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Aspirin Poisoning: एस्पिरिन पॉइजनिंग क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


sudhir Ginnore द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/05/2020

Aspirin Poisoning: एस्पिरिन पॉइजनिंग क्या है?

परिचय

एस्पिरिन पॉइज़निंग क्या है -What is Aspirin Poisoning

एस्पिरिन पॉइज़निंग क्या है, जानिए इसके लक्षण, कारण और उपचार, एस्पिरिन एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड (Acetylsalicylic acid) का दूसरा नाम है। यह दवा एक आम दर्द निवारक की तरह इस्तेमाल की जाती है। यूनानी चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स ने पांचवी शताब्दी ईसा पूर्व में इस दवाई के उपयोगों का पता लगाया था। शुरुआत में उन्होंने दर्द दूर करने और बुखार खत्म करने के लिए विलो की छाल (Willow Bark) से निकाले गए पावडर का इस्तेमाल किया। इस तरह एस्पिरिन ईजाद हुई। एस्पिरिन की अधिक मात्रा लेने या नियमित तौर पर लेने पर एस्पिरिन पॉइज़निंग (Aspirin Poisoning) की समस्या हो जाती है। एस्पिरिन पॉइज़निंग से आमाशय व आंतों में छाले, अमाशय में रक्तस्त्राव (Bleeding In intestine) होने लगता है। हालांकि एस्पिरिन के कई फायदे भी है जिसमें हार्ट अटैक के तुरंत बाद एस्पिरिन लेकर एक और हार्ट अटैक के रिस्क को कम किया जा सकता है। एक रिसर्च के अनुसार एस्पिरिन कैंसर से भी बचाव करती है। इस दवाई को 16 साल से कम उम्र के बच्चे को नहीं दी जाती, क्योंकि इससे कम उम्र के बच्चों में रेये सिंड्रोम होने का खतरा होता है। अगर आप एस्पिरिन का ज्यादा इस्तेमाल करते है तो आपको एस्पिरिन पॉइज़निंग के बारे में जानना जरूरी है। तो आइये जानते है एस्पिरिन पॉइज़निंग के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में।

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लक्षण

एस्पिरिन पॉइज़निंग क्या है जानिए इसके लक्षण ?

एस्पिरिन पॉइज़निंग क्या है जानने के बाद जानिए इसके लक्षण। अगर कोई व्यक्ति एस्पिरिन का ज्यादा सेवन करता है तो उसे एस्पिरिन पॉइज़निंग हो सकती है। जब एस्पिरिन पॉइज़निंग (Aspirin Poisoning) शरीर में एक सीमा से अधिक बढ़ जाती है तब शुरूआती लक्षण में कान में टिनिटस (tinnitus) और सुनने में दिक्कत होना जैसी समस्याएं दिखाई देती है। सामान्यतौर पर एस्पिरिन पॉइज़निंग के निम्न लक्षण दिखाई देते है-

  • एस्पिरिन पॉइज़निंग के लक्षण, यदि समस्या गंभीर है तो तेजी से सांस लेना (Hyperventilation), उल्टी, डिहाइड्रेशन, बुखार और बेहोश होना जैसे लक्षण भी दिखाई देते है।
  • एस्पिरिन पॉइज़निंग के लक्षण, एस्पिरिन पॉइज़निंग में उनींदापन (drowsiness) या भ्रम (confusion), अजीब सा व्यवहार, अस्थिर चलना और कोमा जैसे लक्षण का सामना भी करना पड़ता है।
  • एस्पिरिन पॉइज़निंग के लक्षण, एस्पिरिन पॉइज़निंग के कारण सांस की गति असामान्य हो जाती है।
  • एस्पिरिन पॉइज़निंग के लक्षण, बहुत ज्यादा एस्पिरिन लेने के 3-8 घंटे बाद उल्टी भी हो सकती है।

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कारण

एस्पिरिन पॉइज़निंग का कारण?

एस्पिरिन पॉइज़निंग क्या है जानने के बाद जानिए एस्पिरिन पॉइज़निंग के लक्षण। एस्पिरिन का एक तय मात्रा से ज्यादा सेवन करने से एस्पिरिन पॉइज़निंग होता है। हालाँकि अलग-अलग लोगों में एस्पिरिन पॉइज़निंग के अलग-अलग कारण हो सकते है। कई लोगों में एस्पिरिन पॉइज़निंग (Aspirin Poisoning) अचानक भी हो सकती है। बच्चों में भी संयोगवश पॉइज़निंग के मामले देखे गए है। बच्चों और बुजुर्गो दोनों में ही हद से अधिक एस्पिरिन लेने से पॉइज़निंग हो जाती है। कई दवाइयां हैं जैसे कि ओवर-द-काउंटर और प्रिस्क्रिप्शन दवाएं- दोनों में एस्पिरिन जैसे पदार्थ होते है इनका सेवन करने से कई बार अनजाने में भी एस्पिरिन पॉइज़निंग हो जाती है। कई लोगों को तो एस्पिरिन लेने से ही ब्लीडिंग शुरू हो जाती है। जिन्हें ब्लड क्लॉटिंग की समस्या है उन्हें तो बिलकुल भी एस्पिरिन नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह खून को पतला कर देती है।

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जांच

एस्पिरिन पॉइज़निंग क्या है इसकी जांच कैसे की जाती है?

एस्पिरिन पॉइज़निंग क्या है जानने के बाद जानिए एस्पिरिन पॉइज़निंग की जांच कैसे की जाती है। किसी व्यक्ति में एस्पिरिन के ओवर डोज या एस्पिरिन पॉइज़निंग के लक्षण दिखाई देते है तो चिकित्सक एस्पिरिन पॉइज़निंग की जांच की सलाह देते है। एस्पिरिन पॉइज़निंग की जांच ऐसे की जाती है-

  • एस्पिरिन पॉइज़निंग (Aspirin Poisoning) की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर चिकित्सीय इतिहास जानते है।
  • डॉक्टर एस्पिरिन की ओवरडोज से जिन अंगों को नुकसान पहुंचता है, उसकी प्रणाली जानने के लिए उन अंगों की जांच करते है।
  • इसके साथ ही रक्तप्रवाह (Blood Flow) में एस्पिरिन के स्तर की जांच भी करते है।
  • डॉक्टर यह भी जांच करते है कि क्या आपको सांस लेने में दिक्कत तो नहीं।
  • इसके साथ ही शरीर का तापमान भी जांचा जाता है।
  • यदि मरीज बेहोश है तो डॉक्टर सांस लेने में मदद करने के लिए मशीन का इस्तेमाल कर सकते है।
  • डॉक्टर खून की जांच करते है, जिसके जरिये खून में सैलिसिलेट, एस्पिरिन तत्व की जांच की जाती है।

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इलाज

एस्पिरिन पॉइज़निंग क्या है इसका इलाज कैसे किया जाता है?

एस्पिरिन पॉइज़निंग क्या है जानने के बाद जानिए एस्पिरिन पॉइज़निंग का इलाज कैसे किया जाता है। किसी व्यक्ति में एस्पिरिन के ओवरडोज के लक्षण दिखाई दे रहे है या एस्पिरिन पॉइज़निंग के लक्षण दिखाई दे रहे है तो उसे तुरंत चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज करवाना जरूरी है। डॉक्टर एस्पिरिन पॉइज़निंग का इलाज ऐसे करते है-

  • डॉक्टर एस्पिरिन पॉइजनिंग (Aspirin Poisoning) का इलाज करने के लिए गैस्ट्रिक लैवेज का इस्तेमाल कर सकते है, जिसके जरिये पेट में मौजूद सामग्री को बाहर निकाल देते है जिससे शरीर में एस्पिरिन की मात्रा कम होने लगती है।
  • एस्पिरिन पॉइज़निंग के इलाज के लिए कभी-कभी डायलिसिस भी किया जाता है ताकि सैलिसिलेट की मात्रा कम की जा सकें।
  • एस्पिरिन पॉइज़निंग के इलाज के लिए मरीज को दवाइयां भी दी जाती है।
  • एस्पिरिन के लेवल को शरीर से कम करने के लिए डॉक्टर एक्टिवेटेड चारकोल (Activated charcoal) भी दे सकते है, जिससे पेट से सैलिसिलेट को अवशोषित किया जा सकता है और एस्पिरिन की मात्रा नियंत्रित की जाती है।
  • जिन लोगों ने जानबूझकर या आत्महत्या के लिए एस्पिरिन का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन किया है, उन्हें एक्टिवेटेड चारकोल की खुराक बार-बार दी जाती है और एस्पिरिन की मात्रा को कम करने की कोशिश की जाती है।
  • एस्पिरिन पॉइजनिंग से डिहाइड्रेशन हो जाता है, जिसके लिए डॉक्टर IV शुरू करते है, इसके जरिये शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाई जाती है।
  • क्षारीय डायरैसिस (Alkaline Diuresis) से एस्पिरिन पॉइज़निंग का इलाज करने पर सैलिसिलेट यूरिन के जरिये निकाल दिया जाता है। यह खून और जहर को अलग कर देता है।
  • एस्पिरिन पॉइजनिंग (Aspirin Poisoning) का इलाज करने के लिए कभी कभी सोडियम बाइकार्बोनेट के जरिये भी इलाज किया जाता है।
  • एस्पिरिन पॉइजनिंग (Aspirin Poisoning) में यदि इमरजेंसी की स्थिति है तो अन्य प्रक्रियाएं और दवाइयां देनी पड़ती है।
  • एस्पिरिन पॉइजनिंग (Aspirin Poisoning) का इलाज करने के लिए यूरिन की जांच के लिए एक कैथटर ब्लैडर में रखा जाता है। एस्पिरिन पॉइजनिंग के कारण इमरजेंसी में वेंटिलेटर के जरिये सांस लेने में मदद की जरूरत पड़ जाती है।
  • एस्पिरिन पॉइजनिंग (Aspirin Poisoning) में कंडीशन बहुत ज्यादा खराब होने पर कभी-कभी आईसीयू में भी इलाज होता है।
  • डिस्क्लेमर

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