कैल्शियम स्कोरिंग टेस्ट (calcium scoring test) की प्रक्रिया के बाद क्या होता है?
यह सीटी एग्जाम पेनलेस, जल्दी और आसानी से होता है। आईवी (IV) के निकाले या लगाए जाने पर थोड़ा डिसकंफर्ट का एहसास हो सकता है। प्रॉसेस के पूरा होने के बाद रेडियोलॉजिस्ट जो रेडियोलॉजी एग्जाम लेने के लिए प्रशिक्षित होते हैं इमेजेस को एनालाइज कर ऑफिशियल रिपोर्ट तैयार कर डॉक्टर के पास भेजता है।
कैल्शियम स्कोरिंग टेस्ट रिजल्ट (calcium scoring test result)
कैल्शियम स्कोरिंग टेस्ट का रिजल्ट आप डॉक्टर की मदद से समझ सकते हैं।
जीरो (0) का मतलब होता है कि प्लाक नहीं है।
1-10 कम मात्रा में प्लाक- इसका मतलब है कि हार्ट डिजीज डेवलप होने की सिर्फ 10 प्रतिशत ही संभावना है।
11-100 – इसका मलतब है कि मरीज को माइल्ड हार्ट डिजीज है और हार्ट अटैक आने की भी आशंका है। डॉक्टर ट्रीटमेंट के साथ ही लाइफस्टाइल चेंजेस रिकमंड कर सकते हैं।
101-400- इस स्कोर का मतलब है कि आपको हृदय से जुड़ी बीमारी है और प्लाक आर्टरीज को ब्लॉक कर रहा है। मरीज को हार्ट अटैक आने की संभावना मध्यम से उच्च है।
400 से ज्यादा- इसका मतलब है कि 90 प्रतिशत से ज्यादा संभावना है कि प्लाक आर्टरीज को ब्लॉक कर रहा है। हार्ट अटैक आने की संभावना अधिक है। डॉक्टर कुछ और टेस्ट करवाकर ट्रीटमेंट शुरू करेगा।
अब तक तो आप समझ ही गए हैं कि कोरोनी आर्टरीज डिजीज का पता लगाने के लिए कैल्शियम स्कोरिंग टेस्ट किया जाता है। कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं जो CAD का खतरा बढ़ा देते हैं।
कोरोनरी आर्टरीज डिजीज (Coronary Arteries Disease) के रिस्क फैक्टर्स
कैल्शियम स्कोरिंग टेस्ट या कार्डिएक सीटी स्कैन (Cardiac CT Scan) कोरोनरी आर्टरीज डिजीज का पता लगाने के लिए किया जाता है। कई बार इन बीमारियों के लक्षण दिखाई नहीं देते। कोरोनरी आर्टरीज डिजीज के रिस्क फैक्टर्स निम्न हैं।