बेल के फायदे : हार्ट डिसीज (Heart disease) से राहत
हार्ट डिसीज की समस्या है तो आपको बेल के फल का प्रयोग करना चाहिए। बेल के खट्टे फल में कुछ घी मिलाएं। अब इस मिक्सचर को अपनी डेली डायट में शामिल करें। ऐसा करने से हार्ट रिलेटेड डिसीज से राहत मिलेगी। साथ ही स्ट्रोक और अटैक का खतरा भी कम हो जाएगा। बेल और घी का मिक्चर खाने में शामिल करने से करीब 54 प्रतिशत ब्लड ग्लूकोज रिड्यूज होता है।
बेल के फायदे (Benefits of bael) : कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) करता है कंट्रोल
बेल का फल शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने का काम करता है। ये ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही ट्रायग्लिसराइड, सीरम और टिशू लिपिड प्रोफाइल्स को भी कंट्रोल करता है।
बेल के फायदे : एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टी (Antimicrobial property)
बेल के फल में एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टी होती है। बेल के जूस का सेवन करने से फंगल और वायरल इंफेक्शन की समस्या से राहत मिलती है। बेल के रस में क्यूमिनाल्डिहाइड और यूजेनॉल होता है। गर्मियों में लोग अक्सर बेल के शर्बत को पीते हैं। बेल का शर्बत पीने से शरीर में ठंडक पहुंचती है और राहत का एहसास भी होता है। बेल के गुणों को देखते हुए इसका सेवन किया जा सकता है। बेल का सेवन किन लोगों को नहीं करना चाहिए, इस बारे में हेल्थकेयर एक्सपर्ट से जानकारी लें।
बेल के फायदे (Benefits of bael): शरीर की कूलिंग के लिए
बेल के फल का इस्तेमाल किसी भी मौसम में कर सकते हैं। लेकिन बेल के फल का प्रयोग गर्मियों में अधिक किया जाता है। बेल के जूस को शहद के साथ मिलाकर लेने से एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है। यानी बेल का प्रयोग करने से पेट की गर्मी शांत हो जाती है। लंच या फिर डिनर के पहले बेल का जूस लेना लाभकारी होता है। अगर आप इसे गर्मियों में ले रहे हैं तो आपके शरीर को ठंडक का एहसास होगा। आप बेल के गूदे को जीभ पास लगा सकते हैं ताकि मुंह के अल्सर में राहत मिले।
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बेल के फायदे : स्किन रैश (Skin rashes) से राहत
बेल के फल का यूज स्किन रैश को दूर करने के लिए भी किया जाता है। 30 एमएल बे लीफ जूस में जीरा और बेल जूस को मिलाएं। अब इसे दिन में दो बार पिएं। अगर आपको स्किन रैश की समस्या है तो ऐसा करने से स्किन रैश की समस्या से राहत मिलेगी।
बेल के फायदे : ब्रेस्टमिल्क प्रोड्यूस (Bael benefits for breast milk)
ब्रेस्टफीडिंग बच्चे के लिए वरदान जैसा होता है। नई मां के लिए बच्चे को फीड कराना चुनौती भरा काम हो सकता है। कई बार मांओं में ब्रेस्ट में कम दूध बनता है। ब्रेस्टमिल्क को प्रोड्यूस करने के लिए बेल के फल का सहारा लिया जा सकता है। बेल जूस में ड्राई जिंजर पाउडर और गुड़ को मिलाकर पीना चाहिए। नई मां कुछ ही दिनों बाद असर दिखाई देने लगेगा।
बेल के फायदे : ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer) से राहत