस कंपनी का यह भी मानना है कि आने वाले समय में यानी दो या तीन महीनों में वो लगभग दस करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन की डोज तैयार कर लेंगे। यही नहीं, भारत में वेक्सिनेशन के पहले फेज में लगभग तीस करोड़ लोगों को इस वैक्सीन का प्रयोग करने दिया जाएगा। इसकी पूरी तैयारी भी कर ली गई है।
कोविड 19 वैक्सीन : स्टोरेज
इस वैक्सीन को बहुत कम तापमान पर स्टोर किया जाता है। एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड कोविड -19 वैक्सीन (covid 19 vaccine) को कम से कम छह महीने तक सामान्य रेफ्रिजरेटेड कंडीशंस (2 ° C से 8 ° C) पर स्टोर, एक जगह से दूसरी जगह भेजा और संभाला जा सकता है। हालांकि हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज कम है इसलिए यह एक समस्या का कारण जरूर हो सकता है। ऐसा भी माना जा रहा है कि कोविशील्ड वैक्सीन(Covishield vaccine) की एक बोतल में दस डोज स्टोर है और इस बोतल को अगर एक बार खोल दिया जाता है, तो चार या पांच घंटे के अंदर इसका प्रयोग करना अनिवार्य है। अभी तैयार वैक्सीन को सही पैकिंग के साथ कोल्ड स्टोरेज में रखा गया है। जहां उनकी सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया गया है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भी इतने ही तापमान में स्टोर किया गया है।