मॉडल के आधार पर, कफ की बनावट या तो स्वचालित या मैनुअल होती है। डिजिटल मॉनिटर श्रवण-बाधित (कम सुनने वाले) लोगों के लिए अच्छे हैं, क्योंकि ऐसी डिवाइस में स्टेथोस्कोप के माध्यम से दिल की धड़कन को सुनने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
डिजिटल मॉनिटर की कमियां (Disadvantage of Digital Monitor)
वहीं, डिजिटल मॉनिटर में भी कुछ कमियां हैं। शरीर की हलचल या अनियमित हृदय गति (Irregular heart beat) इसकी सटीकता को प्रभावित कर सकती है। कुछ मॉडल केवल बाएं हाथ पर काम करते हैं। इसके अलावा, डिजिटल मॉनिटर बहुत महंगे होते हैं और उन्हें बैटरी की भी आवश्यकता होती है।
घर पर ब्लड प्रेशर कैसे चेक करें? (Tips to check Blood Pressure at home)
अगर आप घर पर ही ब्लड प्रेशर जांचना चाहते हैं, तो इन निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो कर ब्लड प्रेशर चेक कर सकते हैं:
- प्रेशर चेक करने के लिए सबसे पहले मरीज के बाएं हाथ पर BP चेक करने का कफ बांधें। कफ को इस तरह से बांधा जाना चाहिए कि कफ का नीचे का हिस्सा कोहनी के ऊपर खत्म हो। इसके अलावा, कफ पर लगी दोनों नली मरीज के हाथ के अंदर की ओर होनी चाहिए।
- अब स्टेथोस्कोप को कान में लगाएं और रोगी की कोहनी पर डायाफ्राम को रखें।
- मशीन पर मौजूद वॉल्व को घुमाकर टाइट करें। रबर बल्ब को दबाते हुए BP Machine के प्रेशर को बढ़ाएं। कोहनी में पल्स की आवाज, जिस प्रेशर पर स्टेथोस्कोप से सुनना बंद हो जाती है, उससे 10 अंक ज्यादा तक प्रेशर को बढ़ाएं।
- वॉल्व को ढीला कर मशीन के प्रेशर को कम करें।
- बीपी मशीन (BP Machine) में पारा जिस अंक पर पहली बार स्टेथोस्कोप से पल्स की जो आवाज सुनाई देगी उसे कहीं पर नोट कर लीजिए। इसे सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं।
- अब धीरे-धीरे वॉल्व को घुमाकर ढीला करें और जब पल्स की आवाज सुनाई देना बंद हो जाए तो, अंक को नोट कर लें। इसे डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं।
- आखिरी में पूरा वॉल्व खोल दें और कफ को दबाकर पूरी हवा निकाल लें।
- ब्लड प्रेशर मशीन के इस्तेमाल के बाद फिर से इसके ठीक तरह से रख दें और बच्चों की पहुंच से दूर रखें।