बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं। पेरेंट्स उन्हें जिस रूप में ढ़ालते हैं, बच्चे वैसे ही बन जाते हैं। अगर आप बच्चे को डरपोक बनाएंगे तो वह वैसा बनेगा और आत्मविश्वासी बनाएंगे तो वह वैसा होगा। इसलिए बच्चे में आत्मविश्वास शुरू से विकसित करें। कभी-कभी देखा गया है कि बच्चे बड़ों के सामने अपनी बात को कहने में हिचकते हैं। ऐसे में माता पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चे के अंदर आत्मविश्वास पैदा करें।