के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और जीवनशैली की वजह से कभी न कभी हर किसी ने स्ट्रेस का सामना किया होगा। हालात यह हैं कि, आजकल बच्चों में भी स्ट्रेस की समस्या देखी जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्ट्रेस है क्या? दरअसल, स्ट्रेस शारीरिक प्रतिक्रिया है, जो कि किसी शारीरिक, रासायनिक और भावनात्मक कारण की वजह से होती है। इसमें शारीरिक व मानसिक बेचैनी, चिड़चिड़ापन, गुस्सा आदि पैदा होता है और आपका शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है। जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
स्ट्रेस को तनाव भी कहा जाता है, जो कि किसी भी मांग और चुनौती की प्रतिक्रिया हो सकती है। हालांकि, हर समय और हर तरह का स्ट्रेस खतरनाक या नुकसानदायक नहीं होता है। यह कई मामलों में फायदेमंद भी साबित होता है, जैसे कि डेडलाइन को पूरा करने का स्ट्रेस, किसी खतरे को दूर करने का स्ट्रेस। लेकिन, दिक्कत तब शुरू होती है, जब यह तनाव लंबे समय तक आपके साथ रहता है। आइए, स्ट्रेस के प्रकार के बारे में जानते हैं।
स्ट्रेस या तनाव होना सामान्य बात है। लेकिन मुश्किल तब होती है, जब इसकी स्थिति बिगड़ती जाती है। स्ट्रेस होने पर एड्रेनालाईन (Adrenaline) हमारे पूरे शरीर में दौड़ने लगता है। जिसके कारण धड़कन तेज होने लगती हैं। मानसिक और शारीरिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। एसी स्थिति में कई शरीरिक समस्याएं हाेने लगती हैं। जिसके कारण घबराहट, पसीना आना और शरीर में कंपन महसूस होने लगता है। तनाव ज्यादा समय तक बने रहना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
जैसे कि इसका प्रभाव लंबे समय तक बना रहे तो ये हमारे इम्यून सिस्टम और हृदय के लिए घातक बन सकता है। इसके अलावा मानसिक क्षमता भी प्रभावित होती है। कई बार तो सोचने और समझने की क्षमता भी कम हो जाती है। तनाव उस समय और भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सतका है, जब आपको हर बार आर या पर जैसी स्थिति महसूस होने लगती है।
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स्ट्रेस मुख्यतः दो प्रकार का होता है। जैसे-
यह लघु अवधि का स्ट्रेस होता है। यह अचानक हुई घटनाओं के कारण हो सकता है, जैसे यदि आपका किसी दोस्त या फैमिली मेंबर से झगड़ा हो गया हो या आपके सामने अचानक कोई खतरा आ गया हो आदि। यह किसी नयी चीज या स्थिति का सामना करने पर भी हो सकता है। लेकिन, यह स्थिति गुजरने के बाद खत्म हो जाता है।
इस तरह का स्ट्रेस तब होता है, जब आपको तनावग्रस्त कई स्थितियों से बार-बार गुजरना पड़ रहा होता है। जैसे कि, जिंदगी में एक के बाद एक कई उतार-चढ़ाव होना, सेना, राजनीति जैसी किसी चुनौतीपूर्ण नौकरी करना आदि। लेकिन, यह भी एपिसोड या स्थिति गुजरने के बाद खत्म होने लगता है। लेकिन, लंबे समय तक चलने पर यह खतरनाक हो सकता है।
जब आपके शरीर में तनाव का स्तर काफी लंबे समय तक उच्च रहता है, तो आपमें क्रॉनिक स्ट्रेस की समस्या पैदा हो जाती है। इस प्रकार का स्ट्रेस आपके शरीर के लिए काफी खतरनाक हो सकता है और दिल की बीमारी, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, ऑटोइम्यून डिजीज, अचानक वजन घटना, स्किन डिजीज, नींद संबंधित समस्या जैसी घातक बीमारियों का कारण भी बन सकता है। इसकी वजह से आप बार-बार बीमार भी पड़ सकते हैं।
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स्ट्रेस की वजह से आपको विभिन्न लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है और यह लक्षण इतने आम होते हैं कि, जल्दी से इन पर ध्यान भी नहीं जाता। इसके अलावा, धीरे-धीरे यह लक्षण गंभीर होते जाते हैं और काफी खतरनाक साबित भी हो सकते हैं। आइए, स्ट्रेस के लक्षणों के बारे में जानते हैं।
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स्ट्रेस के लक्षण हर किसी मरीज में अलग-अलग हो सकते हैं। इसके अलावा, यह लक्षण अन्य कारणों से भी हो सकते हैं। इसलिए, अगर आपको तनाव के लक्षणों को लेकर कुछ सवाल या शंका है, तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
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स्ट्रेस के पीछे विभिन्न स्थितियां या कारण हो सकते हैं। इसमें किसी चीज का खतरा, किसी स्थिति या व्यक्ति का सामना करने का डर, रिश्ता टूटने या उसमें लड़ाई, जिंदगी में बड़ा बदलाव, आर्थिक समस्याएं, ऑफिस स्ट्रेस, बच्चे या फैमिली से जुड़े कारण, कोई क्रॉनिक बीमारी से जूझना, किसी अपने की मृत्यु या भविष्य की चिंता जैसी अनेक स्थितियां शामिल हो सकती हैं। इन स्थितियों की वजह से हमारे शरीर में मौजूद हार्मोन में असंतुलन पैदा होता है। इन हार्मोन को स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है।
जब आपको किसी खतरे का एहसास होता है, तो आपके दिमाग के बेस पर मौजूद हाइपोथैलामस प्रतिक्रिया करता है और वह आपके एंड्रेनल ग्लैंड तक संकेत और हॉर्मोन भेजता है। यह हार्मोन आपको खतरे का सामना करने के लिए तैयार करता है, जिसे एंड्रेनालाईन कहा जाता है। हालांकि, यह मुख्य स्ट्रेस हार्मोन नहीं है। कॉर्टिसोल मुख्य स्ट्रेस हार्मोन होता है, जो कि उच्च तनावग्रस्त स्थितियों में पैदा होता है। यह लंबे समय तक रहने पर आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
स्ट्रेस लंबे समय तक बना रहने के कारण हमारे हृदय के लिए घातक बन सकता है। कई बार ये हार्ट अटैक का कारण भी हो सकता है। वैसे तो तनाव के बहुत सारे कारण हो सकते हैं। लेकिन जरूरी ये है कि हमें समस्याओं का समाधान निकालना जरूरी है।
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स्ट्रेस का पता लगाने के लिए कोई निर्धारित टेस्ट उपलब्ध नहीं है। यह ऐसी मानसिक व शारीरिक प्रतिक्रिया है, जिससे अनेक शारीरिक व मानसिक संकेत देखने को मिलते हैं। इन संकेत व लक्षणों को पहचानने के बाद डॉक्टर आपमें तनाव की पुष्टि कर सकता है या बेहतर पता करने के लिए किसी मनोवैज्ञानिक के पास काउंसलिंग के लिए भेज सकता है। जिसमें आमने-सामने बात करके व्यक्ति की मनोस्थिति के बारे में पता लगाया जा सकता है। इस प्रकार के कुछ लक्षणों की तरफ भी ध्यान दें, जैसे कि-
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स्ट्रेस को नियंत्रित करने के लिए आपको निम्नलिखित तरीकों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे-
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स्ट्रेस का उपचार मुख्यतः स्ट्रेस मैनेजमेंट के जरिए किया जाता है, जिसमें कई तरीके शामिल होते हैं। जैसे-
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