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स्मार्ट पेरेंटिंग के ये टिप्स अपनाकर बन जाएं सुपर पेरेंट!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/07/2022

    स्मार्ट पेरेंटिंग के ये टिप्स अपनाकर बन जाएं सुपर पेरेंट!

    आज का दौर स्मार्टनेस का दौर है। चाहें फिर फोन हो या पेरेंट्स सभी स्मार्ट हो गए हैं। स्मार्ट पेरेंटिंग टिप्स का इस्तेमाल करने से पेरेंट्स भी कॉन्फिडेंट रहते हैं। इस आधुनिक समय में अगर आप र्स्माट पेरेंटिंग करते हैं, तो आपके बच्चों के साथ आपकी बॉन्डिंग भी और स्ट्रांग होगी। पहले परिवार समूह में रहते थे तो घर के बड़े-बुजुर्ग बच्चों को सही और गलत के बारे में जानकारी देते थे। तब माता-पिता से कहीं ज्यादा ग्रांड पेरेंट्स की अहम भूमिका होती थी। बच्चे ग्रांड पेरेंट्स के साथ आसानी से अटैच भी हो जाते हैं। अब न्यूक्लियर फैमिली में बच्चे माता-पिता के साथ रहते हैं और एक वहीं माध्यम होते हैं, जो उन्हें घर में सही और गलत के बारे में जानकारी देते हैं। समय बदलने के साथ ही स्मार्ट पेरेंटिंग (Smart parenting) की भी जरूरत बड़ी है।

    अगर आपके बच्चे ग्रो कर रहे हैं तो आपको ये जानकारी जरूर होनी चाहिए कि कैसे स्मार्ट पेरेंटिंग करनी चाहिए। इस आर्टिकल में इन्हीं बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया है। स्मार्ट पेरेंटिंग (Smart parenting) के कुछ टिप्स जो आपकी मदद कर सकते हैं। जानते हैं उनके बारे में।

    स्मार्ट पेरेंटिंग से बच्चों को आदर करना सिखाएं

    बच्चों के साथ सख्ती से पेश आना हर पेरेंट के लिए एक सामान्य बात है। इस सख्ती को डर में ना बदलने दें। उनके अंदर डर पैदा करने से अच्छा है उनके दोस्त और साथी बनकर उनको सलाह दें। हमेशा याद रखें की अपने बच्चों के लिए आप उनके पहले रोल मॉडल है, तो उस छवि को बनाए रखने के लिए  बच्चों के साथ अपना व्यवहार सामान्य रखें। आपके बच्चे को आपका आदर करना चाहिए न कि उसके अंदर आपके लिए डर होना चाहिए। बच्चों की पेरेंटिंग के दौरान उनसे जबरदस्ती सम्मान लेने से बेहतर हैं उन्हें आदर करना सिखाएं। स्मार्ट पेरेंटिंग (Smart parenting) के माध्यम से पेरेंट्स अपने बच्चों में बड़ों का आदर करना सीखा सकते हैं। इसमें पेरेंट्स बच्चों को कुछ करने के लिए दबाव नहीं डालते बल्कि बच्चों के अंदर सम्मान की भावना का विकास करते हैं।

    बच्चे को एडल्ट की तरह ट्रीट करें

    अपने बच्चे को बड़ा होकर आप जैसे देखना चाहते हैं उन्हें वैसी ही परवरिश दें। उनकों एडल्ट की तरह लें। माता-पिता होने के नाते उन्हें हर बात पर कंट्रोल न करें। उनको थोड़ी आजादी दें। हर पल उनका ध्यान दें और समय-समय पर उन्हें बताएं कि गलत क्या है और सही क्या है। अपने बच्चे की गलतियों पर हर बार उसे डांटने फटकारने से बचें। गलती हर किसी से होती है और एक-दो बार बच्चे भी गलती कर सकते हैं। कई बार पेरेंट्स हर बात पर बच्चों को यह एहसास दिलाते हैं कि वह छोटे हैं जबकि ऐसा करना गलत होता है। स्मार्ट पेरेंटिंग (Smart parenting) में आपको बच्चों को स्मार्टली ट्रीट करें। उनकी बातों और भावनाओं को समझें।

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    स्मार्ट पेरेंटिंग के लिए जरूरी है स्ट्रेस न लें

    एक बच्चे का पालन-पोषण करना आसान काम नहीं है। उनको उनके हिसाब से नई चीजें एक्सप्लोर करने दें। जो उन्होंने कभी नहीं किया उन्हें करने दें बस नजर बनाएं रखें। यह कोई बड़ी बात नहीं है। उनकी हर हार-जीत पर उन्हें अलग-अलग चीजों के बारे में बताएं। जिंदगी आसान नहीं है लेकिन, आपके साथ से वे आगे बढ़ सकते हैं। स्मार्ट पेरेंटिंग के लिए पेरेंट्स बच्चों की छोटी-छोटी बात पर स्ट्रेस ना लें। बच्चे समय के साथ चीजें सीख जाते हैं इसलिए पेरेंट्स को स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए।

    र्स्माट पेरेंटिंग में बच्चों से ज्यादा रोक-टोक ना करें

    उनकी छोटी-छोटी बातों पर रोकने-टोकने से बचें। उनको उनके दोस्त, शौक और हॉबी चुनने से न रोकें। उनको ये बताएं कि किसी भी उतार-चढ़ाव में आप उनका साथ देंगे। सबसे खास बात उनके शौक या हॉबी पर किसी तरह की प्रतिक्रिया न दें बल्कि उनका सपोर्ट करें। कई बार पेरेंट्स बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर टोकते हैं जो बच्चों को परेशान करता है। बहुत अधिक रोक-टोक करना बच्चों को उनके लिए निगेटिव बना सकता है। ऐसे में बच्चों को बहुत अधिक रोक-टोक में ना रखें।

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    स्मार्ट पेरेंटिंग के लिए टिप्स: बच्चों को बताएं परिवार का महत्व

    अपने बच्चे को परिवार के महत्व के बारे में समझाएं। उन्हें समझाएं कि परिवार के साथ समय बिताना जरूरी होता है। परिवार के साथ डिनर पर जाएं, अलग-अलग त्यौहार पर मिलें और खुशियां बांटें। परिवार के साथ बाहर घुमने जाएं। एक साथ फिल्म देखें या फैमिली ट्रिप पर जाएं। ये समय दोबारा वापस नहीं आता इसलिए जितना हो सकता है अपने परिवार के साथ समय जरूर बिताएं। स्मार्ट पेरेंटिंग (Smart parenting) में बच्चों को परिवार की एकता के बारे में बताएं। ऐसा करना बच्चे के लिए हमेशा सही होता है।

    स्मार्ट पेरेंट निकालते हैं अपने लिए समय

    बच्चों की देखरेख और दूसरे काम की वजह से आप ज्यादातर व्यस्त रहते हैं। अपने लिए भी थोड़ा समय निकालें और आराम करें। आराम करने से आपको भी अच्छा लगेगा और आपका मूड भी रिफ्रेश होगा। अपने बच्चों के लिए गलत शब्द इस्तेमाल करने से बचें। किसी भी मुद्दे का परिणाम शांति से बात करके निकाला जा सकता है। स्मार्ट पेरेंटिंग टिप्स में आप बच्चों के साथ-साथ अपने परिवार के लिए भी समय निकालते हैं।

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    स्मार्ट पेरेंटिंग के लिए जरूरी है क्वालिटी टाइम

    हो सकता है आप दोनो पार्टनर वर्किंग पेरेंट हो। ऐसे में आपको हर वक्त समय नहीं मिलता होगा लेकिन कितना भी काम हो अपने बच्चे का ध्यान रखें। सुबह काम पर जाने से पहले और रात को ऑफिस से आने के बाद अपने बच्चों के साथ टाइम बिताएं। उनसे बात करें और उनकी जिंदगी में क्या चल रहा उस बारे में चर्चा करें। आप दोनों को जो भी समय मिलता है बच्चों के साथ बात कर बिताएं। स्मार्ट पेरेंटिंग टिप्स में आपको अपने परिवार के साथ अधिक से अधिक समय बिताना चाहिए। आप जितना अधिक समय अपने परिवार के साथ बिताते हैं उतना अधिक आप अपने परिवार के करीब जाते हैं।

    स्मार्ट पेरेंटिंग के लिए माता-पिता को समय के साथ बदलाव करना जरूरी है। स्मार्ट पेरेंटिंग (Smart parenting) के लिए जरूरी है कि आप बच्चों को समय के साथ हैंडल करें। आजकल के बदलते समय में बच्चों को आज के समय के हिसाब से डील करना चाहिए। कई बार पेरेंट्स बच्चों पर चीजों को करने के लिए दबाव डालते हैं। स्मार्ट पेरेंटिंग के लिए माता-पिता को समय के साथ चलना सीखना चाहिए। र्स्माट पेरेंटिंग के मदद से पेरेंट्स बच्चों के करीब रहकर उन्हें एक बेहतर इंसान बना सकते हैं।

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    पेरेंटिंग टिप्स: डेवलप करें रीडिंग हैबिट

    बच्चे से बात करती हैं, उसे कहानी भी सुनाती हैं तो अब आपको बच्चे में रीडिंग हैबिट भी डेवलप करनी होगी। अगर बच्चे ने पढ़ना सीख लिया है तो आप उसे पोयम, मोरल स्टोरी आदि को पढ़ने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। किताबों को अच्छा दोस्त कहा गया है। अगर आप बच्चे की रीडिंग हैबिट डेवलप करेंगे तो वो हर रोज कुछ नया पढ़ने के लिए उत्सुक रहेगा। आपने देखा होगा कि आजकल बच्चे फ्री होते ही तुरंत मोबाइल या फिर वीडियो गेम में लग जाते हैं। ये आंखों के लिए नुकसानदायक हैं,जबकि रीडिंग हैबिट से बच्चा नई चीजों को सीखता है और उसके अंदर जिज्ञासा बढ़ जाती है।

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     म्यूजिक करता है मेमोरी को बूस्ट

    आपने देखा होगा कि बच्चे गाने के रूप में कुछ भी आसानी से याद कर लेते हैं। स्टडी में भी ये बात सामने आई है कि सॉन्ग यानी गाना सुनना मेमोरी को बूस्ट करने, अटेंशन, मोटीवेशन और लर्निंग की पावर को स्ट्रॉन्ग करता है। बच्चा अगर पांच से छह साल का है तो आप स्टडी भी उसे सॉन्ग की हेल्प से करा सकती हैं। बच्चों को राइमिंग पसंद आती हैं। आप चाहे तो बच्चे का पसंदीदा कोई भी गाना प्ले कर सकती हैं।

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    स्मार्ट पेरेंटिंग में हेल्दी ईटिंग भी है शामिल

    पेरेंटिंग का मतलब सिर्फ बच्चे को पढ़ाना या अनुशासन सिखाना नहीं होता है। बच्चे की ग्रोथ बच्चे के माइंड को बहुत प्रभावित करती है। अगर बच्चा सही डायट नहीं ले रहा है तो शरीर में किसी भी प्रकार की कमी होने पर बच्चे की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। जब बच्चे बड़े हो रहे होते हैं तो उन्हें पोषक आहार की बहुत जरूरत होती है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप बच्चे को आहार में क्या-क्या दे रहे हैं। अगर बच्चा दूध नहीं पी रहा है तो उसकी डायट में दही और पनीर शामिल करें। खाने में प्रोटीन रिच डायट, कार्बोहाइड्रेट, फ्रेश फ्रूट्स, वेजीटेबल्स आदि को जरूर शामिल करें। बच्चों की ग्रोथ के लिए विटामिन और मिनिरल भी बहुत जरूरी हैं।

    आप जो भी बच्चे से चाहते हैं, बेहतर होगा कि उसको खुद भी अपनाएं। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो आपका बच्चा सही दिशा में कोफस करेगा और दिक्कतों का सामना करने के बावजूद वह समस्या का हल भी निकाल लेगा। यही स्मार्ट पेरेंटिंग (Smart parenting) की खासियत होती है।

    डिस्क्लेमर

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

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    Lucky Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 07/07/2022

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