ब्लेम-गेम से बिगड़ा बचपन
माता-पिता के अलग होते ही आपका जीवन बदल जाता है लेकिन, अलग होने के बाद भी वो दोनों इस तलाक के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार बताते हैं और ब्लेम-गेम का यह सिलसिला चलता रहता है। अपने आस-पास ऐसा वातावरण देखकर बच्चे काफी नकारात्मक हो जाते हैं और अपने जीवन में भी ब्लेम-गेम का अनुसरण करने लगते हैं।
यह कुछ ऐसे अनुभव हैं जिनसे यह पता चलता है कि तलाक का बच्चों पर सीधे तौर पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है। अगर आपकी अपने साथी के साथ किसी बात पर मतभेद हैं तो किसी अच्छे रिलेशनशिप एक्स्पर्ट से परामर्श लें। ऐसा करने से आप अपने रिश्ते को बचा सकते हैं और तलाक से होने वाली इन समस्याओं को भी होने से रोक सकते हैं।
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बच्चों पर तलाक का असर और किस तरह के प्रभाव डाल सकता है?
बच्चों पर तलाक का असर कई तरह से हो सकता है। हालांकि, इसका अनुभव हर बच्चे और माता-पिता के लिए अलग-अलग हो सकता है। तलाक के बाद जहां कुछ लोगों का जीवन पहले के मुकाबले अधिक आसान हो सकता है, तो वहीं, कुछ लोगों का जीवन काफी मुश्किलोंभरा भी बन जाता है।
सौतेले माता-पिता और भाई-बहनों से लगाव में कठिनाई
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि, बच्चे अपने सौतेले माता-पिता या भाई-बहनों से लगाव महसूस करने में कई तरह की परेशानियों का सामना कर सकते हैं। यह स्थिति दोनों ही तरफ से हो सकती है। जबकि, एक बच्चे के परवरिश के लिए एक खुशमिजाज परिवार का होना बहुत जरूरी माना जा सकता है। क्योंकि, बच्चे जो भी अपने आस-पास देखेते और सुनते हैं, इसकी संभावना बढ़ जाती है कि भविष्य में वह भी इन्हीं आदतों को अपना सकते हैं।
अगर आप अपने पति या पत्नी से तलाक लेने वाले हैं, तो आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपके तलाक का फैसला आपके बच्चे के जीवन को प्रभावित न करें।
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बच्चों पर तलाक का असर कैसे सकारात्मक बनाया जा सकता है?
बच्चों पर तलाक का असर सकारात्मक बनाने के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैंः
सगे माता या पिता की बुराई न करें
तलाक के बाद अक्सर बच्चों की कस्टडी माता या पिता में से किसी एक को कानूनी तौर पर मिल जाती है। अगर आपको तलाक के बाद अपने बच्चे की कस्टडी मिलती है, तो कभी भी बच्चे के सामने उसकी मां या पिता के बारे में कुछ बुरा न बोलें। एक बात का ध्यान रखें कि, आपने जिस भी वजह से अपने साथी के साथ अपने रिश्ते को खत्म किया हो, वह पूरी तरह से आपकी अपनी भावनाओं और जरूरतों के अनुसार होता है। इसलिए अपने बच्चे और आपके साथी के बीच उनके रिश्ते को खराब न करें।