ऊपर दी गई स्थितियां महिलाओं में इस तरह के हार्ट प्रॉब्लम का कारण बन सकती हैं, जैसे कि:
- हार्ट अटैक (Heart attack)
- स्ट्रोकी समस्या (Stroke)
- हार्ट फेलियर (Heart failure)
- कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest)
- एन्यूरिज्म (Aneurysm)
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डॉक्टर से कब मिलें?
अगर आप चाहती है कि आपमें हार्ट प्रॉब्लम न बढ़े, तो सबसे पहले उन जाेखिमों को दूर करने की कोशिश करें, जो आपके लिए हार्ट डिजीज (Heart disease) का कारण बन सकते हैं। ऊपर दिए गए रिक्स फैक्टर (Risk Factor) में से अगर आपको भी कोई दिक्कत है, तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए और उस डिजीज का समय रहते इलाज करना चाहिए। ताकि वो बीमारी आपके हार्ट पर भारी न पड़ें। इसके अलावा ऊपर बताए गए हार्ट डिजीज के लक्षणों के दिखने पर भी आपको डॉक्टर की सलाह की जरूरत है। ताकि समय रहते आपका मेडिकेशन (Medication) शुरु हो जाए। समय पर होने वाले मेडिकेशन से आप भविष्य में होने वाले खतरे से बच सकते है। औरतों में हार्ट डिजीज (Heart Disease in women) से बचने के लिए डॉक्टर की राय को फॉलो करना जरूरी है।
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हृदय रोग का निदान (Diagnosing heart disease in women)
हृदय रोग का निदान करने के लिए डॉक्टर आपकी और आपकी फैमिली हिस्ट्री (Family History) के बारे में पूछेंगे। यदि आपका पहले से कोई मेडिकेशन चल रहा हो। इसी के साथ आपमें दिखने वाले लक्षणों (Symptoms) के बारे में पूछेंगे। ताकि उसके आधार पर आपका मेडिकेशन शुरु हो सके। इसके अलावा आप कहीं ध्रूमपान (Smoking) तो नहीं करते हैं या आपकी लाइफस्टाइल कैसी और किन बदलावों की जरूरत हैं, डाॅक्टर इन पर चर्चा करेंगे।
इसके अलावा डॉक्टर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल और ट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides) को चेक करने के लिए कुछ टेस्ट की भी सलाह दे सकते हैं। आपके लक्षणों के आधार पर, आपका डॉक्टर अन्य रक्त परीक्षण के लिए आपको बोल सकते हैं, जैसे कि:
- सोडियम और पोटेशियम का लेवल (Sodium and potassium levels)
- किड्नी फंक्शन (Kidney function)
- ब्लड सेल काउंट (Blood cell counts)
- लिवर फंक्शन के लिए टेस्ट (Liver function)
- थायराइड फंक्शन (Thyroid function)
कुछ अन्य टेस्ट (Other tests include):
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महिलाओं के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव
जो महिलाएं हार्ट डिजीज की शिकार हैं, तो अपने लाइफस्टाइल में इन 5 बातों का ध्यान रखने की जरूरत है। जिससे उनकी बीमारी उन पर हावी नहीं होगी।
रोज एक्सरसाइज करें: हेल्दी हार्ट और ह्रदय रोग के इलाज करने लिए व्यायाम (Exercise) बहुत जरूरी है। लेकिन आपको कौन सी एक्सरसाइज़ करनी है, यह डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
दवाई लेना न भूलें: हार्ट पेशेंट के लिए समय पर दवाई लेना बहुत जरूरी है। उनकी यह भूल उनकी सेहत पर भारी पड़ सकताी है। हर डोज को समय पर ही लें। दो डोज एक साथ कभी न लें।
ईसीजी या ब्लड टेस्ट कराना: ह्रदय रोग (Heart Problem) से निजात पाने और उसके खतरे से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह पर समय-समय पर ईसीजी टेस्ट (ECG Test) भी जरूर करवाएं।
डायट पर ध्यान दें: हार्ट पेशेंट को अपनी डायट पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कई बार डायट प्लान में बदलाव करके दिल की बीमारी से भी बचा जा सकता है। खाने में हरी सब्जी, मिनरल्स वाले फूड लें। ऑयली और कैलोरी वाले फूड से बचें।
टेस्ट: कोलेस्ट्राल (Cholesterol) और अन्य बल्ड टेस्ट (Blood Test) भी समय-समय पर कराते रहें।
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हार्ट डिजीज से बचाव के टिप्स (Preventing heart disease)
औरतों में हार्ट डिजीज (Heart Disease in women) के कारको को बढ़ाने वाले कारणों को दूर करने और अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने के साथ इन बातों का भी ध्यान रखें, जैसे कि:
- औरतों में हार्ट डिजीज (Heart Disease in women) से बचने के लिए नियमित रूप से ब्ल्ड प्रेशर चेक करवाएं
- औरतों में हार्ट डिजीज से बचने के लिए स्मोकिंग (Smoking) छोड़ दें
- समय-समय पर डायबिटीज टेस्ट करवाते रहें
- एक्सरसाइज रोज करें
- डायट (Diet) में हरी सब्जियों को शामिल करें
- कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का लेवल समय-समय पर चेक करवाते रहें
- औरतों में हार्ट डिजीज से बचने के लिए नींद पूरी लें
- खाने में चीनी और नमक का कम सेवन करें
इन सब तरह टिप्स को अपनाकर आप भविष्य में होने वाले हार्ट प्रॉब्लम से बच सकते हैं। वैसे तो महिलाओं में हार्ट प्रॉब्लम होने के बहुत से कारण हो सकते हैं, लेकिन यहां दिए गए कुछ कारण मुख्य हैं। इसलिए कुछ भी लक्षण महसूस होते ही आप डॉक्टर से मिलें। इसका समय रहते इलाज बहुत जरूरी है, नहीं तो भविष्य में आपके लिए खतरा हो सकता है। इसके अलावा हार्ट पेशेंट को अपनी डायट, एक्सराइज और लाइफस्टाइल हमेशा डाॅक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।