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डायबिटीज और इसके प्रकार से जुड़ी पूरी जानकारी आपको मिल जाएगी इस लेख में

और द्वारा फैक्ट चेक्ड Toshini Rathod


Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    डायबिटीज और इसके प्रकार से जुड़ी पूरी जानकारी आपको मिल जाएगी इस लेख में

    डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल की मात्रा बढ़ जाती है। आज के दौर में बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज हैं। इस हिसाब से डायबिटीज की समस्या हमारे देश की बड़ी आबादी को अपना शिकार बना चुकी है। आज हम बात करेंगे डायबिटीज (Diabetes) से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी के बारे में, जिससे इस समस्या को समझने और इसका इलाज ढूंढने में आप सफल हो पाएं। चलिए सबसे पहले जानते हैं डायबिटीज (Diabetes) क्या है और क्या है डायबिटीज के प्रकार (Types of Diabetes)।

    डायबिटीज क्या है? (What is Diabetes)

    डायबिटीज को चिकित्सिक भाषा में डायबिटीज मेलिटस (diabetes mellitus) कहते हैं। यह मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बहुत पुरानी और आम बीमारी है। डायबिटीज में, आपका शरीर इंसुलिन नाम के हॉर्मोन को बनाने और उसे इस्तेमाल करने की क्षमता खो देता है। डायबिटीज की बीमारी (Diabetes) होने पर आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है, यह स्तिथि आगे चल कर आंखों, किडनी, नसों और दिल से संबंधित गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। चलिए अब जानते हैं डायबिटीज के प्रकारों के बारे में।

    डायबिटीज के प्रकार (Types of Diabetes)

    डायबिटीज के प्रकार तीन होते हैं, जिन्हें टाइप 1 (Type 1 Diabetes) , टाइप 2 (Type 2 Diabetes) , और जेस्टेशनल डायबिटीज (gestational diabetes) कहा जाता है। ये तीनों ही समस्याएं आपको लम्बे समय तक परेशान कर सकती हैं। इसलिए इससे जुड़ी जानकारी होना बेहद जरूरी है। आइए शुरुआत करते हैं टाइप 1 डायबिटीज से।

    टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)

  • टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) या जुवेनाइल डायबिटीज एक तरह का ऑटोइम्यून विकार है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम आंतों पर अटैक करता है, जिसके कारण शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है और रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है।
  • अगर आप टाइप 1 डायबिटीज के शिकार हैं तो इसके लक्षण कम उम्र यानी बचपन से ही नजर आने लगते हैं।
  • टाइप 1 डायबिटीज का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि टाइप 1 डायबिटीज विरासती और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से होती है। 
  • और पढ़ें : रिसर्च: हाई फाइबर फूड हार्ट डिसीज और डायबिटीज को करता है दूर

    आपको टाइप 1 डायबिटीज का खतरा हो सकता है अगर – (Risk of type 1 diabetes)

    • आपके माता-पिता या भाई-बहन में से किसी को टाइप 1 डायबिटीज की बीमारी है।
    • वायरल बीमारी के संपर्क में जल्दी आने जैसी परिस्थितियां होती हैं।
    • डायबिटीज (Diabetes) ऑटोएंटीबॉडीज की उपस्थिति।
    • विटामिन-डी कि कमी, बच्चों को कम उम्र से ही गाय का दूध पिलाना और 4 महीने से कम उम्र में डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ जैसे सीरियल्स खिलाना।
    • यह टाइप 1 डायबिटीज का सीधा कारण तो नहीं हैं लेकिन यह उसके खतरे को बढ़ाते हैं।
    • फिनलैंड और स्वीडन जैसे देशों में टाइप 1 डायबिटीज के खतरे बहुत ज्यादा हैं।

    डायबिटीज के प्रकार – टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)

    टाइप 2 डायबिटीज, डायबिटीज (Type 2 Diabetes) की बहुत आम प्रकार है जिसमें डायबिटीज के तमाम प्रकारों से जुड़े 90 से 95 प्रतिशत लोग इस केटेगरी में आते हैं। यह बीमारी ज्यादातर वयस्क के शरीर में अपनी जगह बनाती है। आजकल, मोटापा बढ़ने के कारण युवाओं और बच्चों में भी टाइप 2 डायबिटीज आम हो रही है। ऐसा मुमकिन है कि आपको भी टाइप 2 डायबिटीज हो, लेकिन आप इस बात से बेखबर हों।

    टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) में आपके सेल्स इंसुलिन प्रतिरोधी हो जाते हैं और आपका अग्न्याशय (पैंक्रिया) जरुरत के मुताबिक इंसुलिन नहीं बना पाता। आपके सेल्स को ऊर्जा के लिए शकर की जरुरत होती है लेकिन इस स्तिथि में चीनी का निर्माण सेल्स के बजाय रक्तप्रवाह में होता है।

    आपको टाइप 2 डायबिटीज का खतरा हो सकता है अगर – (Risk of type 2 diabetes)

    आपको टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) होने का खतरा तब बढ़ जाता है, जब आपकी स्थिति इस तकलीफ़ों से जुड़ती है  – 

    • वजन का बढ़ना
    • जरूरत से ज्यादा फैट का जमाव (खास तौर पर पेट के इर्द-गिर्द)
    • इनएक्टिव रहना (लगातार बैठे रहना)
    • फैमिली हिस्ट्री (जब आपके परिवारजनों को भी डायबिटीज़ की समस्या हो)
    • ब्लड लिपिड लेवल (गुड कॉलेस्ट्रोल की कमी)
    • प्रीडायबिटीज की समस्या
    • उम्र का बढ़ना (बढ़ती उम्र में डायबिटीज की समस्या आम हो जाती है)

    जब आप इन स्थितियों से गुज़रते हैं, तो आपको टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) होने का खतरा बढ़ जाता है। 

    किंग जॉज मेडिकल कॉलेज के एंडोक्राइन विभाग के हैंड डॉक्टर डी हिमांशू का कहना है कि मधुमेह होने के मुख्य रूप से दो कारण होते हैं जिनमें या तो अग्न्याशय रक्त शर्करा के स्तर का मुकाबला करने के लिए पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर रहा है या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील हैं और इसलिए ग्लूकोज का अवशोषण उच्च स्तर तक नहीं होता है। . मधुमेह के लक्षणों में मुख्य रूप से सामान्य से अधिक बार पेशाब आना, प्यास और भूख में वृद्धि, त्वचा में संक्रमण, घावों का धीमा उपचार और दृष्टि दोष आदि शामिल हैं।इसमें शरीर पूरी तरह से इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल हो जाता है। इसे बच्चों में होने वाले मधुमेह के रूप में भी जाना जाता है और यह मुख्य रूप से बच्चों में होता है। रोगी को इंजेक्शन के माध्यम से या इंसुलिन पंप के माध्यम से नियमित रूप से इंसुलिन की खुराक की आवश्यकता होती है।इसमें कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील हो जाती हैं और इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाती है। यह मुख्य रूप से वयस्कों में होता है।

    यह क्यों होता है इसका यकीनी उत्तर नहीं है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि इसमें जेनेटिक्स (विरासत) और पर्यावरण अहम किरदार निभाते हैं। मोटापा इस बीमारी का सबसे मुख्य कारण है, लेकिन टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हर शख्स मोटा नहीं होता।

    और पढ़ें : Diabetes insipidus : डायबिटीज इंसिपिडस क्या है ?

    डायबिटीज के प्रकार और भी हैं (Other types of diabetes)

    अब तक हमने बात की टाइप 1 और टाइप 2  डायबिटीज के बारे में, लेकिन इसके अलावा और भी दो तरह के डायबिटीज पाए जाते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।

    डायबिटीज के प्रकार – जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes)

    डायबिटीज के प्रकार में जेस्टेशनल डायबिटीज (gestational diabetes), डायबिटीज की वह है जो केवल गर्भवती महिलाओं को होती है। यह बीमारी गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पलने वाले बच्चे को भी प्रभावित करती है। जेस्टेशनल डायबिटीज आमतौर पर डिलीवरी के बाद खत्म हो जाती है।

    अन्य डायबिटीज (gestational diabetes) के प्रकार में विरासत में मिलना, सर्जरी या दवाओं के कारण होना, कुपोषण के जरिए होना, इंफेक्शन और दूसरी बिमारियों के नतीजे में होने वाली डायबिटीज शामिल हैं।

    डायबिटीज के प्रकार – डायबिटीज इन्सिपिडस (Diabetes insipidus)

    डायबिटीज का ये प्रकार में ऊपर बताई गई डायबिटीज के प्रकार से मिलता-जुलता है, लेकिन दरअसल यह किडनी में पानी न रुक पाने के कारण होता है। यह डायबिटीज़ का रेयर प्रकार है और इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है।

    डायबिटीज के प्रकार – मच्योरिटी ऑनसेट डायबिटीज ऑफ़ द यंग (Maturity onset diabetes of the young -MODY) 

    MODY टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज से भिन्न होता है, जो सालों दर सालों लोगों की फॅमिली में पाया जाता है। ये सिंगल जीन के म्यूटेशन के कारण होता है। यदि माता-पिता के जीन में म्यूटेशन होता है, जो इसके बच्चे में आने के 50 प्रतिशत तक चांसेस होते हैं। लेकिन यदि बच्चे के जीन में ये म्यूटेशन नहीं आता, तो उन्हें 25 साल की उम्र के बाद कभी भी MODY की तकलीफ हो सकती है।

    डायबिटीज के प्रकार – नियोनेटल डायबिटीज

    नियोनेटल डायबिटीज उसे कहते हैं, जो बच्चे को 6 महीने की उम्र से पहले अपनी गिरफ्त में ले लेती है। क्योंकि ये ऑटोइम्यून डिजीज नहीं होती, इसलिए ये टाइप 1 डायबिटीज से अलग मानी जाती है।

    डायबिटीज के प्रकार – लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन अडल्ट (Latent autoimmune diabetes in adults-LADA)

    डायबिटीज की बीमारी तब होती है जब हमारा ब्लड ग्लूकोज जिसे ब्लड शुगर कहा जाता है, बहुत हाय हो जाता है। ब्लड ग्लूकोज, हमारी एनर्जी का मुख्य स्त्रोत है और यह हमें उस भोजन से मिलता है जिसे हम खाते हैं। इसके साथ ही इंसुलिन वो हॉर्मोन है जो हमारे अग्नाशय द्वारा बनाया जाता है। यह हॉर्मोन, ऊर्जा के लिए उपयोग किए जाने के लिए भोजन से मिले ग्लूकोज को कोशिकाओं में जाने में मदद करता है। कभी-कभी हमारा शरीर पर्याप्त या बिलकुल भी इंसुलिन नहीं बना पाता है। ऐसा भी होता है कि हमारा शरीर इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाता है।

    तब यह ग्लूकोज खून में रहता है और कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता। समय के साथ, रक्त में बहुत अधिक ग्लूकोज होने से डायबिटीज और कई अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है। लेकिन डायबिटीज को मैनेज करने और स्वस्थ रहने के कई तरीके हैं।

    जानें, क्यों है आपको डायबिटीज? (Causes of diabetes) 

    डायबिटीज़ की समस्या को समझने से पहले जानते हैं आपका शरीर किस प्रकार से ग्लूकोस का निर्माण करता है।

    और पढ़ें : बढ़ती उम्र और बढ़ता हुआ डायबिटीज का खतरा

    ग्लूकोज मेटाबोलिज्म (Glucose metabolism)

    ग्लूकोज शरीर, खासतौर पर आपके दिमाग के सेल्स और मसल्स की ऊर्जा की जरुरत को पूरा करता है। ग्लूकोज की प्राप्ति आप जो खाना खाते हैं, उसके अलावा आपके लिवर और ग्लाइकोजन से होती है। अगर आपने अच्छी तरह से खाना न खाया हो और आपके रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बहुत कम हो, तो आप का लिवर ग्लाइकोजन के जरिए ग्लूकोज तैयार करेगा, जो आपके खून में शुगर के स्तर को बैलेंस कर सकेगा। इसके बाद यह ग्लूकोज पूरे शरीर के सेल्स में पहुंचाया जाएगा। लेकिन, आपके सेल्स में इंसुलिन नाम के हॉर्मोन की गैर-मौजूदगी में ग्लूकोज को सेल्स तक पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा। इंसुलिन ग्लूकोज को आपके सेल्स तक पहुंचाने का काम करता है और खून में ग्लूकोज के लेवल को बढ़ने से रोकता है। फिर, चूंकि आपके खून में ग्लूकोज कम हो चुका है, पैंक्रियास के जरिए इन्सुलिन बनना भी कम हो जाएगा। जिसके कारण ग्लूकोज आपके रक्त में ही रह जाएगा। यह असंतुलन समय के साथ-साथ और बिगड़ सकता है और रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ सकती है, इस स्तिथि को हाइपरग्लायसेमिया के नाम से जाना जाता है। इस तरह आपको डायबिटीज (Diabetes) की दिक्कत हो सकती है और यह जीवन भर आपकी परेशानी का सबब बन सकती है।

    और पढ़ें : जानें कैसे स्वेट सेंसर (Sweat Sensor) करेगा डायबिटीज की पहचान

    डायबिटीज के क्या लक्षण होते हैं? (Symptoms of Diabetes)

    डायबिटीज आम लक्षण ये हो सकते हैं:

    • बार-बार प्यास लगना जिसे पॉलीडिप्सिया (polydipsia) कहते हैं।
    • ज्यादा पेशाब होना, अक्सर हर एक घंटे पर। इस स्तिथि को पॉल्यूरिया कहते हैं
    • बिना किसी कारण के वजन घटना।
    • जल्दी थकावट महसूस होना।

    ऐसे भी कुछ लक्षण हैं जो व्यक्तिगत रूप से किसी को महसूस हो सकते हैं और किसी को नहीं। जिनमें शामिल हैं:

    • मतली और उलटी।
    • धुंधला दिखाई देना।
    • महिलाओं में बार-बार योनि संक्रमण।
    • मुंह सूखना।
    • जख्म या कट्स भरने में ज्यादा समय लगना।
    • त्वचा में खुजली होना, खासतौर पर कमर और योनि के आस-पास।

    और पढ़ें : क्या है नाता विटामिन-डी का डायबिटीज से?

    डायबिटीज में हो सकती हैं ये कॉम्पलिकेशन (Complications of diabetes)

    डायबिटीज एक ऐसी समस्या है, जो अपने साथ और भी कई शारीरिक व्याधियों को लेकर आ सकती है। ये धीरे-धीरे आपके शरीर में अपनी जगह बनाती है। इसलिए इससे जुड़ी जानकारी होना बेहद जरूरी है।

    • मधुमेह से होने वाली जटिलताएं बहुत सी हैं, उन्हीं में से एक है आंखों की समस्याएं (Eye Problems)। जिससे कुछ भी दिखाई देने (खासतौर पर रात को) में परेशानी हो सकती हैं। रोशनी से भी आंखों को परेशानी होगी। रोगी के अंधा होने का जोखिम भी रहता है।
    •  मधुमेह हमारे शरीर को कई तरीके से प्रभावित कर सकता है। डायबिटीज के कारण रोगी के पैर और त्वचा में घाव और संक्रमण हो सकते हैं। ऐसा लंबे समय तक रहता है तो पैर, उंगलियां या टांग काटने की नौबत भी आ सकती है। संक्रमण (Infection) से आपके पैर, टांग और अन्य क्षेत्रों में दर्द, खुजली आदि भी हो सकती है।
    • डायबिटीज (Diabetes) के कारण ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है। इसके कारण हार्ट-अटैक, स्ट्रोक और अन्य समस्याएं भी हो सकती है। इसके कारण टांगे और पैरों में खून के प्रवाह में मुश्किल होती है।
    • डायबिटीज के कारण शरीर के नर्वस को भी नुकसान हो सकता है। जिससे दर्द, जलन, झुनझुनी या सुन्नता हो सकती है। इसके कारण पुरुषों को इरेक्शन की समस्या भी हो सकती है।
    • डायबिटीज (Diabetes) के कारण भोजन को पचने में समस्या होती है। जिससे कमजोरी या पेट में अन्य समस्याएं हो सकती है।
    • ब्लड शुगर के बढ़ने से किडनी डैमेज भी ही सकती है। इससे किडनी अच्छे से काम नहीं करती या काम करना बंद कर सकती है।
    • मधुमेह से पीड़ित लोगों को तनाव हो सकता है। यही नहीं, महिलाएं डायबिटीज के कारण (Diabetes) अनियमित मासिक धर्म और गर्भवती होने में समस्या का अनुभव भी कर सकती है।
    • डायबिटीज के बढ़ने से हड्डियों की समस्याएं भी हो सकती है।
    • डायबिटीज के उपचार (Treatment of Diabetes) से लो ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसीमिया) भी हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकता है।

    डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?

    आप ऊपर बताए गए डायबिटीज के प्रकार के लक्षणों को महसूस करते हों तो आपको डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जाना चाहिए इसके अलावा इन स्तिथियों में आपको फौरी तौर पर डॉक्टर की जरुरत पड़ सकती है:

    • बहुत ज्यादा उल्टी, मतली, चक्कर या कमजोरी महसूस होना
    • बहुत ज्यादा प्यास लगना या बार-बार पेट दर्द के साथ पेशाब होना
    • सांस तेज होना या सांस फूलना

    और पढ़ें : डायबिटीज में फल को लेकर अगर हैं कंफ्यूज तो पढ़ें ये आर्टिकल

    डायबिटीज के प्रकार का इलाज कैसे किया जाए? (Diabetes Treatment)

    • डायबिटीज के प्रकार, टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के लिए आपको खून में शुगर का स्तर नियंत्रण में रखने के लिए ख़ास डाइट की जररूत होगी आपको खाने का रूटीन बनाना होगा और स्नैक्स रोजाना एक ही समय पर लेना होगा 
    • आपको अपने खून का शुगर लेवल बार-बार जांचने की जरुरत होगी और डायबिटीज बढ़ने या घटने के लक्षणों पर ध्यान देना होगा डॉक्टर आपको इंसुलिन के इंजेक्शन के बारे में समझा देगा जिससे आप दिन में 2 से 3 बार खुद घर पर ही इंजेक्शन ले सकेंगे
    • डॉक्टर आपको एक्सरसाइज के जरिए खून में शकर का स्तर नियंत्रण करने के तरीके सुझा सकता है
    • आप को खुद भी अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरुरी है, आगे समस्याओं से बचने के लिए आंखों की जांच भी करवा लेनी चाहिए
    • हालाँकि, टाइप 1 डायबिटीज का इलाज नहीं किया जा सकता, टाइप २ डायबिटीज को जीवन शैली में बदलाव ला कर नियंत्रण करने की कोशिश की जा सकती है

    लाइफस्टाइल में बदलाव से डायबिटीज में आराम संभव (Lifestyle modifications in diabetes)

    diabetes / डायबिटीज के प्रकार

    लाइफ़स्टाइल का डायबिटीज़ की समस्या में एक अहम रोल माना जाता है। इसलिए एक हेल्दी और बेहतर लाइफ़स्टाइल को अपनाकर आप डायबिटीज़ की तकलीफ़ में आराम पा सकते हैं।

    • हमेशा अपने वजन को नियंत्रित रखें। मोटापा की वजह से शुगर (डायबिटीज) की संभावना बढ़ जाती है।
    • मधुमेह का कारण तनाव (stress) भी होता है। इसलिए, कोशिश करें कि स्ट्रेस को दूर करने के लिए योगासन और मेडिटेशन (meditation) करते रहें।
    • शुगर (डायबिटीज) को कंट्रोल या बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि समय पर सोएं और समय पर उठें।
    • अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच नियमित रूप से करते रहें और उसका एक चार्ट बना लें, ताकि रक्त शर्करा (Blood sugar) के घटने-बढ़ने के बारे में पता रहे।
    • स्मोकिंग (smoking) और शराब से दूर रहें।
    • फिजिकल एक्टिविटी (physical activity) या व्यायाम को नियमित करें। इससे मधुमेह से बचाव होता है।
    • सही मात्रा में पानी पिएं।
    • डायट में कम से कम मीठा शामिल करें।

    क्या खाएं?

    • केले में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो किसी भी शुगर (डायबिटीज) के मरीज के लिए एक महत्वपूर्ण फल है।
    • प्रोटीन से भरपूर अंडे का इस्तेमाल भी डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए अच्छा रहता है। यह ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करता है।
    • शुगर (डायबिटीज) को नियंत्रित करने में अंगूर भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
    • कीवी में कम मात्रा में कैलोरी और अधिक मात्रा में फाइबर (Fibre) पाया जाता है, जो मधुमेह (Diabetes) के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।

    क्या ना खाएं?

    नीचे दिए गए फूड्स आपके शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकते हैं। इसलिए, इन फूड्स के सेवन से जितना हो सके दूर रहें।

    • केक, पेस्ट्री, मिठाई
    • पास्ता या वाइट ब्रेड
    • प्रोसेस्ड फूड्स (processed foods) या डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ
    • कोल्ड ड्रिंक
    • चीनी

    इस आर्टिकल में हमने आपको डायबिटीज के प्रकार से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।

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    Toshini Rathod


    Toshini Rathod द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

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