‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ (Good touch and bad touch) में सामने वाले के सिर्फ नीयत का अंतर होता है। ‘टच’ सिर्फ मकसद से गुड या बैड बन जाता है। एक शख्स आपके बच्चों को किस नीयत से छू रहा है, किस तरीके से छू रहा है.. इस से पता चल जाता है कि वह ‘गुड टच’ है या ‘बैड टच’, लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी यह भी है कि हम अपने बच्चों के साथ खुल कर बात करने की आदत डालें। ताकि बच्चे अगर इस तरह की घटना से जूझ रहे हों तो डरने की बजाए बेझिझक आपसे बताएं।