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इन तरीकों से संवारे अपने और सौतेले बच्चे के बीच के संबंध को

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. अभिषेक कानडे · आयुर्वेदा · Hello Swasthya


Nikhil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 04/07/2022

    इन तरीकों से संवारे अपने और सौतेले बच्चे के बीच के संबंध को

    सौतेले बच्चों से संबंध (Relationship with stepchildren) बनाना एक चुनौतीभर काम हैं, लेकिन मुश्किल नहीं। सौतेले बच्चे का संबंध सीधे दूसरी शादी (जिस भी कारण से) से है। बहुत से कपल्स शादी-शुदा जीवन बिताने के कुछ सालों बाद वैवाहिक जीवन से तलाक ले लेते हैं। कई कारणों से उन्हें दूसरी शादी भी करना पड़ता है। ऐसा मुमकिन है कि, दूसरी शादी में पार्टनर के पास पहले से संतान हो। दूसरी शादी करने पर सौतेले बच्चों के साथ अच्छे संबंध का निर्माण थोड़ा मुश्किल होता है। बस भावनात्मक स्तर के संबंध बनाने मात्र से सौतेले माता-पिता अपने पार्टनर के बच्चे के साथ अच्छी रिलेशन बना सकते हैं। अक्सर स्टेप-पैरेंट्स के पास अपने सौतेले बच्चों को समझने का कठिन समय होता है। ‘You’re a Step-parent… Now What??’ के लेखक जोसेफ सेरेकोन कहते हैं, कि जब परिवार और बच्चों की अपेक्षाएं पूरी नहीं होती हैं, तो संबंधों में निराशा हावी होने लगती है। जोसेफ सेरेकोन अपनी किताब में बताते हैं कि सौतेले बच्चों से संबंध (Relationship with stepchildren) में सकारात्मक संबंध बनाने के लिए किन व्यवहारिक तरीकों को अपनाना चाहिए। 

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    सौतेले बच्चों से संबंध (Relationship with stepchildren) : स्टेप बच्चों के लिए पेरेंटिंग टिप्स (Parenting Tips for Step Kids)

    सौतेले बच्चों से संबंध बनाना है तो याद रखें,  शुरुआत नहीं होती है आसान

    स्टेप किड्स के लिए रातोंरात “परिवार जैसा” बनने की प्रक्रिया पूरी करना आसान नहीं होता। इसमें कई साल लग सकते हैं। बच्चा हो सकता है कि शुरुआत में नए माता या पिता को एक्सेप्ट न कर पाए। ऐसे में बच्चों के साथ बहुत प्यार से व्यवहार करना चाहिए, ताकि बच्चा आपके करीब महसूस कर सके। कहते हैं कि हर रिश्ते की शुरूआत दोस्ती से होती है, अगर बच्चों के साथ एक दोस्त बनकर नए रिश्ते की शुरूआत की जाएगी तो बच्चे को ज्यादा अच्छा लगेगा। ऐसा करने से बच्चा अपनापन महसूस करेगा और रिश्ता अधिक गहरा हो जाएगा।

    सगे बच्चों और स्टेप किड्स में तुलना नहीं करें (Don’t Compare Real Kids And Step Kids)

    आपको अपने बच्चों और सौतेले बच्चों की तुलना नहीं करना चाहिए। कभी भी उनके बीच तुलना करने या अपने बच्चों को ज्यादा महत्त्व देने से बचें। ऐसा करने से बच्चे न सिर्फ आपसे बल्कि आपके सगे बच्चे को भी पसंद नहीं करेंगे। जिससे रिश्ता बनने की बजाए और बिगड़ सकता है। बेहतर होगा आप दोनों बच्चों को हमेशा बराबर रखें।आप दोनों के लिए हमेशा एक जैसी चीजे करें। ये बहुत नाजुक रिश्ता है। इसे बहुत ध्यानपूर्वक हैंडल करने की जरूरत होती है। क्योंकि दोनों बच्चों पर ही इसका बुरा असर पड सकता है। इसलिए दोनों का ध्यान रखते वक्त कुछ चीजों का खास ख्याल रखें।

    सौतेले बच्चों को जानने-समझने की कोशिश करें (Try to understand step children)

    सौतेले बच्चों से पहली बार मिलेंगे, उससे पहले ही उनकी पसंद और नापसंद, आदतें आदि के बारे में जानना अच्छा होगा। स्टेप किड्स को कौन सी बातें अच्छी लगती हैं? किन बातों से उन्हें डर महसूस होता है? जैसी बातों को पहले से जान कर आप उन्हें घर में आने से पहले ही जान लेंगे और आप उनके साथ अच्छा रिश्ता बना सकते हैं। सौतेले बच्चों से दूरी बनाने के बजाए साथ में समय बिताना चाहिए। इससे आप उनकी खूबियों, कमियों, परेशानियों व आदतों के बारे में जान पाएंगे। कहीं भी आप महसूस करें कि बच्चे को सलाह और प्यार की जरूरत है, बेशर्त करें। 

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    जॉब में हैं तो सौतेले बच्चों से संबंध के लिए समय निकालें (If you are in a job, take time out to bond with stepchildren.)

    अगर कहीं पर नौकरी में हैं या पेशेवर हैं तो सौतेले बच्चों के लिए समय अवश्य निकालें। नहीं तो, बच्चे में यह घर कर सकता है कि आप उनकी परवाह नहीं करते। कोशिश करें कि बच्चों के साथ रोजाना बैठ सकें, भले ही थोड़ी देर। अगर आप किसी दिन घर पर हैं, और बच्चे कहीं बाहर से आए तो उनसे पूछें कि दिन, क्लास, खेल आदि कैसा रहा? इससे बच्चों को लगेगा कि आप उनकी फिक्र करते हैं। उनकी बातों को ध्यान से सुनें। साथ ही आप बच्चे से दिनभर के बारे में पूछ भी सकते हैं कि उसने दिनभर क्या किया और उसे उसका सबसे अच्छा पल कौन-सा था। ऐसा करने से करीबी बढ़ती है। 

    सौतेले बच्चों के प्रति फीलिंग्स न छुपाएं (Don’t hide your feelings for stepchildren)

    सौतेले बच्चों से आप कितना भी प्यार कर लें, लेकिन सगी मां-पिता की कसक बच्चों के दिमाग में बैठी रहती है। परिवार की मूल्यों और तरीकों का ख्याल रखते हुए नए परिवार तथा स्टेप किड्स के लिए आने वाली फीलिंग्स को उनके सामने जरूर व्‍यक्‍त करें। जो महसूस करते हों, वही बताएं। बच्चों के प्रति (step kids) अपनी फीलिंग्स को बच्चों से बताएं। इससे उनका आपके ऊपर भरोसा बनेगा। भावना बता कर आप सौतेले बच्चों से संबंध बना सकते हैं।

    सौतेले बच्चों से संबंध:  स्वीकृति के लिए ज्यादा घबराएं नहीं (Don’t be too nervous for acceptance)

    आप दोनों (Step kids & step parents) एक-दूसरे के लिए नए हैं। शुरू में यह संभव है कि, बच्चे आपको पसंद न करें। लेकिन इससे घबरा कर यह न सोचें कि, सौतेला बच्चा कभी भी आपको स्वीकार नहीं करेगा। धीरे-धीरे साथ रहने पर सब बदल जाता है। कभी आपका पार्टनर, बच्चों के साथ उनके पहले पार्टनर के साथ मिलने की योजना बनाएं, तो उन्हें प्रोत्साहित करें। इससे न सिर्फ स्टेप किड्स बल्कि, आपके पार्टनर की नजरों में भी आदर ला पाएंगे। आपके इस कदम से बच्चे की मेंटल स्थिति में मदद होगी। क्योंकि बच्चों के लिए यह बेहद नाजुक समय होता है। उन्हें मां बाप के रिश्ते को लेकर किसी तरह का स्ट्रेस न होने दें। आप उन्हें सभी कामों के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें जितना हो सके अपना प्यार दें।

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    रिश्तेदारों के साथ सौतेले बच्चों से संबंध को समझें (Understand the relationship of stepchildren with relatives)

    परिवार या रिश्तेदार में अन्य माता-पिता के साथ अपने सौतेले बच्चों के रिश्ते के महत्व को पहचानना चाहिए। इससे यह पता चल सकता है, कि वे अपने पेरेंट्स में क्या चाहते हैं? उन्हें बदलने की कोशिश न करें, बल्कि अपने सौतेले बच्चों (step kids) के साथ एक नया रिश्ता बनाने पर ध्यान केंद्रित करें। यदि आप अपने माता पिता के घर जा रहे हैं तो अपने सगे और सौतेले दोनों बच्चों को साथ लेकर जाएं। इस रिश्ते में मीठास घोलने के लिए आपका यह प्रयास खाली नहीं जाएगा। दोनों बच्चों को हर जगह बराबर स्पेस दें। तभी आप एक अच्छी मां बन पाएंगी।

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    सौतेले बच्चों से संबंध :  परिवार के संबंध में संयुक्त निर्णय लें (Take joint decision regarding family)

    आपको और आपके जीवन साथी को परिवार के बारे में निरंतर, खुले संवाद (Open Communication) की आवश्यकता होगी। हमेशा एक-दूसरे के समर्थक बनें रहें और परिवार के संबंध में संयुक्त निर्णय लें। ताकि, बच्चे इस बात को लेकर आश्वस्त हों कि आप उनके और परिवार के लिए संयुक्त रूप से फैसला ले रहे हैं। इससे सौतेले बच्चों से संबंध गाढ़े होने की संभावना बढ़ेगी। अगर आपको जरूरी लगे तो किसी भी निर्णय को लेते समय एक बार बच्चे की राय भी जरूर जानें। बच्चों की इच्छा पूछ लेने से उन्हें अपनेपन का एहसास होगा।

    अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। किसी भी नए रिश्तों को बनाने में थोड़ा समय लग सकता है। अगर आपको भी समय लग रहा है तो निराश न हो। जब आप प्यार भरा व्यवहार करते हैं तो रिश्तों को मजबूत बनाने में दिक्कत नहीं आती है। आप एक प्यारी कोशिश करिए, आपको जरूर सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।

    डिस्क्लेमर

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