जैविक उत्पाद (organic produce) का उपयोग ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए किया जाता है जो 100% रासायनिक मुक्त होते हैं। जैविक उत्पाद आयुर्वेदिक हो सकते हैं या नहीं, यह अलग-अलग तरीके के फॉर्मुलेशन पर डिपेंड करता है। ये ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स न केवल वेलनेस प्रोडक्ट्स के लिए बल्कि कपड़ों के लिए भी उपयोगी है।
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मूल (origin)
आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल स्वाभाविक रूप से आपकी सभी परेशानियों को ठीक कर सकता है। आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स इंजेस्टिबल होते हैं। किसी बड़ी स्वास्थ्य समस्या के लिए इनका इस्तेमाल परामर्श के साथ किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ सामान्य उत्पाद का उपयोग बड़ी जनसंख्या के द्वारा किया जाता है। आयुर्वेद में साइंटिफिक वैल्यू के साथ कई बड़ी-बड़ी हेल्थ प्रॉब्लम्स का हल मौजूद है। कुछ विद्वानों का कहना है कि आयुर्वेद की उत्पत्ति प्रागैतिहासिक काल में हुई थी। कुछ कहते हैं कि आयुर्वेद की कुछ अवधारणाएँ सिंधु घाटी सभ्यता के समय या उससे भी पहले से मौजूद हैं। हालांकि, वैदिक काल के दौरान आयुर्वेद में काफी विकास हुआ।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट्स के अनुसार “ऑर्गेनिक खेती (organic farming) एक तरह का प्रोडक्शन सिस्टम है जो मिट्टी, इको सिस्टम (eco system) और लोगों के स्वास्थ्य को बनाए रखती है। यह पूरी तरह से इकोलॉजिकल (ecological) प्रोसेस, जैव विविधता (biodiversity) और लोकल कंडीशन के अनुकूल होती हैं। जैविक कृषि ट्रेडिशन, इनोवेशन और साइंस का परफेक्ट कॉम्बिनेशन है। इससे पर्यावरण को तो लाभ मिलते ही हैं और साथ भी साथ व्यक्ति के जीवन की अच्छी गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाती है।” एग्रीकल्चर सामान्य रूप से एक हजार साल पुरानी है और ऑर्गेनिक फार्मिंग का आईडिया हानिकारण पेस्टिसाइड और फर्टिलाइजर के इस्तेमाल की वजह से अस्तित्व में आया।