अल्फाल्फा मटर परिवार का पौधा है। कई देशों में इसे पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम मेडिकागो सटिवा (Medicago Sativa) है। औषधीय गुणों से भरपूर अल्फाल्फा का इस्तेमाल प्राचीन समय से कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है। कई आयुर्वेदिक चिकित्सक इसका उपयोग दवाओं के निर्माण के लिए करते हैं। इसके बीजों को अंकुरित करके सेवन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व और खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। मधुमेह (Diabetes) से लेकर कैंसर (Cancer) जैसी घातक बीमारियों के उपचार में ये मदद करता है।
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अल्फाल्फा (Alfalfa) का उपयोग निम्नलिखित शारीरिक फायदों के लिये किया जाता है। जैसे-
अल्फाल्फा कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार है। बंदरों, खरगोश और चूहों पर किए गए एख शोध में इस बात की पुष्टि हुई कि अल्फाल्फा वजन को कम करने में मददगार है। एक स्टडी मनुष्यों पर भी की गई है, जिसमें 15 लोगों को रोजाना 40 ग्राम अल्फाल्फा दिन में तीन बार दिया गया। इन लोगों में एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल का स्तर 17 प्रतिशत तक कम देखने को मिला। अल्फाल्फा में सेपोनिन्स नामक कंपाउंड होते हैं, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करते हैं।
अल्फाल्फा को पारंपरिक समय से एंटी-डायबीटिक एजेंट के रूप में प्रयोग किया जाता आ रहा है। हाल ही में जानवरों पर की गई एक स्टडी में पाया गया कि अल्फल्फा सप्लिमेंट्स से न सिर्फ डायबीटिक जानवरों में एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल कम होता है, बल्कि बल्ड शुगर भी कंट्रोल होती है। एक दूसरी स्टडी के अनुसार, अल्फल्फा शुगर लेवल को कम करने के साथ पैंक्रियाज से इंसुलिन के निर्माण में वृद्धि करता है। इससे ब्लड शुगर के स्तर में कमी आती है और शरीर के मेटाबोलिक रेट में भी वृद्धि होती है।
अल्फाल्फा में अच्छी मात्रा में फाइटोएस्ट्रोजन कंपाउंड होते हैं, जो रासायनिक रूप से हॉर्मोन एस्ट्रोजन के समान हैं। फाइटोएस्ट्रोजन शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर की कमी के कारण मेनोपॉज के लक्षण को कम करने में मदद करता है। हालांकि पेरिमेनोपॉज (Perimenopause) से लेकर मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) के बाद तक डॉक्टर के पास नियमित रूप से चेकअप के लिए जाना चाहिए। मेनोपॉज होने के पहले से ही स्वास्थ्य देखभाल करना शुरू कर दें। रजोनिवृत्ति के बाद अगर वजायना से किसी तरह की ब्लीडिंग हो, तो आप तुरंत डॉक्टर से मिलें और अपनी परेशानी बताएं।
अल्फाल्फा में क्लोरोफिल जूस होते हैं, जो सांस संबंधित परेशानियों के उपचार में कारगर होता है। फेफड़ों और साइनस के कारण होने वाली सांस संबंधित परेशानियों के समाधान में ये मदद करता है।
पाचन संबंधित परेशानियों के लिए अल्फाल्फा काफी प्रभावी है। यह पेट की सूजन, गैस्ट्रिक, अपचन, मतली, पेट में अल्सर को दूर करने में सहायक है।
अल्फल्फा में एंटी-इन्फलामेटरी और एंटीऑक्सिडेंट प्रोपर्टीज मौजूद होती हैं, जो सूजन को कम करने के साथ-साथ शरीर में पीएच लेवल को बनाए रखने में मदद करता है।
इसमें मूत्रवर्धक गुण पाए जाते हैं, जो गुर्दे में पानी की प्रतिघारण जैसी परेशानियों को रोकते हैं। इसके सेवन से यूटीआई (UTI) और मूत्र पथ में संक्रमण जैसी परेशानियों से निजात मिलता है।
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इन परेशानियों के साथ-साथ अन्य परेशानी भी हो सकती है।
अल्फल्फा फाइबर का अच्छा स्त्रोत है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, फॉस्फोरस, विटामिन-सी और विटामिन-के शामिल होते हैं। यही खनिज तत्व शरीर को संपूर्ण पोषण प्रदान करते हैं और आप स्वस्थ्य रह सकते हैं।
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अधिकांश लोगों के लिए अल्फल्फा का सेवन सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए ये हानिकारक साबित हो सकता है।
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अगर आप गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं, तो अल्फाल्फा के सेवन से इन दवाओं का असर कम हो सकता है। इसलिए ध्यान रखें अगर आप गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करती हैं, तो एक्सपर्ट की सलाह लें।
यूनाइटेड स्टेटस डपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के रिसर्च अनुसार ब्लड थिनर (खून पतला) करने वाली दवाओं का असर कम हो सकता है, अगर आप अल्फाल्फा का सेवन करते हैं। इसलिए ब्लड थिनर मेडिसिन के सेवन के साथ-साथ अल्फाल्फा का सेवन न करें।
इन साइड इफेक्ट्स के साथ-साथ निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे:
सभी लोगों में ये साइड इफेक्ट्स नजर आए ऐसा जरूरी नहीं है। इसकी अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बलिस्ट या चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।
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हाई कोलेस्ट्रॉल पेशेंट्स इसे 5-10 ग्राम चाय के रूप में दिन में तीन बार ले सकते हैं।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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अल्फाल्फा निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे:
अगर आप अल्फाल्फा से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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