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आजकल की टेंशन भरी लाइफ में लोग चाय और कॉफी की बजाय ग्रीन टी (Green Tea) को ज्यादा महत्व देने लगे हैं. लोगों का मानना है कि चाय और कॉफी शरीर को कुछ पलों के लिए नुकसान पहुंचा सकते हैं, लेकिन यह शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता है इसलिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो यह थकान को दूर करने से ज्यादा मानसिक सतर्कता और सोच में सुधार के लिए किया जाता है.
हाल ही में हुए शोध के मुताबिक, ग्रीन टी जितना दिमाग को एकाग्रता प्रदान करता है,उससे कहीं ज्यादा शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है. ग्रीन टी डिप्रेशन, गैर-मादक वसायुक्त यकृत रोग, सूजन आंत्र रोग (अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग), वजन घटना, पेट की बीमारियां, उल्टी, दस्त में फायदेमंद है. इसके अलावा सिर दर्द, हड्डी की (ऑस्टियोपोरोसिस); पार्किंसंस रोग, दिल और रक्त वाहिकाओं के रोग, डायबिटीज, लो ब्लड प्रेशर, क्रोनिक फैटिग सिंड्रोम (सीएफएस), और गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) जैसे बीमारियों से लड़ने में भी सहायक होती है.
कुछ लोग कैंसर को रोकने के लिए इसका इस्तेमााल करते हैं. ग्रीन टी स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, पेट का कैंसर, गैस्ट्रिक कैंसर, फेफड़े का कैंसर, लीवर कैंसर, ठोस ट्यूमर कैंसर, ल्यूकेमिया और त्वचा के कैंसर से लड़ने में काफी सहायक मानी जाती है.
कैंसर के अलावा कुछ महिलाएं ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) से लड़ने के लिए इसका इस्तेमाल करती हैं. बता दें कि एचपीवी, जननांग मस्सा, गर्भाशय ग्रीवा (ग्रीवा डिसप्लेसिया) और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि का कारण बन सकती हैं।
गर्मियों के मौसम में तेज धूप के कारण कई लोगों को सनबर्न की समस्या हो जाती है. सनबर्न को खत्म करने के लिए लोग ग्रीन टी बैग्स का इस्तेमाल करते हैं. ग्रीन टी बैग्स का उपयोग आंखों के नीचे की थकान को कम करने के लिए, थकी हुई आंखों या सिरदर्द को खत्म करने के लिए भी किया जाता है. ग्रीन टी बैग्स को सिर पर रखने या फिर आंखों के नीचे वाले हिस्से पर रखने से न सिर्फ दर्द खत्म होता है, बल्कि काले घेरों से भी निजात मिलती है.
जिन लोगों को दांतों में दिक्कत होती है उन्हें अक्सर रक्तस्राव को रोकने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है.
कुछ लोग सर्दी और फ्लू से बचाव के लिए ग्रीन टी पीते हैं। दांत निकालने के बाद दर्द को कम करने के लिए माउथवॉश में इसका अर्क भी इस्तेमाल किया जाता है।
जननांगो पर होने वाले मस्सों को ठीक करने वाली ऑइंटमेंट में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
ग्रीन टी का उपयोगी हिस्सा पत्ती की कली, पत्ती और तना हैं। इसके पौधे के इन हिस्सों को एक साथ तेज भाप पर उबाला जाता है इस प्रक्रिया के दौरान, यह पॉलीफेनोल्स नामक महत्वपूर्ण अणुओं को बनाए रखने में सक्षम है होता है, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, पॉलीफेनोल्स सूजन और सूजन को रोकने, हड्डियों के बीच उपास्थि की रक्षा करने से रोकता है.
ताजा अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ग्रीन टी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के संक्रमण से लड़ने और सर्विक्स डिसप्लेसिया में असामान्य कोशिकाओं के विकास को कम करने में भी सक्षम है. हालांकि अभी तक यह बात सामने नहीं आई है कि ग्रीन टी इन चीजों में किस तरह से काम करती है.
ग्रीन टी में 2% से 4% कैफीन होता है. नए शोध के मुताबिक, कैफीन को तंत्रिका तंत्र, हृदय और मांसपेशियों को उत्तेजित करने के लिए माना जाता है, जो दिमाग में कुछ रसायनों को बाहर निकालता है, जिसको “न्यूरोट्रांसमीटर” कहा जाता है। कैफीन की मात्रा कम होने के कारण यह दिमागी विकास और कांस्ट्रेशन को बढ़ाने में मदद करती है. इसका इस्तेमाल करने से शरीर में मूत्र का उत्पादन बढ़ता है और ये बात तो आप जानते ही होंगे शरीर से जितना मूत्र बाहर निकलता है, उतनी ही बीमारियां भी शरीर से खत्म होती हैं. ग्रीन टी में एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं जो दिल की बीमारियों और शरीर में रक्त संचार बढ़ाने में मदद करती है.
इसका इस्तेमाल करने से पहले आपको डॉक्टर या फार्मासिस्ट या फिर हर्बल विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए, यदि
आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप बच्चे को फीडिंग कराती हैं तो अपने डॉक्टर के मुताबिक़ ही आपको दवाओं का सेवन करना चाहिए।
आप कोई दूसरी दवा लेते हैं जो कि बिना डॉक्टर की पर्ची के आसानी से मिल जाते हैं जैसे कि कोई हर्बल सप्लीमेंट।
इससे जुड़े प्रोडक्ट में मौजूद घटकों से आपको एलर्जी हो।
आप पहले से किसी तरह की बीमारी जैसे पथरी की समस्या से ग्रसित हैं।
आपको पहले से ही खाने पीने वाली चीजों, डाइ या किसी जानवर आदि से एलर्जी हो।
आप किसी सर्जरी या किसी एनास्थीसिया के इस्तेमाल से पहले अदरक का सेवन करना चाहते हैं तो पहले डॉक्टर से सलाह जरुर लें।
यह सिर्फ बड़ों के लिए नहीं बच्चों के लिए काफी फायदेमंद होती है. इसका इस्तेमाल अगर बच्चे गरारे करने के लिए करें तो यह काफी फायदेमंद होती है. गरारे करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि यह प्रक्रिया 90 दिनों तक ही हो, इससे ज्यादा दिनों तक इसको न दोहराएं.
गर्भावस्था और स्तनपान: यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को कैफीन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
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जैसा कि हम पहले भी आपको बता चुके हैं कि ग्रीन टी जितना सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, उतना ही नुकसानदायक भी हो सकती है. आइए जानते हैं इससे क्या क्या नुकसान हो सकते हैं
हालांकि हर किसी को ये साइड इफ़ेक्ट हों ऐसा ज़रुरी नहीं है। कुछ ऐसे भी साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफ़ेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
ग्रीन टी के सेवन से आपकी बीमारी या आप जो वतर्मान में दवाइयां खा रहे हैं उनके असर पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सेवन से पहले डॉक्टर से इस विषय पर बात करें।
एम्फ़ैटेमिन
एम्फ़ैटेमिन जैसी उत्तेजक दवाएं तंत्रिका तंत्र की गतिविधि तेज कर देती हैं. कई बार इस तरह की दवाइयां आपको दिल की धड़कन को बढ़ाने और शरीर में जलन की परेशानी का कारण बन सकती है. ग्रीन टी में मौजूद कैफीन तंत्रिका तंत्र को तेज कर सकता है। इन दवाइयों के साथ ग्रीन टी का इस्तेमाल करने से हार्ट की गति तेज हो सकती है और हाई बल्ड प्रेशर जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं.
कोकीन
कई बार दवाइयों में कोकीन पाया जाता है. गंभीर बीमारियों में डॉक्टरों द्वारा कोकीन युक्त दवाई दी जाती है. ताकि मरीजों को नींद अच्छे से आए. जिन लोगों को अनिंद्रा की समस्या होता है उन्हें भी ड्रग्स युक्त दवाई दी जाती है, जो लोग इस तरह की नींद की समस्या का सामना कर रहे हैं उन्हें ग्रीन टी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.
कैफीन
कैफीन (ग्रीन टी में निहित) और एफेड्रिन दोनों उत्तेजक दवाएं हैं, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है. इफेड्रिन के साथ ग्रीन टी लेने से बहुत अधिक उत्तेजना और कभी-कभी गंभीर दुष्प्रभाव और हार्ट की प्रॉब्लम भी हो सकती है. एक ही समय पर कैफीन युक्त उत्पादों और एफेड्रिन लेने से इंसान को बचना चाहिए. नए शोध के मुताबिक एक साथ एफेड्रिन और कैफीन युक्त उत्पादों का सेवन करने से शरीर को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प ना मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।
हाई कोलेस्ट्रॉल: ग्रीन टी का इस्तेमाल हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए किया जा सकता है. ग्रीन टी के अर्क में 150 से 2500 मिलीग्राम कैटेचिन होते हैं, जिसका उपयोग दिन में दो बार 24 सप्ताह करने से फायदेमंद साबित हो सकता है.
सर्विक्स डिसप्लासिया की कोशिकाओं के असामान्य विकास: 200 मिलीग्राम ग्रीन टी एक्सट्रैक्ट दिन में दो बार लेने से इस बीमारी से निजात मिल सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक, 8 से 12 सप्ताह के लिए ग्रीन टी का इस्तेमाल दिन में दो बार करने से गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं के असामान्य विकास को रोकने में मदद कर सकती है.
हाई ब्लडप्रेशर: 150 ग्राम पानी के साथ 3 ग्राम टी बैग को उबाल कर बनाए गए इस पदार्थ को खाने के 2 घंटे बाद रोजाना पीने से हाई ब्लडप्रेशर से निजात मिल सकती है. शोध के मुताबिक, इस प्रोडक्ट का इस्तेमाल 4 सप्ताह तक रोजाना करना चाहिए, अगर इसके बाद भी आप इसे पीना चाहते हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लीजिए.
लो ब्लड प्रेशर: जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, वह इस बात से पूरी तरह वाकिफ होंगे इस दौरान शरीर पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है. शरीर काम करने के काबिल नहीं रहता है. ऐसे लोगों को लंच से एक घंटे पहले ग्रीन टी का सेवन जरूर करना चाहिए.
ऑस्टियोपोरोसिस: यह एक गंभीर बीमारी है जिसका पता लोगों को देरी से चलता है. अगर आप भी इससे जूझ रहे हैं तो 500 मिलीग्राम ग्रीन टी पॉलीफेनोल्स युक्त कैप्सूल दिन में दो बार ले सकते हैं. आप इन कैप्सूल का सेवन 24 सप्ताह कर सकते हैं. (नोटः ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज अगर ग्रीन टी कैप्सूल का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो एक बार डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें)
जो लोग ग्रीन टी का सेवन कर रहे हैं उनमें ज्यादातर लोग इसके बैग्स का यूज करते हैं. शुरुआती दौर में जब इसका इस्तेमाल किया जाता है तो थोड़ी सी परेशानी होती है, क्योंकि इसका थोड़ा सा कड़वा स्वाद आपकी जीभ को भाता नहीं है. हालांकि वक्त के साथ-साथ इसकी आदत हो जाती है. आप अगर नया-नया ग्रीन टी का सेवन शुरू किया है तो आप अपने कप में एक चम्मच शहर को मिला सकते हैं, ताकि इसका स्वाद थोड़ा सा बदल जाए. आप चाहे तो ग्रीन टी के कैप्सूल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. बाजार में ग्रीन टी के कैप्सूल 50 से 150 मिलीग्राम पॉलीफेनोल्स में आसानी से उपलब्ध हैं.
अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की जांच करने के लिए इस कैलक्युलेटर का उपयोग करें और पता करें कि क्या आपका वजन हेल्दी है। आप इस उपकरण का उपयोग अपने बच्चे के बीएमआई की जांच के लिए भी कर सकते हैं।
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