कोऑपरेटिव प्ले अन्य बच्चों के साथ खेलने वाली एक्टिविटी है। सहकारी खेल के लिए एक ग्रुप, लक्ष्य या विशिष्ट कार्यों को प्राप्त करने के लिए उनके बीच प्रयासों के विभाजन की आवश्यकता होती है। वहीं कंपटीटिव गेम्स (Competitive games) में एक जितने वाला होता है और एक हारने वाला। कोऑपरेटिव गेम एक तरह का प्रॉब्लम सॉल्विंग गेम है, जिसमें ग्रुप के सभी सदस्य विनर होते हैं। खेल के इस चरण के माध्यम से बच्चे प्रॉब्लम सॉल्विंग (Problem-solving), सेल्फ-एडवोकेसी (Self-advocacy), डिसीजन मेकिंग स्किल (Decision-making skills), टीमवर्क (Teamwork), शेयरिंग (Sharing) और लड़ाई-झगड़ों के समाधान के लिए जाना जाता है। बच्चों को शुरुआत उम्र से ही अगर सहकारी खेल के लिए प्रोत्साहित किया जाए, तो उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है और वे लोगों से घुलना मिलना पसंद करते हैं।
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कोऑपरेटिव प्ले (Cooperative Play) की शुरुआत कब की जा सकती है?
कोऑपरेटिव गेम (Cooperative Game) की शुरुआत वैसे तो दो वर्ष की आयु वाले बच्चों के साथ की जा सकती है। हालांकि इस दौरान पेरेंट्स को यह ध्यान रखना चाहिए की बच्चा अपने एज ग्रुप के बच्चों के साथ बात कर सके और अपने आइडिया उनके साथ शेयर कर सके। इसके साथ ही बच्चे में उनकी उम्र के अनुसार थोड़ी समझ हो और वे खेल के नियमों को समझें। बहुत छोटे बच्चों में समझने की भावना कम हो सकती है, लेकिन पांच साल के बच्चों के कोऑपरेटिव गेम बेहतर माना जाता है, क्योंकि चार या इससे कम उम्र के बच्चों शायद चीजों को समझने या अपने आइडिया (Idea) को शेयर करने में परेशानी हो लेकिन पांच साल के बच्चों में ऐसा नहीं होता है।
नोट: कोऑपरेटिव गेम के दौरान पेरेंट्स को भी थोड़ा ध्यान चाहिए और समझना चाहिए कि उनके बच्चे कोऑपरेटिव गेम (Cooperative Game) में पार्टिसिपेट कर रहें या नहीं।
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बच्चों के लिए कोऑपरेटिव प्ले क्यों आवश्यक है? (Benefits of Cooperative Play)
बच्चों के लिए कोऑपरेटिव प्ले के कई फायदे हैं, इसलिए यह बच्चों के लिए लाभकारी माना गया है। जैसे:
बच्चों के लिए कोऑपरेटिव प्ले इसलिए लाभकारी माना गया है, क्योंकि इससे बच्चों के बढ़ने के साथ-साथ सहयोग की भावना बढ़ती है। बच्चों में सहयोगी खेल (Cooperative Play) में हिस्सा लेने से उनमें लक्ष्य प्राप्ति को आसान बनाने के साथ-साथ उनमें अच्छी भावना के विकास इ मदद करती है।