एनीमिया की समस्या नहीं होगी
महिलाओं में अक्सर गर्भावस्था के दौरान शरीर में खून की कमी होने लगती है लेकिन, अगर इसके कुछ पत्तों का सेवन नियम से किया जाए तो एनीमिया की समस्या नहीं होगी। रिसर्च के अनुसार, तुलसी आयरन का बेहतरीन स्रोत है। आयरन शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ावा देने में मदद करता है और गर्भावस्था के दौरान लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की संख्या में भी बढोतरी होती है। ऐसे में गर्भावस्था में तुलसी का नियमित सेवन एनीमिया से बचाता है। साथ ही गर्भवती महिला को होने वाली थकान को भी कुछ कम करता है।
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भ्रूण विकास में मददगार
गर्भावस्था में तुलसी का सेवन गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे है शिशु के विकास के लिए भी लाभदायक है। तुलसी में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो भ्रूण के सही विकास को सुनिश्चित करता है। इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी से दिल, आंख, फेफड़ों और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के विकास को भी बढ़ावा मिलता है।
बच्चे की ग्रोथ अच्छी होगी
इसमें मौजूद विटामिन-ए गर्भ में पल रहे भ्रूण (बच्चे) को संक्रमण से दूर रखने के साथ-साथ बेहतर विकास में भी मदद करेगा। इसमें मौजूद मैग्नीशियम गर्भ में पल रहे शिशु की हड्डियों को भी मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है।
तुलसी में मौजूद है पर्याप्त विटामिन
तुलसी के छोटे से पत्ते में पर्याप्त विटामिन मौजूद रहता है। इसके नियमित सेवन करने से गर्भवती महिला को विटामिन की कमी होने की आशंका कम हो जाती है।
मस्तिष्क के लिए तुलसी है गुणकारी
गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला द्वारा इसके नियमित सेवन से गर्भ में पल रहे भ्रूण (बच्चे) के मस्तिष्क के विकास अच्छा होता है।
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गर्भवती महिला रहती हैं तनाव मुक्त
तुलसी में मौजूद मैग्नीज तनाव (stress) को कम करता है।
गर्भावस्था में तुलसी खाने के साइड इफेक्ट्स
भले ही गर्भवती होने पर तुलसी खाने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, फिर भी इस आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के अधिक सेवन से तुलसी के नुकसान भी हो सकते हैं। जैसे-