किंग जॉज मेडिकल कॉलेज के एंडोक्राइन विभाग के हैंड डॉक्टर डी हिमांशू का कहना है कि मधुमेह होने के मुख्य रूप से दो कारण होते हैं जिनमें या तो अग्न्याशय रक्त शर्करा के स्तर का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर रहा है या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील हैं और इसलिए ग्लूकोज का अवशोषण उच्च स्तर तक नहीं होता है। . मधुमेह के लक्षणों में मुख्य रूप से सामान्य से अधिक बार पेशाब आना, प्यास और भूख में वृद्धि, त्वचा में संक्रमण, घावों का धीमा उपचार और दृष्टि दोष आदि शामिल हैं।इसमें शरीर पूरी तरह से इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल हो जाता है। इसे बच्चों में होने वाले मधुमेह के रूप में भी जाना जाता है और यह मुख्य रूप से बच्चों में होता है। रोगी को इंजेक्शन के माध्यम से या इंसुलिन पंप के माध्यम से नियमित रूप से इंसुलिन की खुराक की आवश्यकता होती है।इसमें कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील हो जाती हैं और इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। यह मुख्य रूप से वयस्कों में होता है।
यह क्यों होता है इसका यकीनी उत्तर नहीं है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि इसमें जेनेटिक्स (विरासत) और पर्यावरण अहम किरदार निभाते हैं। मोटापा इस बीमारी का सबसे मुख्य कारण है, लेकिन टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हर शख्स मोटा नहीं होता।
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डायबिटीज के प्रकार और भी हैं (Other types of diabetes)
अब तक हमने बात की टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के बारे में, लेकिन इसके अलावा और भी दो तरह के डायबिटीज पाए जाते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
डायबिटीज के प्रकार – जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes)
डायबिटीज के प्रकार में जेस्टेशनल डायबिटीज (gestational diabetes), डायबिटीज की वह है जो केवल गर्भवती महिलाओं को होती है। यह बीमारी गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पलने वाले बच्चे को भी प्रभावित करती है। जेस्टेशनल डायबिटीज आमतौर पर डिलीवरी के बाद खत्म हो जाती है।
अन्य डायबिटीज (gestational diabetes) के प्रकार में विरासत में मिलना, सर्जरी या दवाओं के कारण होना, कुपोषण के जरिए होना, इंफेक्शन और दूसरी बिमारियों के नतीजे में होने वाली डायबिटीज शामिल हैं।
डायबिटीज के प्रकार – डायबिटीज इन्सिपिडस (Diabetes insipidus)
डायबिटीज का ये प्रकार में ऊपर बताई गई डायबिटीज के प्रकार से मिलता-जुलता है, लेकिन दरअसल यह किडनी में पानी न रुक पाने के कारण होता है। यह डायबिटीज़ का रेयर प्रकार है और इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है।
डायबिटीज के प्रकार – मच्योरिटी ऑनसेट डायबिटीज ऑफ़ द यंग (Maturity onset diabetes of the young -MODY)
MODY टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज से भिन्न होता है, जो सालों दर सालों लोगों की फॅमिली में पाया जाता है। ये सिंगल जीन के म्यूटेशन के कारण होता है। यदि माता-पिता के जीन में म्यूटेशन होता है, जो इसके बच्चे में आने के 50 प्रतिशत तक चांसेस होते हैं। लेकिन यदि बच्चे के जीन में ये म्यूटेशन नहीं आता, तो उन्हें 25 साल की उम्र के बाद कभी भी MODY की तकलीफ हो सकती है।
डायबिटीज के प्रकार – नियोनेटल डायबिटीज
नियोनेटल डायबिटीज उसे कहते हैं, जो बच्चे को 6 महीने की उम्र से पहले अपनी गिरफ्त में ले लेती है। क्योंकि ये ऑटोइम्यून डिजीज नहीं होती, इसलिए ये टाइप 1 डायबिटीज से अलग मानी जाती है।
डायबिटीज के प्रकार – लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन अडल्ट (Latent autoimmune diabetes in adults-LADA)
डायबिटीज की बीमारी तब होती है जब हमारा ब्लड ग्लूकोज जिसे ब्लड शुगर कहा जाता है, बहुत हाय हो जाता है। ब्लड ग्लूकोज, हमारी एनर्जी का मुख्य स्त्रोत है और यह हमें उस भोजन से मिलता है जिसे हम खाते हैं। इसके साथ ही इंसुलिन वो हॉर्मोन है जो हमारे अग्नाशय द्वारा बनाया जाता है। यह हॉर्मोन, ऊर्जा के लिए उपयोग किए जाने के लिए भोजन से मिले ग्लूकोज को कोशिकाओं में जाने में मदद करता है। कभी-कभी हमारा शरीर पर्याप्त या बिलकुल भी इंसुलिन नहीं बना पाता है। ऐसा भी होता है कि हमारा शरीर इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाता है।
तब यह ग्लूकोज खून में रहता है और कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता। समय के साथ, रक्त में बहुत अधिक ग्लूकोज होने से डायबिटीज और कई अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है। लेकिन डायबिटीज को मैनेज करने और स्वस्थ रहने के कई तरीके हैं।
जानें, क्यों है आपको डायबिटीज? (Causes of diabetes)
डायबिटीज़ की समस्या को समझने से पहले जानते हैं आपका शरीर किस प्रकार से ग्लूकोस का निर्माण करता है।
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ग्लूकोज मेटाबोलिज्म (Glucose metabolism)
ग्लूकोज शरीर, खासतौर पर आपके दिमाग के सेल्स और मसल्स की ऊर्जा की जरुरत को पूरा करता है। ग्लूकोज की प्राप्ति आप जो खाना खाते हैं, उसके अलावा आपके लिवर और ग्लाइकोजन से होती है। अगर आपने अच्छी तरह से खाना न खाया हो और आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बहुत कम हो, तो आप का लिवर ग्लाइकोजन के जरिए ग्लूकोज तैयार करेगा, जो आपके खून में शुगर के स्तर को बैलेंस कर सकेगा। इसके बाद यह ग्लूकोज पूरे शरीर के सेल्स में पहुंचाया जाएगा। लेकिन, आपके सेल्स में इंसुलिन नाम के हॉर्मोन की गैर-मौजूदगी में ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा। इंसुलिन ग्लूकोज को आपके सेल्स तक पहुंचाने का काम करता है और खून में ग्लूकोज के लेवल को बढ़ने से रोकता है। फिर, चूंकि आपके खून में ग्लूकोज कम हो चुका है, पैंक्रियास के जरिए इन्सुलिन बनना भी कम हो जाएगा। जिसके कारण ग्लूकोज आपके रक्त में ही रह जाएगा। यह असंतुलन समय के साथ-साथ और बिगड़ सकता है और रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ सकती है, इस स्तिथि को हाइपरग्लायसेमिया के नाम से जाना जाता है। इस तरह आपको डायबिटीज (Diabetes) की दिक्कत हो सकती है और यह जीवन भर आपकी परेशानी का सबब बन सकती है।
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डायबिटीज के क्या लक्षण होते हैं? (Symptoms of Diabetes)
डायबिटीज आम लक्षण ये हो सकते हैं:
- बार-बार प्यास लगना जिसे पॉलीडिप्सिया (polydipsia) कहते हैं।
- ज्यादा पेशाब होना, अक्सर हर एक घंटे पर। इस स्तिथि को पॉल्यूरिया कहते हैं
- बिना किसी कारण के वजन घटना।
- जल्दी थकावट महसूस होना।