इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का यूनानी इलाज (Unani treatment for Irritable bowel syndrome) क्या है?

एलोपैथ में इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं हैं, लेकिन यूनानी जैसी प्राकृतिक चिकित्सा प्रणालियों में प्रभावी उपचार मौजूद हैं। इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का यूनानी इलाज निम्नलिखित जड़ी बूटियों से किया जाता है। इन यूनानी दवाओं में शामिल है:
बेल (Aegle marmelos)

बेल और इसके पत्ते दोनों से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable bowel syndrome) का यूनानी विधि से इलाज किया जाता है। यह डायजेशन के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। क्रोनिक डायरिया हो या टायफॉइड हो, इन दोनों बीमरियों में इसका सेवन रामबाण माना जाता है।
कैसे करें बेल का सेवन?
बेल के जूस का सेवन किया जा सकता है या पके बेल का सेवन भी किया जा सकता है। इसके अलावा बेल के पत्ते को पानी में उबाल कर और इस पानी को छान कर सेवन किया जा सकता है।
जीरा (Cumin seeds)

जीरे को यूनानी मेडिसिन की तरह इस्तेमाल किया जाता है, जो पेट के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। जीरे के सेवन से पेट संबंधित परेशानियों को दूर किया जाता है।
कैसे करें जीरे का सेवन?
जीरे को पानी में सबसे पहले उबालें और फिर इस पानी को छानकर पिएं। इससे इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की तकलीफ दूर हो सकती है।
आंवला (Gooseberry)

आंवला यूनानी दवाओं की लिस्ट में शामिल है। इसके सेवन से दस्त की समस्या दूर होती है और पेट ठंडा रहता है।
कैसे करें आंवले का सेवन?
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) की तकलीफ से बचने के लिए कच्चे आंवले या आंवले के जूस का सेवन किया जा सकता है।
आंवला, जीरा और बेल की मदद से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का यूनानी इलाज (Unani treatment for Irritable bowel syndrome) किया जाता है। लेकिन आसानी से उपलब्ध होने वाले इन खाने-पीने की चीजों का सेवन संतुलित करने से ही लाभ मिल सकता है। बेहतर होगा इससे जुड़े एक्सपर्ट से कंसल्ट करने के बाद इनका सेवन करें।
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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का यूनानी इलाज (Unani treatment for Irritable bowel syndrome) के साथ-साथ जीवनशैल पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक होता है। इसलिए नीचे दिए गए इन टिप्स को फॉलो करना ना भूलें।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से बचने के लिए हेल्दी टिप्स (Healthy tips for Irritable bowel syndrome) :-
- नियमित एक्सरसाइज करने की आदत डालें।
- कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन ना करें।
- डायट में प्रोबायोटिक्स चीजों को जरूर शामिल करें।
- डायट से फ्राइड और स्पाइसी फूड को शामिल ना करें।
- तनाव से दूर रहें।
- 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।
- दो से ढ़ाई लीटर पानी रोजाना पीएं।
इन छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या से बचा जा सकता है और सेहत भी हेल्दी हो सकती है। लेकिन अगर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का इलाज ठीक तरह से नहीं किया गया या इस परेशानी को नजरअंदाज किया गया तो बवासीर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
यूनानी विधि से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का इलाज करने के साथ-साथ एक्सपर्ट्स का मानना है कि एंग्जाइटी और इमोशनल हेल्थ को फिट रखने से भी इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या से बचा जा सकता है। अगर आप इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।