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कंटोला (कर्कोटकी) के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Kantola (Karkotaki)

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Mona narang द्वारा लिखित · अपडेटेड 01/07/2020

कंटोला (कर्कोटकी) के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Kantola (Karkotaki)

परिचय

कंटोला (कर्कोटकी) क्या है?

कंटोला (कर्कोटकी) एक पौधा है जिसका इस्तेमाल कई रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। इसका वानास्पतिक नाम मोमोर्डिका डायोइका (Momordica dioica Roxb.) है। कंटोला कुकुरबिटेसीए (Cucurbitaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। इसके ककोरा, ककोड़ा, कर्कोटकी, कर्कोटक, स्पाइन गोर्ड (Spine gourd) के नाम से भी जाना जाता है। इसके पौधे पर हरे रंग के फल आते हैं जिनका इस्तेमाल सब्जी के तौर पर किया जाता है। ये औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें ड्यूरेटिक, लैक्सेटिव, हेप्टोप्रोटेक्टिव प्रॉपर्टीज होती हैं।

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उपयोग

कंटोला (कर्कोटकी) का उपयोग किस लिए किया जाता है?

इसका इस्तेमाल अस्थमा, लेप्रोसी, सूजन को दूर, सांप के काटने, बुखार, मेंटल डिसऑर्डर, डायजेस्टिव डिसऑर्डर व हृदय संबंधित परेशानियों के लिए किया जाता है। हायपरटेंशन में इसके फल का जूस पीने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज में इसकी कम ऑयल में पकी सब्जी खाने के लिए कहा जाता है। पिंप्ल और एक्ने वाली त्वचा पर इसे लगाने की सलाह दी जाती है। इसके बीजों को भुनकर एक्जिमा और अन्य त्वचा की समस्याओं के लिए लिया जाता है।

इसकी पत्तियों में एंटीहेलमिंथिक और एप्रोडिसिएक गुण होते हैं। इनका इस्तेमाल त्रिदोष, बुखार, पित्त, पीलिया, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, पाइल्स, हेपेटिक डेमेज, मेंटल डायजेस्टिव डिसऑर्डर, ब्लीडिंग पाइल्स और यूरिनरी परेशानियों के लिए किया जाता है। सिरदर्द से निजात पाने के लिए कंटोला की पत्तियों के रस को कोकोनट, पेपर, रेड सैंडलवुड को मिलाकर सिर पर लगाया जाता है। त्वचा रोग पर इसकी पत्तियों के पेस्ट को दिन में दो से तीन बार रोजाना लगाया जाता है।

कंटोला की जड़ में भी कई सारे औषधीय गुण होते हैं। इसकी जड़ के जूस में स्टिम्यूलेंट, एस्ट्रिंजेंट और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। एंटीहेलमिंटिक, स्पेरमिसिडल, एंटीफर्टिलिटी प्रॉपर्टीज होने के कारण इसका उपयोग ब्लीडिंग पाइल्स, बॉवेल प्रोब्लम्स और यूरिनरी प्रोब्लम्स में किया जाता है। त्वचा को सॉफ्ट बनाने और पसीना कम करने के लिए कंटोला की जड़ के पाउडर को उपयोगी माना जाता है। इसकी जड़ को बिच्छू के डंक मारने पर भी रिकमेंड किया जाता है। बुखार में इसकी पेस्ट को लगाने के लिए कहा जाता है। इसमें एंटीएलर्जीक प्रॉपर्टीज होती हैं। चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार इसे एनाफिलेक्सिस के इलाज में मददगार पाया गया।

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इन परेशानियों में मददगार है कंटोला का सेवन

त्वचा को जवां रखने में मददगार (Helps you look younger)

इसमें मौजूद फ्लेवोनॉइड त्वचा को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। इसमें एंटी-एजिंग प्रॉपर्टीज होती हैं, जो त्वचा को जवां रखने में उपयोगी है।

वजन को कम करता है (Reduces weight)

कंटोला में भरपूर मात्रा में फाइटोन्युट्रिएंट्स होते हैं, जो ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद होते हैं। साथ ही ये कई बीमारियों से रक्षा कवच प्रदान करते हैं। इसमें बहुत कम कैलोरी होती है। 100 ग्राम कंटोला में 17 कैलोरी होती हैं। इसमें पानी उच्च मात्रा में होता है, जिस वजह से इसे वजन कम करने के लिए फायदेमंद माना जाता है।

कैंसर से बचाव (Protects from cancer)

कंटोला में कार्टेनॉइड जैसे ल्यूटिन होते हैं जो आंखों के रोग, कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज और कैंसर से रक्षा प्रदान करते हैं। इसमें विटामिन-सी होता है जो एंटीऑक्सीडेंट है। ये शरीर से फ्री रेडिकल्स को निकालने का काम करता है और कैंसर की संभावना को कम करता है।

कब्ज से राहत (Relieves from constipation)

इसमें फाइबर उच्च मात्रा में होता है। ये आसानी से डायजेस्ट हो जाता है और कब्ज से निजात दिलाता है।

बालों के लिए वरदान समान है कंटोला (Strengthen Hair)

बालों की समस्या जैसे रूखे बाल, बालों में रूसी होना, हेयरफॉल, गंजापन, सफेद बाद आदि के लिए इसकी जड़ को पिसकर लगाने की सलाह दी जाती है।

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कैसे काम करता है कंटोला (कर्कोटकी) ?

कंटोला हर्ब में फाइटोकंस्टीट्यूएंट्स जैसे एल्कलॉइड, स्टेरॉइड, ट्रिटेरपेनॉइड, फ्लेवोनॉइड, ग्लाइकोसाइड, सैपोनिन, ट्रिटेरपेनेस, विटामिन-ए, थिएमाइन, रिबोफ्लेविन, निएसिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लेक्टिन, एब्सोर्बिक एसिड, ओलेनोइक एसिड आदि पदार्थ होते हैं। इसमें एंटीएलर्जीक, स्टिम्यूलेंट, एस्ट्रिंजेंट एंटीसेप्टिक, एंटीहेलमिंटिक, स्पेरमिसिडल और एंटीफर्टिलिटी प्रॉपर्टीज होती हैं, जिस वजह से कई रोगों के इलाज के लिए इसे फायदेमंद माना जाता है।

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सावधानियां और चेतावनी

कितना सुरक्षित है कंटोला (कर्कोटकी) का उपयोग?

कंटोला का सीमित मात्रा में सेवन ज्यादातर सभी लोगों के लिए सुरक्षित है। डायबिटीज पेशेंट्स इसका सेवन अपने चिकित्सक की निगरानी में करें। इसके अलावा यदि आपको कोई मेडिकल कंडिशन है या आप किसी दवा का सेवन करते हैं तो भी इसका सेवन करने से बचें। डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इसका सेवन करें। क्योंकि यह दवा के साथ इंटरैक्ट कर सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

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साइड इफेक्ट्स

 कंटोला (कर्कोटकी) से क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

कंटोला के साइड इफेक्ट्स को लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। ज्यादातर लोगों के लिए इसका सेवन सुरक्षित होता है। यदि आपको इसका सेवन करने से किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नजर आए तो बिना देरी करें अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें। औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। पर्याप्त जानकारी न होने के कारण इन्हें लेकर अधिक शोध करने की जरूरत है।

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डोसेज

कंटोला (कर्कोटकी) को लेने की सही खुराक क्या है?

कंटोला के पाउडर को 50 से 100 मिली ग्राम लेने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज में जड़ को पानी में उबालकर 50 मिली लीटर जूस खाली पेट लें।

कंटोला की खुराक हर मरीज के लिए भिन्न हो सकती है। इसकी सही खुराक आपकी उम्र, मेडिकल कंडिशन और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जाएगी। कभी भी इसकी खुराक खुद से निर्धारित न करें। ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। कंटोला के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से कंसल्ट करें।

उपलब्ध

किन रूपों में उपलब्ध है कंटोला (कर्कोटकी)?

कंटोला (कर्कोटकी) निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:

  • पाउडर (Powder)
  • काढ़ा (Decotion)
  • रॉ फ्रूट (Raw Fruits)

अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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