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बालों के रंग के लिए स्मोकिंग भी है रिस्क फेक्टर
2013 के शोध के अनुसार स्मोकिंग करने वाले लोगों के बालों का रंग बदलकर ग्रे हो सकता है। ऐसे में जितना जल्दी संभव हो इस आदत को छोड़ देना चाहिए, यदि नहीं तो सामान्य लोगों की तुलना में आपके बाल समय से पहले भूरे हो जाएंगे। वहीं बालों का रंग बदलने के दूसरे कारणों की बात करें तो शरीर में कुछ चीजों की कमी के कारण भी ऐसा हो सकता है। जैसे शरीर में विटामिन बी 12, कॉपर, आयरन, उम्र बढ़ने के साथ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण बालो का रंग बदल सकता है।
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शरीर में इंबैलेंस के कारण भी बालों का रंग बदल सकता है
रेव रिव्यूज की हेल्थ एक्सपर्ट और एरीजोना की फिजिशियवन केसी निकोलस बताती हैं कि तनाव के कारण ही शरीर में एंटीऑक्सीडेंट में कुछ बदलाव होने से हमारे टिशू, प्रोटीन या फिर डीएनए को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं कुछ मामलों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस जीवन की सामान्य प्रक्रिया में से एक होता है।
सामान्य तौर पर 30 साल के बाद हर एक दशक जैसे जैसे बढ़ता है वैसे वैसे हमारे बालों के रंग में भी परिवर्तन दिखने लगता है। यानि कि हम जैसे जैसे बुजुर्ग होते हैं वैसे वैसे हमारे बालों का रंग भी हर एक दशक में दस फीसदी बदलते जाता है।
जीन के कारण बदल सकता है बालों का रंग
बता दें कि कई शोध के अध्ययन से यह पता चला है कि मानव शरीर में पाए जाने वाले ‘जीन’, हमारे बालों के रंग के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। बता दें कि रिसर्च के दौरान यह बातें भी सामने आई कि अलग-अलग नस्ल के लोगों में अलग-अलग समय पर बाल सफेद हो सकता है। अफ्रीका और पूर्वी-एशियाई नस्लों में बाल एक उम्र के बाद ही सफेद होने शुरू होते हैं। वहीं भारत की बात करें तो यहां पर 40 साल के बाद बालों का रंग बदलते देखा गया है।
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अच्छी लाइफस्टाइल को अपनाकर टाला जा सकता है
बालों का रंग बदलने की बात है तो हम अपने लाइफस्टाइल में जरा सा बदलाव कर इसे रोक सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि खानपान सही रखें, खाने में पौष्टिक आहार का सेवन करने के साथ ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे वालनट और फैटी फिश का सेवन करें। अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में आने से जितना हो बचें, ताकि अपने स्किन को बचाने के साथ बालों को भी डैमेज होने से बचा सकें। विटामिन बी 12 के साथ विटामिन बी 6 सप्लीमेंट का सेवन कर बालों को नेचुरल रंग में लंबे समय तक रखा जा सकता है।