बैक्टीरिया के कारण होने वाले बैलेनाइटिस के कारण त्वचा चमकदार लाल हो जाती है। यीस्ट इंफेक्शन की वजह से पेनिस पर सफेद धब्बा बन सकता है। साथ ही फ्लूइड लीकेज भी हो सकता है।
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बच्चों में बैलेनाइटिस होने पर इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों में बैलेनाइटिस होने पर उनकी सही देखभाल जरूरी हो जाती है। आपको पहले पेनिस एरिया को साफ करने की जरूरत होगी। अगर आपको बच्चों में इसके लक्षणों को कम करना है, तो ग्लांस पेनिस को हल्के गरम पानी में थोड़ी देर भिगो सकते हैं। इससे बच्चे को आराम मिलता है। अधिक परेशानी होने पर आपको बच्चे को डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होगी। आपके डॉक्टर बच्चों में बैलेनाइटिस के इंफेक्शन के इलाज के लिए दवा लिखेंगे। यह एक एंटीबायोटिक या एंटिफंगल दवा हो सकती है। बच्चों में बैलेनाइटिस की सूजन को कम करने के लिए हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम का उपयोग किया जा सकता है। जिन बच्चों को बैलेनाइटिस की वजह से यूरिन करने में परेशानी होती हैं। उन्हें यूरिनरी कैथेटर की जरूरत हो सकती है। यह एक पतली, लचीली ट्यूब होती है, जिसे पेनिस के ओपनिंग में डाला जाता है। इससे जिन बच्चों में बैलेनाइटिस है उन्हें यूरिन पास करने में परेशानी नहीं होती।
बच्चों में बैलेनाइटिस का इलाज शुरू होने के तीन से पांच दिन बाद लक्षण आमतौर पर चले जाते हैं। अगर बच्चों में बैलेनाइटिस की समस्या बार-बार हो रही है, तो बच्चे की चमड़ी को हटाने की जरूरत हो सकती है। इसे खतना (Circumcision) कहा जाता है। हालांकि अगर इसकी जरूरत होगी, तो डॉक्टर से इस बार में पहले ही परामर्श