4.विटामिन सी
प्रेग्नेंसी में विटामिन सी कोशिकाओं को सुरक्षा प्रदान करता है और महिला को स्वस्थ रखता है। गर्भावस्था के दौरान 80-85 मिलीग्राम विटामिन सी लेने की सलाह दी जाती है। हालांकि, इसे कई तरह के फल और सब्जियों (संतरा और संतरे का जूस, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकोली, अंकुरित अनाज (स्प्राउट) आदि) से भी प्राप्त किया जा सकता है। विटामिन-सी बच्चे के दांत, मसूढ़ों और हड्डियों को स्ट्रॉन्ग बनाता है।
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5.विटामिन डी
विटामिन डी का सेवन बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास में मदद करने के साथ-साथ त्वचा को स्वस्थ बनाने और आंखों की रोशनी के लिए महत्वपूर्ण है। विटामिन डी शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट को नियमित करने का भी काम करता है।
प्रेग्नेंसी के शुरूआती तीन महीने गर्भवती महिला के लिए बेहद खास होते हैं। कभी-कभी विटामिन और मिनरल की कमी को पूरा करने के लिए गर्भावस्था में सप्लीमेंट का सहारा लिया जाता है लेकिन, इस समय जरूरत से ज्यादा और अपनी मर्जी से किसी भी सप्लीमेंट्स का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है।
खून की कमी न हो इसलिए गर्भवती महिला को आयरन की टेबलेट लेने की सलाह दी जाती है। आयरन युक्त टेबलेट खाने के पहले कुछ बातों का ख्याल रखें –
- आयरन टेबलेट को कभी भी खली पेट न खाएं। कोशिश करें कुछ खाने के बाद ही आप टेबलेट खाएं। आयरन सप्लीमेंट से पेट में क्रैम्प, डायरिया आदि परेशानियां हो सकती हैं।
- अगर आयरन टेबलेट ले रहे हैं, तो हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ नहीं खाएं। साथ ही बीन्स और एवोकैडो जैसे फलों के सेवन से बचें।
- आयरन सप्लीमेंट्स के साथ कैफीन का सेवन न करें। जैसे चाय या कॉफी। इनका सेवन दो कप से ज्यादा करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
- आयरन सप्लीमेंट्स के साथ दूध, कैल्शियम और एंटी-एसिडिक प्रोडक्ट्स का सेवन न करें। इन दोनों के बीच कम से कम एक से दो घंटे का गैप रखें।
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ज्यादा आयरन के सेवन से सेहत को नुकसान हो सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार सप्ताह में सिर्फ एक बार आयरन की खुराक लेने से एनीमिया को रोका जा सकता है। आयरन सप्लीमेंट्स कम लेने से महिलाएं उन्हें अधिक समय तक ले सकेंगी और साइड इफेक्ट्स की संभावना भी कम होगी।