के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. स्नेहल सिंह · होम्योपैथी · Wellness Online Clinic Healing Arts
गार्सीनिया (Garcinia) इंडोनेशिया के मूल में पाया जाने वाले एक पौधा होता है जो औषधीय गुणों से भरा होता है। यह एक ऐसा फल है जिसका आकार अंगूर के दाने से लेकर संतरे तक हो सकता है। यह पीले, हरे, कभी-कभी रंग में लाल में हो सकते हैं। आकार में यह एक छोटे कद्दू की तरह होता है। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से वजन घटाने के लिए किया जाता है। हालांकि, लोग इसका इस्तेमाल खाना बनाने के लिए भी करते हैं।
इसमें विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसमें क्सानथोंस के भी गुण होते हैं। साथ ही, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी-एंजियोजेनिक के साथ-साथ कैंसर से लड़ने के गुण भी पाए जाते हैं। इसके फायदे पाने के लिए आमतौर पर लोग इसका इस्तेमाल पारंपरिक व्यंजन बनाने के लिए मसाले की तरह करते हैं। हालांकि, मार्केट में इसका पाउडर भी मिलता है। जिसका सेवन दूध, पानी, रस या स्मूदी के साथ मिलाकर किया जा सकता है। आइये जानते हैं क्या है इस औषधि के बारे में और कैसे करें इसका उपयोग कर सकते हैं?
गार्सीनिया (Garcinia) का उपयोग निम्नलिखित चीजों में किया जाता हैः
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इसमें रासायनिक हाइड्रोक्सीसिट्रिक एसिड (HCA) होता है। इस पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि इसमें पाए जाना वाला हाइड्रोक्सीसिट्रिक एसिड शरीर में फैट स्टोरेज को रोकता है, भूख को नियंत्रित कर सकता है और व्यायाम की क्षमता को बढ़ा सकता है। हालांकि, ये प्रभाव मनुष्यों में होते हैं या नहीं यह स्पष्ट नहीं है।
इस औषधि का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए।
यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प ना मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।
गर्भावस्था और स्तनपान : अगर आप गर्भवती हैं या फिर छोटे शिशुओं को स्तनपान करवा रही हैं तो इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लीजिए। इस पर शोध कर रहे शोधकर्ताओं का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को किसी भी चीज का सेवन करने से पहले उनके नकारात्मक पहलूओं पर विचार करने और डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए।
अगर रोजाना इसका इस्तेमाल 12 सप्ताह तक किया जाए तो यह सुरक्षित हो सकता है।
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इस औषधि का सेवन करने से मतली, पाचन तंत्र की गड़बड़ी, सिरदर्द, शुष्क मुंह और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती है।
हालांकि इस तरह के साइड इफेक्ट हर किसी पर हो ऐसा जरूर नहीं है, इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए। अगर आपको इसका इस्तेमाल करने से किसी तरह की परेशानी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करिए।
यह कई तरह की दवाइयों को प्रभावित कर सकता है। अगर आप इसका इस्तेमाल किसी भी तरह की दवाई के साथ कर रहे हैं तो एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लीजिए।
इन दवाओं को प्रभावित कर सकता है गार्सीनिया:
डायबिटीज/ इंसुलिन दवाएं: अगर आप मधुमेह यानि की डायबिटीज के मरीज हैं और दवाइयां या फिर इंसुलिन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो इस औषधि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर का लेवल और भी कम कर सकता है।
आयरन: गार्सीनिया में आयरन पाया जाता है. इस प्रकार एनीमिया के लिए दवाएं लेने वाले रोगियों के लिए यह एक सही प्रतिक्रिया हो सकती है।
पोटेशियम और कैल्शियम सप्लीमेंट: कुछ कमर्शियल गार्सीनिया उत्पादों में पोटेशियम और कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होती है। गार्सीनिया पर शोध कर रहे शोधकर्ताओं का मानना है कि इसका इस्तेमाल हार्ट पेशेंट, हाई ब्लड प्रेशर,अतालता के मरीज करने की सोच रहे हैं तो उन्हें थोड़ी सी सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
वारफारिनः एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट की मानें तो गार्सीनिया युक्त पदार्थ लेने से कुछ मरीजों को इस तरह की दवाओं के साथ लेना एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है।
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यहां पर दी गई जानकारी को डॉक्टर की सलाह का विकल्प ना मानें। किसी भी दवा या सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।
गार्सीनिया की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। जड़ी बूटी हमेशा सुरक्षित नहीं होती हैं, इसलिए गार्सीनिया का सेवन करने से पहले और अपनी उचित खुराक जानने के लिए कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
गार्सीनिया निम्नलिखित खुराक रूपों में उपलब्ध हो सकता है:
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