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प्रेग्नेंसी के दौरान होता है टेल बोन पेन, जानिए इसके कारण और लक्षण

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/08/2020

    प्रेग्नेंसी के दौरान होता है टेल बोन पेन, जानिए इसके कारण और लक्षण

    प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही के बाद हो सकता है कि आप कमर में नीचे की ओर दर्द महसूस करें। इसे टेल बोन पेन कहते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान टेलबोन पेन कॉमन होता है। इसे कोक्सीक्स पेन ( coccyx pain) भी कहते हैं। टेलबोन में अत्यधिक दबाव पड़ने के कारण गर्भवती महिलाओं को दर्द सहना पड़ता है। टेल बोन यूट्रस के ठीक पीछे की ओर स्थित होती है। कई बार कुछ शारीरिक कार्य भी पेन का कारण बन सकते हैं। इससे बचने के लिए डॉक्टर से इस बारे में सलाह करें। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर क्यों गर्भावस्था के दौरान टेलबोन पेन की समस्या होती है? गर्भावस्था के दौरान होने वाले इस दर्द से बचने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?

    टेल बोन पेन क्या होता है? (What is Tail bone pain)

    टेलबोन

    प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को पेल्विक रीजन के पास दर्द की शिकायत होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान फीटस के ग्रो करने के साथ ही महिला के निचले हिस्से में दबाव बढ़ता है। इसी कारण दर्द होता है। टेलबोन गर्भाशय के ठीक पीछे की ओर रीढ़ की हड्डी के अंत में स्थित होती है। जब बच्चा मूमेंट करता है तो टेलबोन पेन या कोक्सीक्स पेन बढ़ सकता है। कुछ महिलाओं में डिलिवरी के बाद भी टेलबोन पेन की समस्या बनी रहती है।

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    और पढ़ें: प्रेग्नेंसी में फ्रीक्वेंट यूरिनेशन क्यों होता है?

    प्रेग्नेंसी में क्यों होता है टेल बोन पेन?

    प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ कारण होते हैं जिनकी वजह से टेल बोन पेन की समस्या हो सकती है। जैसे-

    मसल्स की शिफ्टिंग

    प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही के दौरान बॉडी से रिलेक्सिन और ईस्ट्रोजन हार्मोन रिलीज होते हैं, ये हार्मोन पेल्विक रीजन में रिलेक्सेशन का काम करते हैं। एब्डॉमिनल एरिया (abdominal area) की मसल्स बच्चे के लिए जगह बनाने के लिए शिफ्ट होती हैं जो कि दर्द का कारण बनता है। जब बोन्स शिफ्ट होती हैं तो दर्द होना स्वाभाविक होता है।

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    बच्चे की बढ़ती ग्रोथ

    महीनों के बढ़ने के साथ ही बच्चे की ग्रोथ भी बढ़ती है। दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान बेबी टेल बोन के विपरीत पुश करता है। इसी कारण से टेल बोन पेन की समस्या होती है। टेल बोन यूट्रस के ठीक पीछे की ओर स्थित होती है।

    टेल बोन पेन के अन्य कारण

    प्रेग्नेंसी की आखिरी दिनों में बच्चा पूरी ग्रोथ कर चुका होता है और टेल बोन के विपरीत दिशा में तेजी से पुश करता है। जब अचानक से टेल बोन में ज्यादा प्रेशर पड़ जाता है तो दर्द की समस्या होती है। टेल बोन में दर्द के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे वॉकिंग के दौरान, साइकलिंग, बैठने पर या फिर खड़े होने पर भी टेल बोन पेन की समस्या हो सकती है।

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    टेल बोन पेन के कारण दिखने वाले लक्षण

    गर्भवती महिला में टेल बोन पेन की वजह से ये कुछ लक्षण दिखते हैं। जैसे-

    • स्पाइन के नीचे की ओर दर्द का एहसास होना।
    • ऊपरी नितंब की ओर दर्द महसूस होना।
    • पॉश्चर चेंज करने के साथ ही दर्द का कम या ज्यादा होना।
    • चलने, चढ़ने, मुढ़ने या उठने के दौरान पीठ के नीचे की ओर दर्द का एहसास।
    • कब्ज होने पर दर्द का अधिक एहसास होना।
    • किसी भी फिजिकल एक्टिविटी (physical activity) के दौरान दर्द का बढ़ जाना।

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    प्रेग्नेंसी के दौरान ये स्थितियां टेल बोन पेन को कर सकती हैं तेज

    गर्भावस्था में कुछ कारणों की वजह से टेल बोन में दर्द बढ़ सकता है। जैसे-

  • अगर महिला प्रेग्नेंसी के दौरान बिना रेस्ट के काम कर रही है तो भी पेन बढ़ सकता है।
  • किसी भी एक पुजिशन में लंबे समय तक रहने से भी प्रेग्नेंसी के दौरान पेन बढ़ जाता है।
  • अगर प्रेग्नेंसी के पहले टेलबोन में कोई समस्या थी तो प्रेग्नेंसी के दौरान बोन में स्ट्रेस बढ़ने से समस्या और भी बढ़ जाती है।
  • इंफेक्शन के कारण भी पेन बढ़ सकता है।
  • जो महिला प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक मोटी हो जाती है, उन्हें टेलबोन पेन का खतरा बढ़ अधिक बढ़ जाता है।
  • गर्भावस्था के दौरान यूटीआई या यूरिन ट्रैक्ट इन्‍फेक्‍शन (urinary tract infection) होने की वजह से भी श्रोणि यानी पेल्विक में दर्द उठता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्‍टर से मिलकर जांच करानी चाहिए।
  • डिलिवरी डेट जैसे-जैसे पास आती है और गर्भ में पल रहे शिशु का वजन बढ़ता है वैसे-वैसे यह दर्द भी बढ़ता जाता है। इसकी वजह से पैरों में भी दर्द शुरू हो जाता है। इससे बचने के लिए ज्‍यादा देर तक खड़े रहने की आदत छोड़ देनी चाहिए।
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    टेल बोन पेन को कम करने का उपाय

    पीठ के पीछे होने वाले पेन को कम करने के लिए स्वीमिंग, स्टैंडिंग पेल्विक टिल्ट एक्सरसाइज (standing pelvic tilt exercise) और टॉर्सो अपनाया जा सकता है। साथ ही कुछ तरीकों को अपनाकर भी पेन को कम किया जा सकता है।

    1. स्पेशल कुशन (special cushion) का इस्तेमाल प्रेग्नेंसी के दौरान करें।
    2. प्रेग्नेंसी की फाइनल स्टेज में मैटरनिटी बैल्ट का यूज करें।
    3. गर्भावस्था के दौरान एक ही पुजिशन में न खड़ी रहें। आप चाहे तो वॉक कर सकती हैं या फिर एक्सरसाइज भी कर सकती हैं।
    4. अगर आपको दर्द महसूस हो रहा है तो हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें। हीटिंग पैड ब्लड सप्लाई (blood supply) को रेगुलेट करता है।
    5. हाई हील्स को प्रेग्नेंसी के दौरान पूरी तरह से अवाॅइड करें।
    6. अगर आपको टेलबोन पेन की समस्या है तो डॉक्टर से परामर्श करें। डॉक्टर तेज दर्द के लिए आपको पेनकिलर (दर्द निवारक दवाएं) देगा।
    7. कब्ज से बचें क्योंकि कब्ज के कारण पेन बढ़ जाता है।
    8. गर्भावस्था में कमर दर्द या पीठ दर्द हो रहा है तो गरम तेल से मसाज करना फायदेमंद होगा। शरीर में मालिश से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है जिससे मांसपेशियों से दर्द गायब होता है।
    9. आपकी डिलिवरी ड्यू डेट (delivery due date) नजदीक है तो ज्‍यादा टहलना और व्‍यायाम करना छोड़ दें।
    10. बॉडी में अचानक से झटका लगने से समस्या बढ़ जाती है। आपको ऐसे जर्क से बचना चाहिए।

    प्रेग्नेंसी के दौरान यदि आपको टेल बोन पेन की समस्या महसूस हो रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपकी परेशानी को समझ कर परामर्श देगा।

    उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। टेल बोन पेन से जुड़ा अगर कोई और सवाल आपके मन में है तो हमारे फेसबुक पेज पर आप पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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