क्या आप श्योर हैं कि आप लॉग आउट करना चाहते हैं?
ऑटिज्म (Autism) एक मानसिक रोग है, जिसमें हर व्यक्ति में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। ऐसे में इसका समय रहते इलाज जरूरी है। सही समय पर इलाज मिलने से व्यक्ति का भविष्य काफी हद तक सुधर सकता है। ऑटिज्म एक मानसिक बीमारी है, इस बीमारी के लक्षण बच्चों के शुरुआती जीवन में ही दिखने लगते हैं। ऑटिज्म के लक्षण सबसे पहले एक से तीन साल की उम्र के बच्चों में ही देखने को मिल जाते हैं। ऑटिज्स के कारण बच्चों का मानसिक विकास भी रुक जाता है। ऑटिस्टिक बच्चे लोगों से मिलने-जुलने से भी कतराते हैं और जिस कारण उनकी सोशल स्किल्स विकसित नहीं हो पाती हैं। ऑटिज्म से पीड़ित होने पर ऐसा देखा जाता है कि बच्चा आवाजों या फिर किसी गतिविधि पर कोई प्रक्रिया नहीं देता है। ऑटिज्म के प्रकार भी अलग हैं और इनके लक्षण भी।
यह एक ऐसी बीमारी होती है, जिसमें ऑटिज्म व्यक्ति न तो अपनी बात आपके सामने सही ढंग से रख पाता है और न ही आपकी बात सही तरह से समझ पाता है। इसे डेवलपमेंटल डिसेबिलिटी के नाम से भी जाना जाता है। यह जन्म के साथ ही बच्चों में नजर आने लगता है। ऑटिज्म को एक न्यूरो बिहेवियर के रूप में परिभाषित किया गया है। कई बार हमें बच्चों में अलग-अलग तरह के ऑटिज्म देखने को मिलते हैं। जिनमें कुछ आसमानता होती है। कहने का अर्थ यह की ऑटिज्म कई प्रकार के होते हैं। मुख्य रूप से ये पांच प्रकार के होते हैं। आइए जानते हैं, ऑटिज्म के प्रकार क्या-क्या हैं।
और पढ़ें : ऑटिज्म का दिमाग पर असर बच्चों के शुरुआती सालों में ही दिखता है
ऑटिस्टिक डिसॉर्डर भी ऑटिज्म के प्रकार में से एक हैं इसमें बच्चे के बात करने, भाषा संबंधी अन्य दिक्कतें, सीखने और दूसरों से अपने विचार प्रकट करने की क्षमता कम हो जाना या बिगड़ जाना शामिल है। इस तरह के ऑटिस्टिक डिसॉर्डर को क्लासिक ऑटिज्म (classic autism), कैनर्स सिंड्रोम (Kanner’s syndrome), लो फंक्शन ऑटिज्म (Low functioning autism) और चाइल्डहुड ऑटिज्म (चाइल्डहुड ऑटिज्म) के नाम से भी जाना जाता है।
एस्पर्गर सिंड्रोम से प्रभावित बच्चे बोलचाल में धीमे नहीं होते, पर वो सिर्फ वन-वे कम्युनिकेशन ही करते हैं। यानी कि किसी भी बात पर प्रक्रिया तब देना जब मन हो वरना नहीं। यानी किसी के बोलने पर बच्चा नहीं बोलता। वो जब मन करता है तभी बोलता है या जवाब देना पसंद ही नहीं करता। इसके अलावा, उसमें किसी अजीब चीजों को लेकर बहुत ज्यादा उत्सुक्ता देखने मिलती है, जो एस्पर्गर ऑटिज्म के लक्षण हैं।
और पढ़ें : बच्चों में जिद्दीपन: क्या हैं इसके कारण और उन्हें सुधारने के टिप्स?
इस तरह का डिसॉर्डर व्यक्ति के मन से सीधा संबंध रखता है। ये खासतौर पर लड़कियों में देखा जाता है। इस तरह के ऑटिज्म से प्रभावित लोगों के दिमाग का आकार छोटा होता है, उन्हें चलने में परेशानी आती है और शरीर का विकास असंतुलित ढंग से होता है। इसके अलावा, उनके हाथ टेढ़े, सांस लेने में परेशानी और बार-बार मिर्गी की परेशानी देखी जाती हैं।
इस तरह के ऑटिज्म में अक्सर छह साल की उम्र आते-आते बच्चे का विकास, भाषा और सीखने की क्षमता कम होने लगती है। उसने जो कुछ भी सीखा हुआ होता है, उसे भी वो भूलने लगता है। इसके साथ, उन्हें बार-बार मिर्गी के दौरे आने लगते हैं। इस तरह के डीजनरेटिव डिसॉर्डर बहुत कम देखे जाते हैं और यह एक लाख ऑटिस्टिक बच्चों में से एक को होता है।
पर्वेसिव डेव्लपमेंट डिसॉर्डर या PDD-NOS ऑटिज्म का एक सामान्य प्रकार है। हम इसे डाइग्नोस नहीं कर सकते क्योंकि, ये DSM-IV क्राइटेरिया में पूरी तरह मैंशन नहीं है। इस तरह के ऑटिज्म के बारे में ज्यादा कुछ नहीं लिखा गया है, लेकिन माना जाता है कि ये ऑटिज्म के बाकी प्रकारों से अलग है। इसलिए, इसे इस श्रेणी में रखा जाता है। इस तरह का डिसऑर्डर DSM-IV में ठीक से डिफाइन नहीं है।
और पढ़ें : बेबी हार्ट मर्मर के क्या लक्षण होते हैं? कैसे करें देखभाल
ऑटिज्म की बीमारी के लक्षण बच्चों में बहुत ही जल्दी दिखने लगते हैं। एक से तीन साल तक के बच्चों में इसके लक्षणों को देखा जा सकता है। एक साल का शिशु अगर इशारे करने या खिलौने दिखाने के बाद भी मुस्कुराता या कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है, तो ऐसे में यह ऑटिज्म की बीमारी का संकेत हो सकता है और पेरेंट्स को चाहिए कि बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा ऑटिज्म की बीमारी में जब बच्चा बोलने की कोशिश करता है, तो वह अजीबो-गरीब आवाजें निकालता है। ऑटिज्म की बीमारी के लक्षण बच्चों में अलग-अलग भी हो सकते हैं। ऑटिज्म के ऐसे ही कुछ आम लक्षण हैं।
ऑटिज्म का अभी तक कोई सटीक कारण पता नहीं चला है, लेकिन शोध से पता चलता है कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण हो सकता है। पर्यावरणीय कारक मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करने वाली विभिन्न प्रकार की स्थितियां हो सकती हैं, जो जन्म के पहले या बाद में हो सकती हैं। यह भी देखा गया है कि बचपन (Childhood) के दौरान केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को कोई भी नुकसान आत्मकेंद्रित होने का कारण बन सकता है।
और पढ़ें : बच्चों में अस्थमा की बीमारी होने पर क्या करना चाहिए ?
ऑटिज्म का निदान करना कई बार मुश्किल हो सकता है, क्योंकि विकारों का निदान करने के लिए रक्त परीक्षण की तरह कोई चिकित्सा परीक्षण नहीं है। डॉक्टर निदान करने के लिए बच्चे के व्यवहार और विकास को देखते हैं। ऑटिज्म का पता 18 महीने या उससे कम उम्र में कभी भी लगाया जा सकता है। 2 वर्ष की आयु के बाद डॉक्टर द्वारा इसका निदान किया जा सकता है। हालांकि बहुत से बच्चों में बहुत अधिक उम्र के बाद भी निदान नहीं हो पाता है। आमतौर पर इसका निदान दो तरीके से किया जाता है।
नोट: इस जांच के माध्यम से बच्चे के विकास और व्यवहार को मध्य नजर रखते हुए ऑटिज्म का निदान किया जाता है।
और पढ़ें : जानें बच्चे को बिजी रखने के टिप्स, आसानी से निपटा सकेंगी अपना काम
वैसे तो ऑटिज्म (Autism) एक आजीवन स्थिति है और इसका कोई इलाज नहीं है। लेकिन सही चिकित्सा या हस्तक्षेप से बच्चे को अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए आवश्यक कौशल सीखने में मदद मिल सकती है। चूंकि, जब बच्चा 18 महीने या उससे पहले का होता है, तो ऑटिज्म का पता लगाया जा सकता है। बेहतर परिणाम के लिए विकासात्मक सहायता काफी पहले प्रदान की जा सकती है। इसमें इलाज की जगह थेरिपी और बच्चों के साथ अच्छे व्यवहार के साथ उनकी सहायता की जा सकती है। इस स्थिति में, माता-पिता और देखभाल करने वाले के रूप में, आप यह भी कर सकते हैं:
और पढ़ें : बच्चे को बॉटल फीडिंग के दौरान हो सकते हैं इस तरह के खतरे, जानें क्या करें
ऑटिज्म (Autism) वालों बच्चों में कई प्रकार की जटिलताएं हो सकती हैं। जो इस प्रकार से हैं।
अगर आप ऑटिज्म (Autism) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
इम्यूनाइजेशन शेड्यूल का इस्तेमाल यह जानने के लिए करें कि आपके बच्चे को कब और किन टीकों की आवश्यकता है
आपके बेबी का जेंडर क्या है?
पुरुष
महिला
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
Autism https://www.whiteswanfoundation.org/disorders/neurodevelopmental-disorders/autism accessed on 04/01/2020
What is Autism Spectrum Disorder? https://www.cdc.gov/ncbddd/autism/facts.htmlaccessed on 04/01/2020
Autism https://www.asha.org/PRPSpecificTopic.aspx?folderid=8589935303§ion=Causes accessed on 04/01/2020
What Causes Autism and Why Are More and More Kids Being Diagnosed With It? http://www.center4research.org/causes-autism-kids-diagnosed/accessed on 04/01/2020
Autism Spectrum Disorder Fact Sheet https://www.ninds.nih.gov/Disorders/Patient-Caregiver-Education/Fact-Sheets/Autism-Spectrum-Disorder-Fact-Sheetaccessed on 04/01/2020
what is Autism https://www.autism-society.org/what-is/causes/ accessed on 04/01/2020