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आकार
जैसा की पहले ही बताया गया है कि टेस्टोस्टेरोन और ब्लड के प्रवाह के कम होने के कारण लिंग सिकुड़ जाता है। उम्र के बढ़ने और लिंग के लाइफसाइकिल (lifecycle of penis) के बारे में ऐसा कहा जाता है कि 60s और 70s की उम्र में लिंग का आकार कुछ सेंटीमीटर कम हो सकता है। लेकिन, कुछ पुरुषों का लिंग इस उम्र में आधा रह जाता है। अगर कोई पुरुष मोटापे का शिकार है या उसका पेट बाहर निकला हुआ है तो उसका लिंग देखने में और भी छोटा लग सकता है। क्योंकि लिंग शरीर के अंदर से शुरू होता है और अगर आपका पेट बाहर निकला हुआ है, तो आपका पेट आपके लिंग के बेस को कवर कर लेगा। इससे आपका लिंग और भी छोटा प्रतीत होगा।
संवेदनशीलता
टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) नर्वस टिश्यू को कार्य करने में मदद करता है। जब शरीर में टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) का लेवल कम होना शुरू होता है तो इसके कारण अंगों में संवेदनशीलता भी कम हो सकती है। ऐसा ही लिंग में भी होता है। टेस्टोस्टेरोन(Testosterone) का लेवल कम होने के कारण लिंग में संवेदनशीलता कम हो जाती है। जिसके कारण ऑर्गेज्म तक पहुंचने में समस्या होती है। यही नहीं, इरेक्शन में भी परेशानी होती है। विशेषज्ञ ऐसा मानते हैं कि पुरुष अपने लिंग के स्वास्थ्य को सही बनाए रखने के लिए इरेक्शन आवश्यक है। ऑर्गेज्म जरूरी नहीं है, लेकिन रोजाना इरेक्शन होने से धमनियां सही आकार में रहती हैं और लिंग तक खून का सही से प्रवाह होता है।
बाल
शरीर के अन्य अंगों की तरह लिंग का लाइफसाइकिल (lifecycle of penis) बदलता रहता है। उम्र के बढ़ने का असर लिंग या प्राइवेट पार्ट के बालों पर भी पड़ता है। शरीर के अन्य बालों की तरह उम्र बढ़ने पर यहां के बाल भी पतले और सफेद हो जाते हैं।
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