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सर्दी-खांसी के लिए कितना फायदेमंद हैं होम्योपैथिक उपचार?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/05/2021

    सर्दी-खांसी के लिए कितना फायदेमंद हैं होम्योपैथिक उपचार?

    बहती नाक, गले में खराश और सिरदर्द यह कुछ आम निशानियां हैं सर्दी और खांसी की। सर्दी और खांसी जैसा सामान्य सा रोग भी किसी भी व्यक्ति के जीवन को कुछ दिनों तक बदल कर रख देता है। हालांकि, इसके उपचार के कई तरीके मौजूद हैं। सदियों से घरेलू और प्राकृतिक नुस्खों को इस समस्या से निजात पाने के लिए प्रयोग में लाया जाता रहा है। लेकिन, इस समस्या के उपचार में होम्योपैथी दवाइयों को बेहतरीन विकल्प माना जाता है। आज हम आपको सर्दी-जुकाम और खांसी में प्रयोग में आने वाले होम्योपैथिक ट्रीटमेंट के बारे में बताने जा रहे हैं। तो जानिए, सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough) के बारे में विस्तार से। लेकिन, सबसे पहले जानते हैं कि होम्योपैथिक ट्रीटमेंट को सर्दी- खांसी के लिए इतना प्रभावी क्यों माना जाता है?

    किस तरह से इतना असरदार है होम्योपैथिक ट्रीटमेंट? (Homeopathic Treatment) 

    सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough) से पहले हम होम्योपैथिक ट्रीटमेंट (Homeopathic Treatment) के प्रभाव के बारे में जान लेते हैं। यह उपचार केवल सर्दी-खांसी ही नहीं बल्कि अधिकतर हेल्थ कंडीशंस (Health Conditions) में असरदार माना जाता है। इसमें सर्दी और खांसी के उपचार के लिए नैचुरल चीजों का प्रयोग किया जाता है इसलिए यह हर उम्र के लोगों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। ये दवाएं सबसे पहले किसी भी रोग के कारण का इलाज करने के लिए काम करती हैं ताकि रोगी प्राकृतिक तरीके से पूरी तरह से ठीक हो सके। यही नहीं, खांसी के एक्यूट या क्रॉनिक दोनों तरह के मामलों में इसके बेहतरीन परिणाम मिलते हैं। आइए अब जानते हैं सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough) के बारे में। 

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    सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन कौन सी हैं? (Homeopathic Medicine for Cold and Cough

    होम्योपैथी पिछले कुछ सालों में तेजी से विकसित होने वाली पद्धति है। इसका प्रयोग पूरी दुनिया में किया जा रहा है। हमारे देश में भी इसका प्रयोग हर घर में होता है। अगर आप सर्दी-खांसी से पीड़ित हैं, तो जानिए आप इसके उपचार के लिए कौन सी होम्योपैथिक दवाइयों का प्रयोग कर सकते हैं:

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    आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album)

    सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough) में सबसे पहली दवा है आर्सेनिकम एल्बम। निसंदेह सर्दी-जुकाम और खांसी को एक सामान्य बीमारी माना जाता है। लेकिन, इसमें होने वाली परेशानियां किसी की भी हालत खराब कर सकती हैं। अगर किसी व्यक्ति को लगातार सर्दी, गले में खराश और छाती में समस्या है। इसके साथ ही वो जलन, कमजोरी, बेचैनी और एंग्जायटी भी महसूस कर रहा है, तो इस दवा से उसे लाभ हो सकता है। अगर आपको कोल्ड में अधिक छींक आने के साथ ही नाक में रुकावट भी हो रही है और इससे राहत न मिल रही हो। तो इस आर्सेनिकम एल्बम (Arsenicum Album) का प्रयोग राहत प्रदान कर सकता है। यही नहीं, बहुत अधिक खांसी जिसमें सांस लेने में भी समस्या होती है, उसमे भी इस दवाई का प्रयोग लाभदायक सिद्ध हो सकता है।  कई बार इस बीमारी में नाक के बहने के कारण नॉस्ट्रिल और अपर लिप में समस्या होने लगती हैं या रोगी बहुत अधिक ठंड महसूस करता है। रोगी का मुंह भी बार-बार सूखता है। तो इस स्थिति में आर्सेनिकम नामक होम्योपैथिक दवा दी जा सकती हैं।

    बेलडोना (Belladonna)

    बेलडोना (Belladonna) नाम की यह औषधि सर्दी-जुकाम होने पर अधिक बुखार जिसमें पसीना भी आता है उससे राहत पहुंचाने में लाभदायक है। इसके साथ ही जब सर्दी-जुकाम में नाक बंद हो जाता है या सिरदर्द होता है तो उससे छुटकारा पाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। यह सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough), फ्लू के लक्षणों को दूर करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। टांसिलाइटिस (Tonsillitis), अधिक सिरदर्द (Saver Headache) और गले में खराश (Sore Throat) के मामले में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

    यूफ्रेशिया (Euphrasia)

    आंखों का लाल होना व पानी आना, लगातार खांसी, पूरे शरीर में दर्द आदि कुछ ऐसे लक्षण हैं जो सर्दी- जुकाम को बदतर बना सकते हैं। इसमें रोगी के गले में बलगम जम जाती है और यह लक्षण रात को और भी भयानक हो सकते हैं। बच्चों को भी यह दवा सर्दी-जुकाम की स्थिति में दी जा सकती है। यूफ्रेशिया में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxident) गुण होते हैं जो आंखों की समस्याओं को दूर करने में भी प्रभावी हैं।

    नैट्रम म्यूरिएटिकम (Natrum Muriaticum)

    अगर रोगी को सर्दी-जुकाम के कारण नाक से सफेद रंग का डिस्चार्ज हो रहा हो, सिरदर्द हो या स्वाद व गंध का पता न चल रहा हो। तो उसे यह सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough) दी जाती है। इस स्थिति में उसके होंठ फटे हुए हो सकते हैं और उन पर कोल्ड सोर (Cold Sore) भी हो सकता है। इस दवा को सर्दी-खांसी के लिए बेहद अच्छा माना जाता है और इसका प्रयोग अन्य स्थितियों के उपचार के लिए भी किया जाता है। 

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     नक्स वोमिका (Nux Vomica) 

    नक्स वोमिका सर्दी जुकाम के लक्षणों जैसे स्पास्मोडिक छींक (Spasmodic Sneezing) और नाक का बंद होना (Nasal congestion) आदि के लिए आरामदायक औषधि मानी जाती है। यही नहीं, यह होम्योपैथिक दवा एसिडिटी के कारण होने वाली खांसी (Cough), उल्टियां (Vomiting), खट्टी डकार (Indigestion) को दूर करने में भी प्रभावी मानी जाती है। यानी, इसका प्रयोग कर के आप सर्दी-जुकाम और किसी भी तरह की खांसी से छुटकारा पा सकते हैं।

    सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन

    पल्सेटिला (Pulsatilla)

    यह सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough) रात में सूखी नाक के साथ नाक से पीले रंग के उस डिस्चार्ज से छुटकारा दिलाती है जो दिन के दौरान बहता है। इसके साथ ही अगर मरीज को गंध का अहसास न हो रहा हो, आंखो के ऊपर सिर में दर्द हो और बेचैनी हो रही हो। तो भी यह होम्योपैथिक दवा लेने की सलाह दी जा सकती हैं। बच्चों के लिए भी इसे पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है।

    काली बायक्रोमिकम (Kali Bichromicum) 

    इस दवा का प्रयोग सर्दी और नेसल डिस्चार्ज के बाद के चरण में किया जाता है। काली बायक्रोमिकम (Kali Bichromicum) सर्दी-जुकाम के अन्य लक्षणों जैसे बंद नाक, पलकों में सूजन और नाक से चिपचिपा डिस्चार्ज आदि से छुटकारा दिलाने में भी लाभदायक है।

    एकोनाइट (Aconite)  

    इस सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough) को लेने की सलाह  सर्दी और खांसी के शुरुआत चरण में ही दे दी जाती है। जब रोगी ठंडे या गर्म मौसम के सम्पर्क में आता है। यही नहीं इस औषधि को अधिक बुखार और बेचैनी की स्थिति में भी रोगी को दिया जा सकता है

    एलियम सेपा (Allium Cepa)

    एलियम सेपा को तब प्रभावी माना जाता है जब रोगी को सर्दी-जुकाम के कारण आंखो में जलन नहीं होती है, लेकिन नाक से डिस्चार्ज लगातार होता रहता है। यह दवा सर्दी के लक्षणों जैसे खांसी और आंखो में पानी आदि का उपचार करने में प्रभावी है।

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    फॉस्फोरस (Phosphorus)

    अगर किसी व्यक्ति को सर्दी-जुकाम का प्रभाव छाती पर पड़ता है, तो उसके लिए यह दवाई असरदार हो सकती है। कई बार सर्दी-जुकाम में ऐसा भी होता है कि एक नॉस्ट्रिल बंद होती है, तो दूसरी खुली। इसके साथ ही गला बैठना (Hoarseness) और नकसीर (Nose Bleeding) जैसी समस्याएं भी होती है। इन स्थितियों में भी इस सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough) लेने की सलाह दी जा सकती हैं।

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    सल्फर (Sulphur)

    यह रेमेडी इस दौरान होने वाली बर्निंग और परेशान करने वाली खांसी (जो रात को बदतर हो जाती है) को दूर करने में प्रयोग की जा सकती हैं। इसके साथ ही सोते हुए अगर आपको ब्रीदिंग प्रॉब्लम हो रही हो या हलकी खांसी हो। यह खांसी एक हफ्ते या उससे भी अधिक समय से हो लेकिन न तो यह बढ़ रही हो और न ही उसमे सुधार हो रहा हो। तो इस स्थिति में भी सल्फर का प्रयोग किया जाता हैं। अगर रोगी की आंखो में जलन, आंखो का लाल होना या उनमें मवाद भरना जैसी परेशानियां हो तब भी इस की सलाह दी जा सकती हैं।

    होम्योपैथी मिथ (Homeopathy Myth)

    सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन की कितनी डोज लेनी चाहिए? (Doses of Homeopathic Medicine for Cold and Cough)

    आपको सर्दी-खांसी के लिए होम्योपैथिक मेडिसिन (Homeopathic Medicine for Cold and Cough) कितनी लेनी है। इसकी डोज के बारे में अपने होमियोपैथ से बात करें। क्योंकि, यह डोज व्यक्ति की स्थिति और अन्य कई चीजों को ध्यान में रख कर दी जाती है। अगर आपको तीन या चार डोज के बाद भी कोई फायदा नहीं होता है। तो भी होमियोपैथ की सलाह लेना अनिवार्य हैं।

    नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंटरी एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ  (National Center for Complementary and Integrative Health) के अनुसार किसी भी हेल्थ कंडीशन में होम्योपैथी के इफेक्टिव ट्रीटमेंट के बारे में कोई सबूत मौजूद नहीं है। होम्योपैथिक के रूप में लेबल किए गए कुछ उत्पादों में पर्याप्त मात्रा में एक्टिव इंग्रेडिएंट्स हो सकते हैं और इससे साइड इफेक्ट्स और ड्रग इंटरेक्शन होना भी स्वाभाविक है। ऐसे में किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह और अप्रूवल अवश्य लें।

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    होम्योपैथिक दवाइयों की इफेक्टिवनेस मेडिकल साइंस में अभी बहस का विषय है। इसलिए, आपको कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए। क्योंकि हर्बल या नैचुरल उत्पाद भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होते। इनके भी कई साइड-इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए, अगर आप कोई भी होम्योपैथिक ट्रीटमेंट शुरू करने जा रहे हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। अगर आपको उपचार के दौरान कोई भी समस्या होती हैं तो तुरंत उपचार को रोक कर मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है।

    डिस्क्लेमर

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