3. इंटेस्टाइन में सूजन (Inflammation in the intestines): कई बार पेट दर्द या डायरिया की शिकायत इंटेस्टाइन में मौजूद इम्यून सिस्टम सेल्स के बढ़ जाने के कारण होता है, जिससे इंटेस्टाइन में सूजन की परेशानी शुरू हो जाती है।
4. गंभीर संक्रमण (Severe Infection): बैक्टीरिया या वायरस के कारण दस्त की गंभीर परेशानी होने के बाद इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या शुरू हो सकता है। आईबीएस आंतों में मौजूद ओवरग्रोथ बैक्टीरियल के साथ भी जुड़ा हो सकता है।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के ऊपर बताये ये खास कारण हो सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि इस बीमारी से निजात नहीं पाया जा सकता। इस आर्टिकल में आगे समझेंगे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का यूनानी इलाज कैसे किया जाता है।
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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का यूनानी इलाज (Unani treatment for Irritable bowel syndrome) क्या है?

एलोपैथ में इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं हैं, लेकिन यूनानी जैसी प्राकृतिक चिकित्सा प्रणालियों में प्रभावी उपचार मौजूद हैं। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का यूनानी इलाज निम्नलिखित जड़ी बूटियों से किया जाता है। इन यूनानी दवाओं में शामिल है:
बेल (Aegle marmelos)

बेल और इसके पत्ते दोनों से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome) का यूनानी विधि से इलाज किया जाता है। यह डायजेशन के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। क्रोनिक डायरिया हो या टायफॉइड हो, इन दोनों बीमरियों में इसका सेवन रामबाण माना जाता है।
कैसे करें बेल का सेवन?
बेल के जूस का सेवन किया जा सकता है या पके बेल का सेवन भी किया जा सकता है। इसके अलावा बेल के पत्ते को पानी में उबाल कर और इस पानी को छान कर सेवन किया जा सकता है।
जीरा (Cumin seeds)

जीरे को यूनानी मेडिसिन की तरह इस्तेमाल किया जाता है, जो पेट के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। जीरे के सेवन से पेट संबंधित परेशानियों को दूर किया जाता है।
कैसे करें जीरे का सेवन?
जीरे को पानी में सबसे पहले उबालें और फिर इस पानी को छानकर पिएं। इससे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की तकलीफ दूर हो सकती है।
आंवला (Gooseberry)

आंवला यूनानी दवाओं की लिस्ट में शामिल है। इसके सेवन से दस्त की समस्या दूर होती है और पेट ठंडा रहता है।
कैसे करें आंवले का सेवन?
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) की तकलीफ से बचने के लिए कच्चे आंवले या आंवले के जूस का सेवन किया जा सकता है।