के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
टायलोफोरा एक पौधा है, जो एशिया के ट्रॉपिकल हिस्सों खासतौर पर भारत, श्रीलंका, थाईलैंड और मलेशिया में पाया जाता है। इसको अननथामुल (Ananthamul), अंटामल (Antomul), इंडियन आयपीकैक (Indian Ipecac) नाम से भी जाना जाता है। इस पर छोटे-छोटे फूल लगते हैं, जो बाहर से हरे और पीले और अंदर से पर्पल कलर के होते हैं। ये एपोसायनैसी (apocynaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण आयुर्वेद में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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सांस संबंधित परेशानियों में मददगार (Helpful in respiratory related problems)
इसका इस्तेमाल अतिरिक्त बलगम से फेफड़ों को साफ करने के लिए किया जाता है। इसमें ऐसे गुण होते हैं, जो अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में अतिरिक्त बलगम से होने वाले कफ, सांस लेने में दिक्कत और खरखराहट से राहत दिलाता है।
अस्थमा (Asthma)
अस्थमा के मरीजों के लिए ये किसी वरदान से कम नहीं है। इसकी पत्तियां कफ निस्सारक की तरह काम करता है, जो अत्यधिक बलगम से निजात दिलाता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल एजेंट होते हैं, जो लंग्स के इंफेक्शन से राहत प्रदान करते हैं। कई लोग इसकी पत्तियों को चबाकर खाते हैं, तो कोई इसकी चाय बनाकर पीता है।
एनर्जी को बूस्ट करता है (Boost energy)
कई शोध में सामने आया है कि इसे नियमित रूप से लेने से एनर्जी लेवल बढ़ता है। बच्चों से लेकर बूढ़ों में भी इसके सेवन सुधार देखने को मिला।
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साइनस (Sinus)
जो लोग एक्यूट और क्रोनिक साइनस से ग्रसित हैं, उनके लिए ये फायदेमंद है। ये साइनस के लक्षण जैसे सिरदर्द, नाक ब्लॉक होना और बहती नाक से राहत प्रदान करता है।
डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स (Digestive problems)
टायलोफोरा की जड़ डायजेस्टिव प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए फायदेमंद है। इसकी सूखी पत्तियों को एमेटिक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ओवर ईटिंग और इनडाइजेशन में इसका उपयोग किया जाता है। ये शरीर में जहर फैल जाने के लिए भी उपयोगी है। ये पेट की सामग्री को बाहर निकालता है, जिससे जहरीला पदार्थ भी बाहर निकल जाता है।
एलर्जी (Allergy)
अगर आपको एलर्जी की समस्या है तो इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लें। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार इसका सेवन उन लोगों को नहीं करना चाहिए जिन्हें एलर्जी की समस्या है।
जॉन्डिस (Jaundice)
जॉन्डिस (पीलिया) होने पर इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इसके सेवन से परेशानी कम होने के बजाये बढ़ सकती है। दरअसल बिलिरुबिन हर मनुष्य के शरीर में एक पीले रंग का द्रव्य होता है, जो खून और मल में प्राकृतिक रूप से मौजूद होता है। शरीर में मौजूद रेड ब्लड सेल्स टूटने की वजह से बिलिरुबिन का निर्माण बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में जब लिवर बिलिरुबिन के स्तर को संतुलित नहीं बना पाता है, तो ऐसे में बिलिरुबिन शरीर में बढ़ जाता है। ऐसे में इस दौरान टायलोफोरा का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
इन परेशानियों में भी है मददगार
टायलोफोरा कैसे काम करता है इसके बारे में जानने के लिए अधिक शोध की जरूरत है। हालांकि, कुछ शोध बताते हैं कि इसकी पत्तियों और जड़ों में एमेटिव, लेकसेटिव, एक्सपेक्टोरेंट, डायाफोरेटिक और पेट को साफ करने वाले गुण होते हैं। इसमें एंटी-इन्फलामेटरी प्रोपर्टीज भी होती हैं, जो शरीर से सूजन को दूर करने में मददगार है।
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ज्यादातर लोगों के लिए उपयुक्त मात्रा में मौखिक रूप से इसका सेवन करना सुरक्षित है। निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:
अन्य दवाइयों के मुकाबले औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। टायलोफोरा का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
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इसके सेवन से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। जैसे-
हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हों या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
यही नहीं अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करवाती हैं तो इसके सेवन से बचना चाहिए।
इसके सेवन से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
इसके सेवन से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे-
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टायलोफोरा निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
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हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में इस हर्बल से जुड़ी ज्यादातर जानकारियां देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। अगर आपको ऊपर बताई गई कोई सी भी शारीरिक समस्या है तो इस हर्ब का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि हर हर्ब सुरक्षित नहीं होती। इसका इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें तभी इसका इस्तेमाल करें। अगर आप टायलोफोरा से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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