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कैरालूमा कैक्टस कुल का पौधा है। इसका साइंटिफिक नाम भी कैरालूमा है, जो एपोसाइनेसी (Apocynaceae) प्रजाति से आता है। भारतीय संस्कृति में हजारों वर्षों से इसका उपयोग भूख को मारने के लिए किया जाता है। ये गर्मियों के अंत में खिलता है। आमतौर पर ये ब्राउन, पर्पल, टैन, यैलो और रेड कलर का होता है।
यह पौधा वाइल्ड अफ्रीका, सऊदी अरब, केनरी आईलैंड, अफगानिस्तान और साऊथ यूरोप में भी यह पौधा आसानी से मिल सकता है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में इससे चटनी या अचार बनाकर रखा जाता है।
अगर हर्बल एक्सपर्ट आपको कैरालूमा का सेवन करने की सलाह देते हैं तो उनसे जानकारी लें कि कैरालूमा का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है। अगर आपको कैरालूमा का सेवन करने से एलर्जी होती है तो बेहतर होगा कि आप इसे न लें।
इसका उपयोग निम्नलिखित परेशानियों को दूर करने के लिए किया जाता है। जैसे-
इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटीबायोटिक गुण होते हैं, जो ऐथिरोस्क्लेरोसिस से निजात दिलाने में मदद करता हैं।
एक शोध में 50 ओवरवेट लोगों को 60 दिनों तक कैरालूमा एक्सट्रेक्ट दिया गया। इन लोगों में वजन कम होने के साथ हाई सोडियम फूड की क्रेविंग भी कम हुई। इसलिए अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं तो इसका सेवन डॉक्टर के सलाह अनुसार करने से लाभ मिलता है और बढ़ते वजन से राहत मिल सकती है।
बच्चों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि कैरालूमा भूख को शांत करने में कारगर है। हालांकि इसके सेवन से पहले या बच्चों को देने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।
अगर आपको डायबिटीज की समस्या है तो इसका सेवन कर सकते हैं। अगर आपके ब्लड रिलेशन में डायबिटीज की पेशेंट हैं तो इसका सेवन डॉक्टर के सलाह अनुसार करें। इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। अपने आहार में पौषिक खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इससे शरीर स्वस्थ रहेगा।
चूहों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि उन्हें कैरालूमा का सेवन कराने से निम्न बदलाव देखने को मिले:
हाई कैलोरी डायट लेने से ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस होता है, जिससे सेल्स डैमेज होते हैं। कैरालूमा एक्सट्रैक्ट को लेने से शरीर को फ्री रेडिकल्स सेल्स से लड़ने में मदद मिलती है। इसके अलावा ये ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम कर दिमाग की रक्षा करता है।
अगर आपको पाचन संबंधी परेशानी है तो इसका सेवन करें। इसके सेवन से डायजेशन में लाभ मिलेगा और आप अच्छा महसूस करेंगे।
कैरालूमा में 15 परसेंट फाइबर होता है, जो डायजेशन को दुरस्त बनाने का काम करता है। जिन लोगों को कब्ज की समस्या होती है, उन्हें कैरालूमा खाने के बाद राहत मिल सकती है। ये कार्बोहाइड्रेड का मेटाबॉलिज्म स्लो करता है जिससे ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है। कैरालूमा का सेवन करने से सेल्स का ग्लूकोज अपटेक प्रमोट होता है। इस बारे में कुछ स्टडी हो चुकी हैं, जिनमे ये बात सामने आई है। ये कोलेस्ट्रॉल बिल्डअप से भी प्रिवेंट करता है। आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हर्बल एक्सपर्ट से राय जरूर लें। बिना परामर्श के कैरालूमा का सेवन न करें।
किडनी फेलियर यानी किडनी की क्षमता में कमी से है। जब किडनी वेस्ट प्रोडक्ट को हटाने में पूर्ण रूप से सक्षम नहीं होती है तो शरीर में समस्याएं शुरू हो सकती हैं। कैरालूमा फिम्ब्रिआटा (Caralluma Fimbriata ) का सेवन करने से किडनी की समस्या से राहत मिलती है। कैरालूमा का सेवन किडनी की क्षमता को बढ़ाने का काम करता है और साथ ही ब्लड से वेस्ट प्रोडक्ट आसानी से छनकर यूरिन के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं।
लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग है।अधिक मात्रा में फैट डायट लेने से लिवर में कोलेस्ट्रॉल अधिक मात्रा में बनने लगता है। कैरालूमा का सेवन करने से हाई फैट बिल्डअप का प्रोसेस धीमा पड़ जाता है। साथ ही कैरालूमा का सेवन करने से लिवर सेल्स भी प्रोटक्ट होती हैं।
कैरालूमा का सेवन करने से मसल्स बिल्ड अप सहायता मिलती है। कुछ मिनिरल्स जैसे कि कैल्शियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम आदि की मात्रा कैरालूमा में पाई जाती है, जोकि मसल्स को रिलेक्स करने के लिए जरूरी होते हैं। मसल्स क्रैम्प में कमी होने से मसल्स रिवकरी के लिए अधिक समय मिल जाता है और थकान का अनुभव भी अधिक नहीं होता है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हर्बल एक्सपर्ट से जरूर राय लें।
कैरालूमा कैसे काम करता है इस बारे में कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या किसी हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें। हालांकि, कई शोध बताते हैं कि इसमें कई ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो भूख को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स हमारे शरीर को कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
ज्यादातर सभी लोगों के लिए इसका सेवन करना सुरक्षित है। अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से सलाह लें, यदि:
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इसके सेवन से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हैं। जैसे-
हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
दो महीने तक रोजाना दो बार 500 मिलीग्राम कैरालुमा एक्सट्रेक्ट लेने की सलाह दी जाती है। लंबे समय तक इसे लेना चाहिए या नहीं इस बारे में अधिक शोध की जरूरत है। दो महीने से ज्यादा इसे न लें।
यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में न करें। डॉक्टर या हर्बलिस्ट की राय के बिना इस दवा का इस्तेमाल नहीं करें।
यह निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है। जैसे-
अगर आप कैरालूमा से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। बिना जानकारी या फिर सलाह के हर्बल पाउडर या कैप्सूल का सेवन न करें। अगर आप अन्य दवाओं या फिर जड़ी बूटियों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं। आप हेल्थ अपडेट के लिए हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज को भी लाइक कर सकते हैं।
अपने बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की जांच करने के लिए इस कैलक्युलेटर का उपयोग करें और पता करें कि क्या आपका वजन हेल्दी है। आप इस उपकरण का उपयोग अपने बच्चे के बीएमआई की जांच के लिए भी कर सकते हैं।
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