के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
सफेद हल्दी एक पौधा है जो हल्दी के परिवार Zingiberaceae से ही ताल्लुक रखती है। इसका बोटैनिकल नाम कुरूकुमा जेडोरिआ (Curcuma zedoaria) है। स्वाद में ये कड़वी होती है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण इसका प्रयोग कई दवाओं में किया जाता है। इसका इस्तेमाल मसालों में नहीं किया जाता है लेकिन, इसमें औषधिय गुण होने के कारण यह कई तरह की शारीरिक परेशानी को दूर करने के लिए किया जाता है। सफेद हल्दी भारत के अलावा इंडोनेशिया में भी आसानी से उपलब्ध है। इसके सेवन से शरीर को लाभ मिलता है। इसके सेवन से पहले हेल्थ एक्सपर्ट से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
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सफेद हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। चोट लगने पर या इसके पेस्ट को लगाने से आराम मिलता है। ये जख्मों को भरने का काम करती है। इसलिए घर में अगर किसी को चोट लग जाती है, इसका लेप लगाया जा सकता है। इससे जल्दी आराम मिल सकता है लेकिन, अगर इसके लगाने से घाव लंबे वक्त से ठीक नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स महिलाओं और पुरुषों में सेक्स संबंधित परेशानियों को दूर करते हैं। महिलाओं में ये गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है, जिससे प्रसव में आसानी होती है। इसलिए अगर आप गर्भवती हैं या प्रेग्नेंसी प्लान कर रहीं हैं तो इसके सेवन से आपको लाभ मिल सकता है। वहीं पुरुषों में ये स्तंभन दोष (erectile dysfunctions) को ठीक करता है और कामोत्तेजना बढ़ाने में मदद करता है।
इसका उपयोग खून को साफ करने और शरीर को डिटॉक्सीफाई करने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा ये इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। इम्यून सिस्टम को सट्रॉन्ग रखने से बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। यही नहीं इसके सेवन से शरीर का तापनान भी नियंत्रित रहता है। इसलिए बुखार में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है लेकिन, बुखार ठीक न होने पर डॉक्टर से संपर्क करना सही विकल्प हो सकता है।
इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लमेटरी प्रॉपर्टीज दर्द और सूजन को दूर करते हैं।
व्हाइट टर्मरिक के जूस का उपयोग यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और यूरिन संबंधित परेशानियों को दूर करने में लाभदायक है।
सफेद हल्दी पेट में दर्द, अपच, पेट में ऐंठन, भूख न लगना, पेट फूलना, दस्त आदि में फायदा करती है। ये तनाव से संबंधित अल्सर को रोकने में भी सक्षम है।
कुछ रिसर्च के अनुसार अगर आपको डायबिटीज की समस्या है, तो सफेद हल्दी काफी फायदेमंद हो सकती है। इसके सेवन से ब्लड में शुगर लेवल कंट्रोल रहता है लेकिन, इसके सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
लंग्स से जुड़ी बीमारी के लिए यह काफी लाभदायक होता है। इसके संतुलित मात्रा में और नियमित सेवन से सांस से जुड़ी परेशानी ठीक हो सकती है। इसका सेवन अस्थमा के मरीज के लिए भी लाभकारी हो सकता है।
सफेद हल्दी में एंटी-इंफ्लमेटरी, एंटीफंगल, एंटीमाइक्रोबल, एंटी-एमोयबिक, एंटी-अल्सर, एंटी-वेनम, एनल्जेसिक, एंटी-डिजीज गुण होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम करते हैं। ये कोल्ड, फ्लू, डायजेस्टिव डिसऑर्डर, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल परेशानियों को दूर करने में मददगार है।
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हर्बल सप्लिमेंट के उपयोग से जुड़े नियम, दवाओं के नियमों जितने सख्त नहीं होते हैं। इनकी उपयोगिता और सुरक्षा से जुड़े नियमों के लिए अभी और शोध की जरूरत है। इस हर्बल सप्लिमेंट के इस्तेमाल से पहले इसके फायदे और नुकसान की तुलना करना जरूरी है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए किसी हर्बल विशेषज्ञ या आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क करें।
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इससे निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे-
जरूरी नहीं सभी में ये साइड इफेक्ट्स दिखाई दें। इनसे अलग साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अगर आपको इसकी अधिक जानकारी चाहिए तो एक बार किसी चिकित्सक या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें।
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आमतौर पर इसे 3 से 10 ग्राम लिया जाता है। इसके अलावा ये आपकी हेल्थ कंडिशन पर भी निरभर करता है। बहुत सारे हर्बलिस्ट इसकी चाय पीने की सलाह देते हैं जो 1 से 1.5 ग्राम क्रश और पिसी हुई सफेद हल्दी से बनाई जा सकती है।
यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में न करें। डॉक्टर या हर्बलिस्ट की राय के बिना इस दवा का इस्तेमाल नहीं करें।
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यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
अगर आप सफेद हल्दी से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
डिस्क्लेमर
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