‘हर्ब’ शब्द लैटिन शब्द ‘हर्बा’ और पुराने फ्रेंच शब्द ‘हर्बे’ से निकला है। हर्ब (जड़ी बूटी) हमारे जिंदगी का अभिन्न अंग हैं। हम कई सालों से हर्ब्स का यूज कर रहे हैं, लेकिन उनके अनेक गुणों से अनजान रहकर। दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली हल्दी, दालचीनी से अदरक तक सब हर्ब हैं। आज के समय में हर्ब पौधे किसी भी भाग जैसे फल, बीज, तना, फूल, पत्ती, जड़, छाल आदि को कहा जाता है। पहले के समय में सिर्फ नॉन बुडी प्लांट के लिए हर्ब शब्द का उपयोग किया जाता था। प्राचीन समय से यूनानी, मनुस्मृति, इजिप्टियन और चायनीज इतिहास में हर्ब का उपयोग मिलता आया है। इस बात के भी प्रमाण मिलते हैं कि यूनानी हकीम, भारतीय वैद्य और यूरोपियन कल्चर में 4000 साल से ज्यादा समय से हर्ब्स का उपयोग मेडिसिन के तौर पर कर रहे हैं। इससे समझा जा सकता है कि हर्ब और हर्बल्स का इतिहास काफी पुराना है। अब बात उठती है कि हर्बल्स क्या हैं? तो आइए आगे इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
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हर्बल्स क्या हैं?
ऐसे चीजें जो हर्ब (जड़ी-बूटी) से बनी होती हैं। उन्हें हर्बल कहा जाता है। हर्ब (जड़ी-बूटी) पौधा या पौधे का कोई भाग हो सकती है। जिसका उपयोग खुशबू, स्वाद और चिकित्सा में किया जाता है। भारतीय इतिहास में कई दशकों से जड़ी-बूटियों का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार और होम रेमेडीज में किया जाता है। हर्बल मेडिसिन डायट्री सप्लिमेंट्स का एक प्रकार है। ये टैबलेट, कैप्सूल, पाउडर, टी, फ्रेश और ड्राय प्लांट के रूप में बेची जाती हैं। लोग हर्बल्स का उपयोग अपनी हेल्थ को इम्प्रूव करने और उसे मैंटेन करने के लिए करते हैं।
ज्यादातर लोग हर्बल्स का उपयोग करते वक्त ऐसा सोचते हैं कि ये नैचुरल प्रोड्क्ट्स हैं तो ये सेफ होंगे और सेहत के लिए अच्छे होंगे, लेकिन ऐसा हो जरूरी नहीं है। दरअसल हर्बल्स की टेस्टिंग ड्रग्स की तरह नहीं होती है। कुछ हर्ब्स बहुत नुकसानदायक भी हो सकती हैं। वहीं कुछ हर्बल्स प्रोडक्ट ओवर द काउंटर दवा और प्रिस्क्रिप्शन ड्रग्स के साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं। हर्बल्स का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें।
हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुमान के अनुसार दुनियाभर में करीब 80 प्रतिशत लोग स्वास्थ्य की देखभाल के लिए हर्बल मेडिसिन का उपयोग कर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लगभग 21,000 पौधों की प्रजातियों को औषधीय पौधों के रूप में इस्तेमाल करने की क्षमता है।
हर्बल्स का इस्तेमाल आप किस रूप में कर रहे हैं यह इस पर निर्भर करता है। जैसे कि हम ऊपर बता चुके हैं कि हर्बल्स मेडिसिन टैबलेट, कैप्सूल, पाउडर, टी, फ्रेश और ड्राय प्लांट के रूप में उपलब्ध हैं, तो अगर आप किसी जड़ी बूटी का उपयोग चाय के रूप में कर रहे हैं तो आपको उसकी चाय पीनी होगी। वहीं अगर आप इसे चूर्ण के रूप में ले रहे हैं तो उसे पानी या शहद के साथ लेना होगा। किसी भी हर्बल प्रोडक्ट का यूज करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। जैसा कि आप जान चुके हैं कि घरों में उपलब्ध हल्दी, दालचीनी, अजवाइन, मेंथी आदि भी हर्ब्स ही हैं। अगर आप इनका उपयोग सीमित मात्रा में भोजन में कर रहे हैं तब तक तो ठीक है, लेकिन अगर आप किसी मात्रा को डोज की तरह ले रहे हैं तो कृपा डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
हर्बल्स के इस्तेमाल से पहले ध्यान रखने वाली बातें (Precautions for using herbs)
दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नहीं है। इनकी सुरक्षा का आकंलन करने के लिए अभी अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। कई लोग डॉक्टर की सलाह के बिना प्रिस्क्राइब्ड ड्रग्स के साथ हर्बल्स का यूज करते हैं। जो कि सरासर गलत है। इसलिए अगर आप किसी प्रकार के हर्ब का यूज कर रहे हैं तो निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखें।
अगर महिला प्रेग्नेंट हैं या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं
ऑनलाइन मिलने वाली हर्ब्स से रहें सावधान – Beware of Online Medicines
अगर आप हर्ब या हर्बल मेडिसिन का उपयोग कर रहे हैं तो हमेशा इन्हें जानकार डॉक्टर और फर्मासिस्ट से खरीदें। ऑनलाइन इन प्रोडक्ट्स को खरीदते वक्त सावधानी बरतें। ऑनलाइन उपलब्ध हर्ब की क्वालिटी और स्टेंडर्ड अच्छा हो ऐसा जरूरी नहीं है। ऑनलाइन उपलब्ध कुछ प्रोडक्ट्स में लेड, मरकरी और शीशा जैसे हानिकारक तत्व पाए गए हैं जो सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकते हैं।
अगर आप कोई अन्य दवा ले रहे हैं
किसी भी स्वास्थ्य स्थिति, सर्जरी या अन्य कारणों से अगर आप किसी भी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो उसके बारे में पहले ही अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट को जानकारी दें। क्योंकि आपके द्वारा ली जाने वाली किसी भी दवा के साथ हर्ब या इसमें मौजूद तत्व किसी तरह की प्रतिक्रिया कर सकते हैं। अगर आप एस्प्रिन, डायृरेटिक्स (diuretics), नॉनस्टेरियोडल एंटी इंफ्लामेट्री ड्रग्स का यूज कर रहे हैं तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट किए बिना हर्बल सप्लिमेंट्स का यूज नहीं करना चाहिए।
रिस्क- इसके साथ किसी भी प्रकार का हार्ट से संबंधित मेडिकेशन नहीं लेना चाहिए। यह ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है।
एलो (Aloe)- इसका उपयोग कॉन्सिटपेशन (constipation) के इलाज में किया जाता है।
रिस्क- जब आप इसे इंटरनली लेते हैं तो यह पौटेशियम के लेवल को कम कर सकती है। इसलिए अगर आप एलो का उपयोग कर रहे हैं तो ड्यूरेटिक्स और डायजोक्सिन (Digoxin) का उपयोग न करें।
ब्लैक कोहोश (Black Cohosh)- इसका उपयोग मेनोपॉजल लक्षणों से राहत दिलाने के लिए किया जाता है।
रिस्क- आप इसे एंटीहायपरटेंसिव (antihypertensive) मेडिसिन के साथ लेते हैं तो यह ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है।
जिनसेंग (Ginseng)-इसका यूज एंटी एंजिंग, शारीरिक और मानसिक क्षमता को बढ़ाने, सेक्शुअल परफॉर्मेंस बढ़ाने और इम्यूनिटी को बूस्ट करने में किया जाता है।
रिस्क- जो लोग हाई ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे हैं उन्हें इसका यूज नहीं करना चाहिए।
हर्बल्स का उपयोग किन स्वास्थ्य समस्याओं में किया जाता है?
आपको बता दें कि इस पृथ्वी पर हजारों प्रकार के हर्ब्स मौजूद हैं। जिनका उपयोग स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है। आइए जानते हैं कुछ विशेष हर्ब्स और उनके उपयोग के बारे में।
हल्दी
सबसे पहले शुरुआत करते हैं हल्दी से। यह बेहद पावरफुल हर्ब है। यह अदरक की फैमिली से आती है जो इंडिया, चीन और इंडोनेशिया में उगती है। इसमें कई प्रकार के कंपाउंड पाए जाते हैं जिनमें मेडिकल प्रॉपर्टीज होती हैं। उदाहरण के लिए हल्दी में करक्युमिन पाया जाता है जो कि एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है जो बॉडी के एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम को बूस्ट करता है। हल्दी मेडिशिनल हर्ब है जो सबसे ज्यादा यूज की जाती है।
इस बारे में क्लीनिकल आयुर्वेदिक डाॅक्टर अर्पिता सी राज का कहना है कि आयुर्वेद में कई ऐसी फूड हैं, जो कई प्रकार के चमत्कारी गुणों से भरपूर हैं। जो किचन में भी बड़े आसानी से पाए जाते है, जैसे कि हींग, जीरा, अजवायन, मेथी और सरसो आदि। हल्दी और दालचीनी भी, यह सभी चीजें डायबिटीज और हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए रामबाण मानी जाती है। जिसे दिन भर में खाने के भारतीय मसालों के तौर पर शामिल किया जा सकता है। इनमें कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, जोकि कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी रोकते हैं। हल्दी, अदरक, अजवायन , दालचीनी और नींबू का उचित मात्रा में सेवन रोज जरूर करना चाहिए।
डिप्रेशन कम करने में प्रभावी
कुछ ह्यूमन स्टडीज में ऐसा दावा किया गया है कि हल्दी एक एंटी डिप्रसेंट की तरह काम करती है। इसके साथ ही कई एनिमल स्टडीज में भी इस बात की पुष्टि की गई है कि यह डिप्रेशन के लक्षणों में कमी लाती है। इस विषय पर जर्नल फाइटोथेरिपी रिसर्च ने एक स्टडी पब्लिश की जिसमें 60 लोगों को शामिल किया गया था जो मेजर डिप्रेसिव डिअसॉर्डर से पीड़ित थे। उन पर करक्यूमिन का पॉजिटिव इफेक्ट दिखाई दिया।
इंफ्लामेशन को कम करने में प्रभावी
करक्यूमिन इंफ्लामेशन को कम करने के लिए जाना जाती है। ऑन्कोजीन (Oncogene Journal) जर्नल में प्रकाशित स्टडी के अनुसार कई एंटी इंफ्लामेट्री कंपाउंड के अध्ययन के बाद यह पाया गया कि एस्प्रिरिन और आईबूप्रोफेन कम प्रभावी है वहीं करक्यूमिन सबसे प्रभावी एंटी इंफ्लामेट्री कंपाउंड में से एक है।
अर्थराइटिस में उपयोगी
करक्यूमिन एंटी इंफ्लामेट्री और पेन कम करने वाली विशेषताओं के कारण यह अर्थराइटिस में भी बेदह उपयोगी है।
कैंसर का इलाज
हल्दी कैंसर का नैचुरली इलाज के लिए जानी जाती है।
डायबिटीज मैनेजमेंट
ब्लड शुगर लेवल को कम करने के साथ ही इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने के लिए हल्दी को शामिल करने से बेहतर कोई दूसरा प्राकृतिक उपचार नहीं है। इसके साथ ही हल्दी पेट जुड़ी समस्याओं जैसे कि इंफ्लामेट्री बॉवेल डिजीज आदि को मैनेज करने में मदद करती है।
क्रोनिक आई इंफ्लामेशन को दूर करने में उपयोगी
1999 में आई क्लिनिकल स्टडी के अनुसार करक्यूमिन आंखों के क्रोनिक इंफ्लामेशन से सुरक्षा करने में सक्षम है।
2. अदरक
अदरक सबसे पहले भारत और चीन में उगाया गया था। यह एक टॉप क्लास हर्ब थी जिसने जड़ी बूटी और मसालों के व्यापार को प्रोत्साहित किया। अदरक का उपयोग अल्टरनेटिव मेडिसिन के तौर पर कई तरीके से किया जाता है। इसमें विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। इसके प्राइमरी कंपाउंड में जिंजरोल, शोगोल, जिंजिबरिन, और जिंजरोन शामिल हैं। अदरक निम्न स्वास्थ्य समस्याओं में उपयोगी है।
यह जी मिचलाना, मॉर्निंग सिकनेस और सी सिकनेस को दूर करने में प्रभावी है।
यह मसल्स पेन और सोरनेस को कम करता है
एंटी इंफ्लामेट्री गुण होने के कारण यह ऑस्टियोअर्थराइटिस के इलाज में मदद करता है
ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है और हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स को कम कर सकता है।
क्रोनिक इनडायजेशन को कम करने में यह मददगार है
जिंजर पाउडर पीरियड्स के दर्द को कम करता है
यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है
यह ब्रेन फंक्शन को ठीक करके अल्जाइमर डिजीज से प्रोटेक्ट कर सकता है।
रोजमेरी मेडिटेरियन रीजन की हर्ब है। ग्रीक्स का ऐसा विश्वास है कि रोजमेरी ब्रेन फंक्शन और मेमोरी को बढ़ाती है। रोजमेरी में एक्टिव इंग्रीडेंट को रोजमेरिनिक एसिड कहा जाता है। यह एलर्जिक रिस्पॉन्स और नेजल कंजेशन को ठीक करती है। इसके दूसरे फायदे भी हैं आइए जानते हैं उनके बारे में।
हार्ट के लिए उपयोगी
रोजमेरी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री गुण पाए जाते हैं। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में सहायक है। साथ ही यह इम्यून सिस्टम को भी स्ट्रॉन्ग करती है।
पेट के लिए बेहतरीन
रोजमेरी पेट के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। यह डायजेस्टिव सिस्टम को बेहतर बनाती है। खट्टी डकार और अपच जैसी पेट की समस्याओं के लिए उपयुक्त औषधि मानी जाती है।
रोजमेरी मूड को अच्छा रखने और स्ट्रेस को कम करने में भी मददगार है।
यह सांस की दुर्गंध को दूर करने में भी मदद करती है।
दालचीनी में कई मेडिसिनल प्रॉपर्टीज होती हैं। जिसमें सिनामेट, सिनामिक एसिड और कई प्रकार के एसेंशियल ऑइल शामिल हैं। इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम और पौटेशियम आदि भी पाया जाता है। यह पेड़ों की अंदरूनी छाल से बनती है। इसका उपयोग पाउडर और ठोस लकड़ी के टुकड़े के रूप में किया जाता है। प्राचीन समय से यह अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती है। आइए जानते हैं किन स्वास्थ्य समस्याओं में इसका उपयोग किया जाता है।
दालचीनी ब्लड शुगर लेवल को कम करती है
इसमें एंटी डायबिटिक इफेक्ट होते हैं
यह एंटी इंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर है इसलिए इंफ्लामेशन को दूर करती है
यह हार्ट डिजीज के रिस्क को कम कर सकती है
यह बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन से लड़ने में मदद करती है
लहसुन का उपयोग सब्जियों और दालों में करते हुए आपने कभी नहीं सोचा होगा कि यह एक शानदार औषधि है। लहसुन का उपयोग पिछले 5000 सालों से किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि इजिप्टियन्स ने पिरामिड बनाने वाले वर्कर्स को लहसुन खिलाया था। इसके साथ ही ग्रीस में ऑलम्पिक एथलीट्स को इस पावरफुल हर्ब को दिया गया था। आपको बता दें कि लहुसन में ना सिर्फ एंटी इंफेक्शन प्रॉपर्टीज हैं ब्लकि यह इम्यून सिस्टम को भी बूस्ट करता है। लहसुन में विटामिन बी और सी, मैग्नीज, सेलेनियम, आयरन, कॉपर और पौटेशियम होता है। इसके साथ ही इसमें एलीसिन (Allicin) जो बैक्टीरिया से लड़ने का काम करता है। निम्न स्वास्थ्य स्थितियों में इसका उपयोग किया जाता है।
यह कैंसर से लड़ने में मदद करता है
इंफ्लामेशन से लड़ने के साथ ही यह कान दर्द और दांत के दर्द को भी दूर करता है
यह कफ दूर करता है। साथ ही यह स्टफी नोज और नेजल कंजेशन को ठीक करता है
फ्लैक्स सीड्स बीज और ऑइल दोनों के रूप में उपलब्ध हैं। इसे सुरक्षित प्लांट बेस्ड डायट्री सप्लिमेंट्स माना जाता है। यह अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेट्री गुणों के लिए जाने जाते हैं। इसमें अल्फा लिनोलेनिक एसिड, फैटी एसिड पाए जाते हैं साथ ही ये कैलोरीज, प्रोटीन और फाइबर का अच्छा सोर्स हैं। निम्न स्वास्थ्य समस्याओं में इनका उपयोग किया जाता है।
कुछ स्टडीज में ये बात सामने आई है कि फ्लैक्स सीड्स कोलोन कैंसर को कम कर सकते हैं।
यह ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए जाने जाते हैं
यह मोटापा कम करने के लिए भी फेमस है
7. अश्वगंधा
यह जानी मानी जड़ी बूटी है। इसके जड़ों और बीजों का उपयोग हर्ब के रूप में किया जाता है। अश्वगंधा में ट्राइथिलीन नाम का कंपाउंड मौजूद होता है जो सुकून की और पर्याप्त नींद लाने में मदद करता है। इसके साथ ही इसके कई दूसरे लाभ भी हैं:
यह गठिया के दर्द को कम कर सकता है
अस्थमा और पीठ दर्द में यह उपयोगी है
पीरियड से जुड़ी परेशानियां में इसका उपयोग होता है
सेक्स ड्राइव को बढ़ाने में भी इसका उपयोग किया जाता है
लिवर डिजीज को ठीक करने में भी यह बेहद उपयोगी है
इनके अलावा भी कई ऐसे हर्ब हैं जिनका उपयोग कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए होता है।
8. इचिनेशिया (echinacea) यह इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करने का काम करती है।
9. डोंग काई (dong quai) यह महिलाओं से जुड़ी समस्याओं में उपयोगी है।
10.टी ट्री ऑइल (Tea Tree oil) इसका उपयोग मुंहासे, घाव, डेंड्रफ और कीड़े के काटने पर किया जाता है।
क्या हर्बल्स खाद्य पदार्थों के साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं?
हर्बल्स या हर्बल्स मेडिसिन का उपयोग करना कई लोगों के रूटीन में शामिल होता है, लेकिन अनचाहे फूड रिएक्शन से बचने के लिए हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। हर्ब्स या ड्रग का बॉडी पर प्रभाव उम्र, जेंडर, वजन, डोज मेडिकल कंडिशन आदि पर भी निर्भर करता है। अगर हम हर्ब्स के साथ कुछ खाद्य पदार्थों का उपयोग कर रहे हैं तो इनका असर कम होने के साथ ही बुरा भी हो सकता है। आगे जानते हैं इस बारे में।
अगर आप किसी फूड का सेवन करते हैं और यह आपके द्वारा लिए जा रहे हर्ब या ड्रग को प्रभावित करता है, तो इसे फूड-ड्रग/हर्ब इंटरैक्शन कहा जाता है। वह फूड उस हर्ब को काम करने रोक सकता है या साइड इफेक्ट्स का कारण भी बन सकता है।
अगर आप किसी हर्ब का उपयोग कर रहे हैं तो अंगूर के जूस का सेवन करने से बचें। यह हर्ब्स के साथ इंटरैक्ट कर सकता है।
डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कि दूध, योगर्ट और चीज भी हर्बल मेडिसिन के साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं। अगर आप इनका उपयोग कर रहे हैं तो हर्ब का उपयोग करने के 1-2 घंटे पहले इसका यूज करें।
एल्कोहॉल डायबिटीज के उपचार में उपयोग की जा रही हर्ब्स को प्रभावित कर सकती है। इसके साथ ही पेन रिलीवर हर्ब का उपयोग भी एल्कोहॉल के साथ नहीं किया जाना चाहिए।
कौन सी ऐसी डायट्स हैं, जिसमें हर्बल्स का इस्तेमाल होता है?
कुछ डायट ऐसी हैं जिनमें हर्बल्स का यूज किया जाता है।
आयुर्वेदिक डायट
आयुर्वेदिक डायट में हर्बल्स का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह ऐसी डायट जिसमें आयुर्वेद को फॉलो किया जाता है। यह शरीर के दोषों पर आधारित होती है। यानी पित्त दोष के लिए अलग डायट और वात और कफ के लिए अलग। आयुर्वेदिक डायट एक प्रकार का ईटिंग प्लान है जिसमें अपने दोष और बॉडी टाइप के आधार पर कब, क्या और कैसे खाना है ऐसी गाइडलाइन फॉलो की जाती है। आगे जानिए इस डायट में कौन से हर्ब्स का यूज किया जाता है।
पित्त दोष के अपनाए जाने वाली डायट में उपयोग की जाने वाली हर्ब- काली मिर्च, जीरा, दालचीनी, हल्दी, धनिया खाना चाहिए।
वात दोष के लिए फॉलो की जा रही डायट में उपयोग की जाने वाली हर्ब- इलायची, अदरक, जीरा, ऑरगेनो, काली मिर्च, लोंग और तुलसी, अजवायन शामिल है। इस डायट में अजमोद, अजवायन के फूल, और धनिया के बीज हर्ब खाने की मनाही होती है।
कफ दोष के लिए फॉलो की जाने वाली डायट में यूज होने वाली हर्ब- जीरा, काली मिर्च, हल्दी, अदरक, तुलसी, अजावायन शामिल है।
वेट लॉस डायट
वेट लॉस डायट में भी हर्ब्स का उपयोग होता है। ऐसी कई हर्ब्स हैं जो क्रेविंग को दूर करने के साथ ही फैट बर्न करती हैं। जानते हैं इनके बारे में
मेंथीदाना (Fenugreek)- कई स्टडीज में ऐसा खुलासा किया गया है कि मेंथी भूख को कंट्रोल कर फूड इंटेक को कम करने में मदद करती है।
केयेन पेपर (Cayenne Pepper)- यह एक प्रकार की लाल मिर्च होती है। जो कई डिशेज में स्पाइसी फ्लेवर लाने के लिए जानी जाती है। इसमें कैप्साइसिन तत्व पाया जाता है जो मेटाबॉलिज्म को फास्ट करता है और भूख को कम करता है।
कारलुमा फिम्ब्रिआटा (Caralluma Fimbriata) इस हर्ब का यूज कई डायट में किया जाता है। यह भूख को प्रभावित करती है।
सेक्स ड्राइव बढ़ाने वाली डायट
ऐसी कई सारी हर्ब्स (जड़ी बूटी) हैं जो सेक्शुअल परफॉर्मेंस में सुधार करने के लिए जाती हैं। इनका उपयोग सेक्स ड्राइव बढ़ाने वाली डायट में किया जा सकता है। जिसमें अश्वगंधा, शिलाजीत, रेड जिनसेंग शामिल है।
अब तो आप समझ गए होंगे हर्बल्स हमारे लिए कितने उपयोगी है और इनका उपयोग कैसे किया जाना चाहिए। उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और हर्बल्स (जड़ी बूटी) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
डिस्क्लेमर
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Is the clinical relevance of drug-food and drug-herb interactions limited to grapefruit juice and Saint-John’s Wort/https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27693910/Accessed on 6th January 2020