आहार (Diet)
मस्तिष्क शरीर के सबसे अधिक सक्रिय भागों में से एक है और इसे कार्य करने के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। एक खराब आहार न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन करने के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं कर सकता है और चिंता या अवसाद के लक्षणों को उकसा सकता है। इसलिए सही और संतुलित आहार मूड डिसऑर्डर्स (Mood Disorders) से राहत पाने के लिए जरूरी है।
अल्कोहल (Alcohol)
डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए, ऐसा माना जाता है कि इससे यह समस्या बढ़ सकती है।
पर्याप्त नींद (Enough Sleep)
सही और पर्याप्त नींद का भी हमारे मूड पर अच्छा असर होता है। हमें अवसाद और चिंता को कम करने में मदद करने वाली नींद की आवश्यकता होती है। अच्छी गुणवत्ता वाली नींद प्राप्त करना हमारी प्राथमिकता में से एक है।
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विचार और भावनाएं (Thoughts and Feelings)
नेगेटिव विचार और भावनाएं न केवल आपको परेशान कर सकती है बल्कि यह शरीर के हार्मोन बैलेंस को भी प्रभावित कर सकती है। जिससे मूड डिसऑर्डर (Mood Disorder) हो सकता है। इसके साथ ही इम्यून सिस्टम और अन्य शरीर के भाग भी प्रभावित हो सकते हैं। पॉजिटिव थिंकिंग से हमारे दिमाग खुश होता है जिससे डिप्रेशन और अन्य मानसिक समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
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मूड डिसऑर्डर्स में कौन सी एक्सरसाइजेज करनी चाहिए (Exercises in Mood Disorder)?
शोधकर्ताओं का कहना है कि अधिक शारीरिक रूप से सक्रिय लोग कम सक्रिय लोगों की तुलना में अधिक उत्साह से भरपूर होते हैं। रोजाना व्यायाम करने से आप न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी फिट रह सकते हैं। मूड डिसऑर्डर्स (Mood Disorders) को दूर करने के लिए कुछ व्यायाम बहुत लाभदायक हैं जैसे:
रनिंग (Running)
ऐसा कहा जाता है कि रनिंग या वाक एंटी-डिप्रेसेंट्स की तरह काम करती हैं। जिससे आप तनाव और डिप्रेशन आदि समस्याओं से बच सकते हैं। इसलिए, मूड डिसऑर्डर्स (Mood Disorder) की समस्या से राहत पाने के लिए दिन में कुछ समय रनिंग या वाक के लिए अवश्य निकालें।

पिलाटे (Pilate)
पिलेट्स के मानसिक स्वास्थ्य लाभों को अक्सर अनदेखा किया जाता है और ऐसा माना जाता है कि यह पीठ और कोर स्ट्रेंथ के लिए फायदेमंद है। लेकिन पिलाटे से स्ट्रेस कम होता है और आराम मिलता है। यही नहीं इस व्यायाम का फोकस ब्रीदिंग और रिलैक्सेशन पर होता है, जिससे नींद भी अच्छी आती है।
योगा (Yoga)
योगा का मुख्य फायदा यह है कि यह मेंटल हेल्थ और अच्छा बनाता है और शरीर और दिमाग दोनों को स्वस्थ करने में मददगार है। यह किसी दवा या थेरेपी से अधिक प्रभावी है। योग के गरुड़ासन Garudasana , पश्चिमोत्तानासन Paschimottanasana , सेतु बन्धासना और प्राणायाम (Prannayam) मूड डिसऑर्डर्स (Mood Disorders) को दूर करने में लाभदायक हैं
रेजिस्टेंस ट्रेनिंग (Resistance Training)
वजन उठाना या बॉडी वेट एक्सरसाइजेज का आप क्या महसूस करते हो इस पर बहुत अधिक असर होता है। मांसपेशियों को बनाने और एंग्जायटी दूर करने में भी यह लाभदायक हैं। यह सबूत भी मौजूद हैं कि यह व्यायाम कॉग्निशन में सुधार करने में मदद करता है और हमारे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के काम में सुधार कर सकता है।
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मूड डिसऑर्डर्स (Mood Disorders) से पीड़ित अधिकतर लोग अपने लाइफस्टाइल में कुछ बदलावों के बाद ही फर्क महसूस करते हैं। लेकिन, सबसे जरूरी है इस समस्या के लक्षणों को समझना और सही समय पर इलाज कराना। मानसिक समस्याओं को नजरअंदाज न करें। क्योंकि, इनमें भी उतनी ही देखभाल और सही इलाज की जरूरत पड़ती है जिनकी की शारीरिक समस्याओं में।