ग्रीन कॉफी (Green Coffee) बीन्स, कॉफी फ्रूट्स के वे बीज होते हैं जो भुने हुए नहीं होते हैं। आपको बता दें कि नियमित रूप से भुने हुए कॉफी बीन्स की तुलना में ग्रीन कॉफी में क्लोरेजेनिक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरेजेनिक एसिड स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इसका बोटेनिकल नाम कॉफिया (Coffea) नाम है, जो कि रुबीएसी (Rubiaceae) फैमिली से आता है।
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साल 2012 में डॉ. ओजेड शो में प्रसारण होने के बाद ग्रीन कॉफी वजन घटाने को लेकर बहुत प्रसिद्ध हुई। मोटापा (Obesity), डायबिटीज (Diabetes), हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), अल्जाइमर (Alzheimer’s disease) और बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) में लोग ग्रीन कॉफी का इस्तेमाल करते हैं।
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ग्रीन कॉफी (Green Coffee) शरीर में कैसे काम करती है। इसको लेकर अभी ज्यादा शोध मौजूद नहीं है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप किसी डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें। हालांकि ऐसा माना जाता है कि ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरेजेनिक एसिड खून की नालियों (Blood Vessels) को प्रभावित करता है जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) कम होता है।
ऐसा मानना है कि ग्रीन कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड शरीर के ब्लड शुगर और मेटाबोलिज्म को प्रभावित करके वजन कम (Weight lose) करने में मदद करती है।
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