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नवजात शिशु को नहलाना कब से शुरू करें?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Mayank Khandelwal


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/03/2021

    नवजात शिशु को नहलाना कब से शुरू करें?

    नवजात शिशु को नहलाना कोई आसान काम नहीं हैं। न्यू बॉर्न बेबी को नहलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार जन्म के 24 घंटे बाद नवजात शिशु को नहला देना चाहिए। यदि किसी कारण से पूरा दिन इंतजार न कर पाएं, तो नवजात शिशु को नहलाने के लिए कम से कम छह घंटे का इंतजार जरूर करना चाहिए। वहीं, कुछ संस्थानों का मानना है कि जन्म के बाद शिशु को एक या दो घंटे के भीतर ही नहला देना चाहिए। नवजात शिशु के पहले स्नान को लेकर माता-पिता के मन में कई प्रश्न होते हैं। उन्हीं में से कुछ सवालों के जवाब “हैलो स्वास्थ्य’ के इस आर्टिकल में मिलेंगे। 

    नवजात शिशु को पहली बार नहलाने के लिए इंतजार क्यों करना चाहिए?

    निम्नलिखित कारणों की वजह से करना चाहिए इंतजार:

    शरीर का तापमान और ब्लड शुगर

    नवजात शिशुओं को अगर जन्म के तुरंत बाद नहला दिया जाए, तो उन्हें ठंड लगने और हायपोथर्मिया होने की संभावना अधिक हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मां के यूटरस और बाहर के टेम्प्रेचर में बहुत अंतर होता है जो हायपोथर्मिया का कारण बनता है। इसके अलावा कई बच्चों के ब्लड शुगर लेवल में गिरावट होने की संभावना भी होती है।

    बॉन्डिंग और ब्रेस्टफीडिंग

    बच्चे को जल्दी नहलाने ले जाना मां-बच्चे की बॉन्डिंग, मां-बच्चे का स्किन टू स्किन टच और स्तनपान करवाने में बाधा डाल सकता है। एक स्टडी के अनुसार, पहले दो घंटों के अंदर नवजात शिशु को नहलाने की तुलना में जिन बच्चों को 12 घंटों के बाद स्नान कराया गया है, वे आसानी से स्तनपान कर पाए।  

    और पढ़ें : 6 महीने के शिशु को कैसे दें सही भोजन?

    शुष्क त्वचा

    वर्निक्स कैसिओसा (वैक्स की तरह सफेद पदार्थ जो जन्म से पहले शिशु की त्वचा को कोट करता है), एक नैचुरल मॉइश्चराइजर के रूप में काम करता है और इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) के अनुसार, वर्निक्स कैसिओसा बच्चों की कोमल त्वचा को सूखने से बचाता है। 

    शिशु की रंगत

    अधिकांश अस्पताल और क्लिनिक में जन्म के तुरंत बाद या कुछ ही घंटो के अंदर नवजात शिशु को नहलाना जरूरी माना जाता है। क्योंकि, बच्चे को जन्म के बाद स्तनपान करवाना होता है और उससे पहले उसे साफ-सुथरा कर बैक्टीरिया और अन्य तरह के संक्रमण से बचाना भी होता है। हालांकि, जन्म के तुरंत बाद शिशु को नहलाना जोखिम भरा भी हो सकता है इसलिए पानी की जगह नर्स शिशु की त्वचा पर लगे एमनियोटिक द्रव्य, खून या किसी अन्य तत्व को मुलायम कपड़े की मदद से साफ कर देते हैं। इससे बाल चिकित्सक को शिशु की रंगत सही तरीके से देखने में मदद भी मिलती है।

    शिशु को नहलाना कितना सुरक्षित है इस पर अधिकांश अस्पतालों का मानना है कि जन्म के कम से कम एक दिन बाद ही शिशु को पानी से नहलाना चाहिए। क्योंकि, जन्म के तुरंत बाद नवजात को नहलाना जोखिम भरा हो सकता है। इससे उसके शरीर का तापमान गिरने का खतरा हो सकता है।

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    नवजात शिशुओं को कितनी बार नहलाना चाहिए?

    न तो इतने छोटे बच्चे गंदे होते हैं और ना ही उन्हें पसीना आता है, इसलिए हर दिन नवजात शिशु को नहलाना जरूरी नहीं होता है। शिशुओं को पहले वर्ष के दौरान सप्ताह में दो से तीन बार नहलाना चाहिए। अधिक बार स्नान करवाने से बच्चे की स्किन ड्राई हो सकती है। 

    क्या अंबिकल कॉर्ड हटने से पहले नवजात शिशु को नहलाना सही है? 

    नवजात शिशु को पहली बार अंबिकल कॉर्ड स्टंप के हट जाने के बाद ही स्नान करवाना चाहिए। उससे पहले बच्चे को केवल स्पंज बाथ कराना ही ठीक रहता है। आमतौर पर अंबिकल कॉर्ड स्टंप जन्म के आठ सप्ताह तक गिर जाती है, लेकिन अगर ऐसा न हो तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।  

    और पढ़ें : 5 जेनिटल समस्याएं जो छोटे बच्चों में होती हैं

    नवजात शिशु को स्पंज बाथ कैसे दें?

    स्पंज बाथ के दौरान बच्चे को सीधा पानी के संपर्क में न लाकर एक गीले स्पंज या कपड़े की मदद से शिशु के शरीर को हल्के हाथों से साफ करते हैं।  

    बेबी स्पंज बाथ के सेफ्टी टिप्स

    • स्पंज बाथ के दौरान इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों को इक्कठा कर लें, जैसे : पानी का टब, तौलिया, सूखा कपड़ा या स्पंज, आदि।
    • बच्चे को मेज, बिस्तर या अन्य किसी सपाट सतह पर लिटाएं। यदि सतह ज्यादा हार्ड हो तो ऐसे में, शिशु के नीचे तौलिया या कोई मुलायम कपड़ा बिछा दें।  साथ ही, बच्चे की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखे। भीगे हुए कपड़े या स्पंज से सबसे पहले बच्चे का चेहरा साफ करें, ध्यान रखे कि उसकी आंखों में पानी न जाए। फिर, उसके शरीर के बाकी हिस्सों की सफाई करें और आखिर में, प्राइवेट पार्ट्स को सावधानी से साफ करें।
    • बच्चे को एक सूखे तौलिए में लपेटें और उसके शरीर के केवल उन हिस्सों को खुला रखें जिन्हें आप साफ कर रहें हैं। कानों के पीछे और गर्दन के चारों ओर की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।  

    शिशु को नियमित स्नान कब करवाना चाहिए ?

    एक बार गर्भनाल गिर जाने के बाद, नवजात शिशु को नहलाना चाहिए। हालांकि, उन्हें नियमित रूप से स्नान एक साल की उम्र के बाद ही करवाना चाहिए।  

    नवजात शिशु को नहलाना ऐसे बनाएं आसान

    • नवजात को नहलाने के लिए छोटे टब या सिंक का उपयोग करें। यूएस कंज्यूमर प्रोडक्ट सेफ्टी कमीशन के अनुसार बच्चों को नहलाने के लिए बेबी बाथटब का इस्तेमाल करना बेहतर रहता है। इससे शिशु के फिसलने का डर कम रहता है।          
    • नवजात शिशु को नहलाने के दौरान इस्तेमाल होने वाली सभी चीजें अपने पास ही रखें।  
    • स्नान करवाने से पहले पानी का तापमान अपनी कलाई या कोहनी से जांच लें। 
    • बच्चे को नहलाते समय साबुन का इस्तेमाल कम से कम करें। साबुन शिशु की कोमल त्वचा को ड्राई कर देता है। सॉफ्ट ब्रश और माइल्ड शैम्पू या बॉडी वॉश से बच्चे के बाल धोएं।  
    • शिशु के चेहरे को साफ करने के लिए एक मुलायम कपड़े का उपयोग करें। 
    • बच्चे को नहलाते समय आप उसके साथ खेल सकते हैं। फ्लोटिंग टॉयज का इस्तेमाल करके बेबी बाथिंग को काफी मजेदार बनाया जा सकता है।  
    • नहलाने के बाद, शिशु का शरीर और सिर तौलिए से सुखाएं। शरीर पूरी तरह से सूख जाने पर बेबी मॉइश्चराइजर लगाए जिससे उसकी त्वचा ड्राई न हो।

    कुछ बेसिक बातें जानने के बाद आप आसानी से अपने शिशु को नहला सकते हैं लेकिन, इस बात का ध्यान जरूर रखें कि नहाते समय आपका शिशु कम्फर्टेबल और सेफ रहे। 

    हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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