एम्फ़ैटेमिन (Amphetamine) डेक्समिथाइलफेनिडेट (Dexmethylphenidate) यह दवायें इस समस्या से पीड़ित हर व्यक्ति के लिए काम नहीं करती हैं। इसलिए 6 साल से अधिक उम्र के लोगों को यह दवाई दी जा सकती है:
- ऐटोमॉक्सेटाइन (Atomoxetine)
थेरेपी (Therapy)
- थेरेपी का प्रयोग पीड़ित बच्चे के व्यवहार को बदलने के उपचार में प्रयोग किया जाता है। स्पेशल एजुकेशन से बच्चे को सीखने में मदद मिलती है। बिहेवियर मॉडिफिकेशन से पीड़ित बच्चों को अपने व्यवहार में परिवर्तन के बारे में सिखाया जाता है।
- साइकोथेरेपी (Counseling) में उन्हें यह बताया जाता है कि अपनी परेशानियों को कैसे दूर किया जा सकता है। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
- सोशल स्किल्स ट्रेनिंग (Social Skills Training) से बच्चे लोगों से घुलना मिलना, शेयरिंग आदि सीखते हैं।
मेडिकल डिवाइस (Medical Device)
सात से बारह साल के बच्चों के लिए एक मेडिकल डिवाइस आता है। जिसे मोनार्क एक्सटर्नल ट्राइजेमिनल नर्व स्टिमुलेशन (Monarch external Trigeminal Nerve Stimulation) कहा जाता है। यह पीड़ित बच्चों के मस्तिष्क के उस हिस्से में निम्न-स्तरीय इम्पलसिस भेजता है, जो इस समस्या का कारण बनता है। इसके साथ बच्चे के माता पिता को भी बच्चे के व्यवहार को मैनेज करने के बारे में बताया जाता है। यह भी माना जाता है कि इस समस्या से पीड़ित बच्चों के आहार में ओमेगा-3s (Omega-3s) होना चाहिए।
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लर्निंग डिसेबिलिटी (Learning Disability)
डेवलपमेंटल डिसऑर्डर में अगला विकार है लर्निंग डिसेबिलिटी। लर्निंग डिसेबिलिटी का अर्थ है प्रभावित व्यक्ति को सीखने, समझने, बोलने आदि में समस्या होना। यह समस्या बच्चों में अधिक देखने को मिलती है। कई बार बच्चे कुछ सीखने में सामान्य से भी अधिक समय लगाते हैं। अगर ऐसा है तो यह लर्निंग डिसेबिलिटी का संकेत हो सकता है। जानिए, कौन से हैं इसके प्रकार
लर्निंग डिसेबिलिटी के प्रकार (Types of Learning Disability)
लर्निंग डिसेबिलिटी कई प्रकार की हो सकती हैं, जो अलग-अलग लोगों को अलग तरीके से प्रभावित करती हैं। यह बात समझना भी जरूरी है कि अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) और आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर्स (Autism Spectrum Disorders) दोनों लर्निंग डिसेबिलिटी से अलग हैं। इस डेवलपमेंटल डिसऑर्डर (Development disorder) के प्रकार इस तरह से हैं
- डिस्प्रक्सिया(Dyspraxia) :यह व्यक्ति के मोटर स्किल को प्रभावित करता है। मोटर कौशल हमारे मूवमेंट और कोआर्डिनेशन में मदद करते हैं।
- डिस्लेक्सिया (Dyslexia) : डिस्लेक्सिया के कारण बच्चों को लिखने और पढ़ने में समस्या हो सकती है। यह व्याकरण और पढ़ने की समझ की समस्या भी पैदा कर सकता है।
- डिस्ग्राफिया (Dysgraphia): डिसग्राफिया एक व्यक्ति की लेखन क्षमताओं को प्रभावित करता है।
- डिसकैलकुलिया (Dyscalculia): डिस्क्लेकुलिया व्यक्ति की गणित करने की क्षमता को प्रभावित करता है।
- विजुअल प्रोसेसिंग डिसऑर्डर (Visual Processing Disorder) : इससे प्रभावित बच्चे किसी दृश्य की व्याख्या करने में असमर्थ होते हैं।
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लर्निंग डिसेबिलिटी के लक्षण (Symptoms of Learning Disability)
जैसा की इन प्रकारों से आप जान ही गए होंगी कि लर्निंग डिसेबिलिटी बच्चे की पढ़ाई में बाधा बनती है। इसलिए, इसके लक्षणों के बारे में जानकर आप इस समस्या का निदान कर सकते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं: