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कार्डियोमायोपैथी किस तरह से हार्ट को पहुंचाता है नुकसान, रखें ये सावधानियां

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/01/2022

    कार्डियोमायोपैथी किस तरह से हार्ट को पहुंचाता है नुकसान, रखें ये सावधानियां

    कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) मायोकार्डियम (Myocardium) या हृदय की मांसपेशियों की बीमारी है। कार्डियोमायोपैथी की समस्या होने पर हार्ट की मसल्स कमजोर हो जाती हैं और शरीर के बाकी हिस्सों में ब्लड पंप ठीक प्रकार से नहीं हो पाता है। कोरोनरी हार्ट डिजीज से लेकर ऐसे कई फैक्टर हैं, जो कार्डियोमायोपैथी का कारण बन सकते हैं। इस कारण से व्यक्ति की हार्टबीट अनियमित हो जाती है और साथ ही हार्ट फेलियर (Heart failure), हार्ट वॉल्व प्रॉब्लम या अन्य कॉमप्लीकेशन के चांजेस बढ़ जाते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कार्डियोमायोपैथी की समस्या हो जाती है, तो उसे स्पेशल केयर की जरूरत पड़ती है। स्पेशल केयर हार्ट फेलियर या फिर अचानक से मौत के खतरे को दूर करने का काम करती है। हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से कार्डियोमायोपैथी के बारे में जानकारी और साथ ही अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जानिए किन कारणों से कार्डियोमायोपैथी का सामना करना पड़ सकता है?

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    कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) के कारण क्या हैं?

    कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) की समस्या किसी भी उम्र के व्यक्तियों को हो सकती है। जानिए किन लोगों को कार्डियोमायोपैथी का खतरा अधिक रहता है।

  • कार्डियोमायोपैथी की फैमिली हिस्ट्री वाले लोगों को इस बीमारी का अधिक खतरा रहता है।
  • जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है, उन्हें कार्डियोमायोपैथी का अधिक खतरा रहता है।
  • मोटापे के कारण भी कार्डियोमायोपैथी का खतरा बढ़ जाता है।
  • सारकॉइडोसिस (sarcoidosis) कार्डियोमायोपैथी के खतरे को बढ़ाने का काम करती है।
  • अमाइलॉइडोसिस (Amyloidosis) के कारण भी इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
  • जिन व्यक्तियों को दिल का दौरा पड़ता है, उन्हें भी कार्डियोमायोपैथी की समस्या रहती है।
  • शराब का अधिक सेवन करने वाले व्यक्तियों में भी इस बीमारी का अधिक खतरा रहता है।
  • जो लोग एचआईवी से पीड़ित हैं और बीमारी का इलाज करा रहे हैं, उनमें कार्डियोमायोपैथी का जोखिम बढ़ जाता है। एचआईवी के कारण हार्ट फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है।अगर किसी व्यक्ति को एचआईवी की बीमारी है, तो उसे रेग्युलर बेस में हार्ट चेकअप कराना चाहिए।
  • कार्डियोमायोपैथी की बीमारी उन व्यक्तियों को भी हो सकती है, जो अच्छी जीवनशैली नहीं अपनाते हैं और खानपान पर ध्यान नहीं देते हैं।
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    कार्डियोमायोपैथी के लक्षण क्या हैं (What are the symptoms of cardiomyopathy)?

    कार्डियोमायोपैथी की समस्या होने पर शरीर में ठीक प्रकार से ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है और शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। तीन प्रकार की कार्डियोमायोपैथी होती हैं।

    • डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी (Dilated cardiomyopathy)
    • इस्केमिक कार्डियोमायोपैथी (Ischemic cardiomyopathy)
    • रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy)

    डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी (Dilated cardiomyopathy) कंडीशन में हार्ट की ब्लड पंप करने की एबिलिटी कम हो जाती है और साथ ही हार्ट मसल्स इंलार्ज्ड हो जाती हैं। ऐसा मेन पंपिंग चैम्बर के कमजोर हो जाने के कारण होता है। इस कारण से अन्य चैम्बर भी प्रभावित होते हैं। इस कारण से व्यक्ति की अचानक से मौंत भी हो सकती है।

    इस्केमिक कार्डियोमायोपैथी (Ischemic cardiomyopathy) कंडीशन में हार्ट की ब्लड पंप करने की एबिलिटी कम हो जाती है। ऐसा पंपिंग चैम्बर ( left ventricle) के इंलार्ज्ड और वीक होने के कारण होता है।

    रिस्ट्रिक्टिव कार्डियोमायोपैथी (Restrictive cardiomyopathy) की कंडीशन में हार्ट की वॉल मोटी और कठोर हो जाती है। इस कारण से हार्ट प्रॉपर तरीके से स्ट्रेच नहीं हो पाता है और ब्लड को भर नहीं पाता है।

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    इस बारे में एसएल रहेजा अस्पताल, माहिम की सलाहकार चिकित्सक और विशेषज्ञ-आंतरिक चिकित्सा की डॉक्टर परितोष बघेल का कहना है कि  कार्डिएक टैम्पोनेड एक प्रकार का क्लिनिक एंट्रो सिंड्रोम है जिसका हृदय और उसके हेमोडायनामिक्स के साथ एक प्रत्यक्ष संबंध होता है। पेरीकार्डियम में मौजूद तरल पदार्थ के तेजी से जमा होने और पेरिकार्डियम के अंदर दबाव बढ़ जाता है। इसलिए इसके जाेिखम से बचने के लिए इसके बारे में आपको पता होना चाहिए। कार्डिएक टैम्पोनेड (Cardiac Tamponade) की समस्या में कई तरह कि दिक्कत हो सकती हैं, जैसे सांस लेने में दिक्कत, साइनस टचीकार्डिया, विरोधाभासी नाड़ी, धमनी को कम कर रही है दबाव, गले नसों की सूजन, बेहोशी या सदमेकार्डियक टैंपोनेड का निदान शारीरिक परीक्षा, ईसीजी, एकोकार्डियोग्राफी, रेडियोग्राफी (Radiography), और सही दिल कैथीटेराइजेशन के आंकड़ों पर आधारित है। कार्डियाक टैंपोनेड के साथ, पेरिकार्डियम का एक आपातकालीन पेंच संकेत दिया जा सकता है।

    कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) का डायग्नोसिस कैसे किया जा सकता है? इसके लिए कौन से टेस्ट्स उपलब्ध हैं?

    डॉक्टर बीमारी को डायग्नोज करने के लिए निम्नलिखित परिक्षण कर सकता है।

    • फैमिली हिस्ट्री ( Your family history)
    • फिजिकल एक्सजाम (A physical exam)
    • ब्लड टेस्ट (Blood tests)
    • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम ( An electrocardiogram)
    • चेस्ट एक्स-रे (A chest X-ray)
    • ईको कार्डियोग्राम (An echocardiogram)
    • एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट ( An exercise stress test)
    • कार्डियक कैथेटेराइजेशन ( Cardiac catheterization)
    • सीटी स्कैन (A CT scan)
    • एमआरआई ( An MRI)

    कार्डियोमायोपैथी के लिए कौन से ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं?

    कार्डियोमायोपैथी का इलाज करने से पहले डॉक्टर से जांच करते हैं कि इस हार्ट डिजीज के कारण कितने प्रतिशत हार्ट डैमेज हुआ है। उसी के अनुसार बीमारी का ट्रीटमेंट किया जाता है। जब तक बीमारी के लक्षण नजर नहीं आते हैं, तब तक ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं होती है। सांस की तकलीफ होने पर या फिर छाती में दर्द होने पर डॉक्टर आपको कुछ मेडिसिन लेने की सलाह दे सकते हैं। साथ ही डॉक्टर आपको जीवनशैली में बदलाव की सलाह भी देंगे। आप कार्डियोमायोपैथी की बीमारी से छुटकारा पा सकते है लेकिन आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देने की जरूर है।

    • आपको हेल्दी हार्ट टिप्स अपनाने होंगे, जो आपके हार्ट को हेल्दी रखने का काम करेगा।
    • अगर आप हाय ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे हैं, तो लेना न भूलें बल्कि उसे रोजाना समय पर लें।
    • डॉक्टर आपको हार्टबीट नॉर्मल करने की दवा, ब्लड क्लॉट से बचने की सलाह और सूजन को दूर करने की दवा देंगे। आपको बिना भूलें दवा का सेवन करना चाहिए।
    • डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं।
    • बीमारी से छुटकारे के लिए सर्जिकल इंम्प्लांटेड डिवाइस का इस्तेमाल भी किया जाता है।
    • हार्ट ट्रांसप्लांट की हेल्प से भी कार्डियोमायोपैथी से छुटकारा पाया जा सकता है।
    • डॉक्टर बीमारी के अनुसार ही इलाज करते हैं और हार्ट में होने वाले नुकसान को रोकने की कोशिश करते हैं।

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    कार्डियोमायोपैथी में मेडिकेशन लेते समय किन बातों का ध्यान रखें?

    कार्डियोमायोपैथी की समस्या के लिए कई कंडीशन जिम्मेदार हो सकती हैं। अगर आपको पहले से ही कोई बीमारी है, तो डॉक्टर को उस बारे में जानकारी जरूर दें। अगर आप हाय ब्लड प्रेशर की दवा ले रहे हैं, तो दवाओं का रोजाना सेवन करें। अगर आप कोई दवा समय पर नहीं ले पाएं है या फिर भूल गए हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। हार्ट डिजीज के लक्षणों को कम करने के लिए या खत्म करने के लिए डॉक्टर दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं। बेहतर होगा कि आप मेडिसिन लेते समय बहुत सावधानी रखें। अगर आपको दवाओं से संबंधित किसी बात को लेकर परेशानी महसूस हो रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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    कार्डियोमायोपैथी में डायट कैसा रखें?

    कार्डियोमायोपैथी हार्ट डिजीज होने पर खानपान में संयम बहुत जरूरी है। अगर आप खाने में फैटी फूड्स के साथ ही प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं, तो ये आपके स्वास्थ्य को बिगाड़ने का काम कर सकता है। आपको खाने में गुड कॉलेस्ट्रॉल के साथ ही वेजीटेबल्स और फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए। साथ ही खाने में सैचुरेटेड फैट को सीमित मात्रा में लेना चाहिए। खाने में कम नमक और कम शुगर का इस्तेमाल करना चाहिए। नमक की अधिक मात्रा हाय ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ा सकती है। साथ ही आपको खाने में व्होल ग्रेन और नट्स शामिल करने चाहिए। पानी की कमी शरीर में न होने दें। इन बातों का ध्यान रख आप हार्ट की समस्याओं से बच सकते हैं।

    कार्डियोमायोपैथी में लाइफस्टाइल कैसी होनी चाहिए?

    कार्डियोमायोपैथी की समस्या होने पर आपको बीमारी के लक्षणों के अनुसार डॉक्टर दवा का सेवन करने की सलाह देते हैं लेकिन साथ ही आपको अपनी लाइफस्टाइल बेहतर बनाने की जरूरत है। अगर आपको इस हार्ट डिजीज से गुजर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि दवाओं के सही समय पर सेवन के साथ ही निम्नलिखत बातों का ध्यान भी रखें और बीमारी को बढ़ने न दें।

    • वजन को मेंटेन रखें।
    • पौष्टिक आहार का सेवन करें।
    • कैफीन का सेवन सीमित कर दें।
    • पर्याप्त नींद लें।
    • स्ट्रेस को मैनेज करें।
    • धूम्रपान छोड़ दें।
    • शराब का सेवन न करें।
    • समस्या होने पर करीबी से बात करें।
    • नियमित व्यायाम करें।
    • हार्ट डिजीज होने पर नियमित जांच कराएं।
    • एक्सरसाइज के लिए एक्सपर्ट की सलाह लें।
    • सही समय पर दवाओं का सेवन करें।
    • पर्याप्त नींद लें।

    अगर आपको हार्ट से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आपको तुंरत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें।  आपको डॉक्टर ने जो भी दवा खाने की सलाह दी है, उसे नियमित रूप से खाएं। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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