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पेरासिटामोल/ एसिटामिनोफीन (Acetaminophen) बन सकती है कैंसर का कारण, हो सकती है बैन

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/03/2021

पेरासिटामोल/ एसिटामिनोफीन (Acetaminophen) बन सकती है कैंसर का कारण, हो सकती है बैन

दुनिया की पॉपुलर ओवर-द-काउंटर पेन किलर एसिटामिनोफीन, जिसे पेरासिटामोल के नाम से भी जाना जाता है, बैन होने की कगार पर है।कैलीफोर्निया में इसे कार्सिनोजन (carcinogen) की लिस्ट में शामिल करने की बात की जा रही है। कार्सिनोजन यानी की कैंसर कारक। पूरी दुनिया में प्रख्यात इस पेनकिलर से कैंसर होने की संभावना पर रिसर्च हुई है। पेन रिलीवर और फीवर को कम करने वाली एसिटामिनोफीन (acetaminophen) के बारे में ये जानकारी लोगों को चौंकाने वाली है। पेरासिटामोल का यूज माइल्ड और मोडरेट पेन को सही करने के लिए किया जाता है। लोग इस दवा का प्रयोग ज्यादातर फीवर के लिए करते हैं। इसका यूज बच्चे, वयस्कों और बूढ़ों के लिए भी किया जाता है। ये टाइलेनॉल (Tylenol), एक्सेड्रिन (Excedrin), सूडाफेड(Sudafed), रॉबिटसिन (Robitussin) और थेरफ्लु (Theraflu) जैसे ब्रांड्स में पाई जाती हैं।

एसिटामिनोफीन और कार्सिनोजन (carcinogen) का संबंध ?

कार्सिनोजन को पदार्थ या फैक्टर कह सकते हैं जो कैंसर का कारण बनता है। ये कुछ केमिकल, मेडिकल और इंवायरमेंटल रेडिएशन, वायरस, लाइफस्टाइल फैक्टर और यहां तक कि कुछ मेडिसिन में ये पाया जा सकता है। कार्सिनोजन सब्स्टेंस, रेडियोन्युक्लाइड और रेडिएशन है जो कार्सिनोजेनेसिस यानी कैंसर के फॉर्मेशन का काम करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये व्यक्ति के जीनोम को डैमेज करना और सेल्युलर मेटाबॉलिक प्रोसेस को खराब करने का काम करता है। कार्सिनोजन डायरेक्ट डीएनए को डैमेज करने का काम करता है, जिससे सेल्स का डिवीजन और ग्रोथ प्रभावित होता है। सेल्स एब्नॉर्मल ग्रोथ करने लगती हैं और फिर कैंसर को जन्म देती हैं। एसिटामिनोफीन के बारे में स्टडी के दौरान कुछ स्टडी में कार्सिनोजन सब्सटेंस पाए जाने की बात की गई है। इसका साफ मतलब यहीं है कि इस ड्रग को लेने से कैंसर का खतरा पैदा हो सकता है।

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एसिटामिनोफीन को लेकर की गई थी स्टडी

एसिटामिनोफीन बहुत ही पुराने ड्रग के रूप में जानी जाती है। अमेरिका में एसिटामिनोफीन प्रिस्क्रिप्शन 1955 से है। लोग बिना डॉक्टर की सलाह से भी इस दवा का सेवन लंबे समय से कर रहे हैं। अब कैंसर से इसके लिंक की खबर के कारण दूसरी दवा फेनासेटिन को लेकर भी चर्चाएं होने लगी हैं। फेनासेटिन को सिरदर्द और अन्य बीमारियों के लिए यूज किया जाता था, लेकिन 1983 में FDA ने कैंसर का कारण बन रही इस दवा को प्रतिबंधित कर दिया। लोगों को डर है कि कहीं एसिटामिनोफीन के साथ ही ऐसा ही न हो।

स्टेट रेगुलेटर्स ने करीब 133 स्टडी को रिव्यू किया है जो कि पीयर-रिव्यू जर्नल में छपी थी। कुछ स्टडीज में एसिटामिनोफीन के सेवन से कैंसर के खतरे की बात की गई है, वहीं कुछ स्टडी में एसिटामिनोफीन को कैंसर का कारण नहीं माना गया है। रिव्यू के दौरान ये बात सामने आई है कि एसिटामिनोफीन को एक्जामिन करना बहुत मुश्किल है क्योंकि इसमे पाए जाने वाले कुछ वेरिएबल्स ( धूम्रपान के कारण कैंसर पैदा करते हैं) को आइसोलेट कर पाना मुश्किल है।

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एसिटामिनोफीन के बारे में क्या कहा स्टेट लॉ ने ?

प्रपोसीशन 65 के नाम से पहचाने जाने वाले स्टेट लॉ ने एसिटामिनोफीन के बारे में कहा है कि ‘ कैलीफोर्निया के लोगों को इस एसिटामिनोफीन और उससे जुड़े कैंसर के रिस्क के बारे में जानकारी देना बहुत जरूरी है। आलोचकों का मानना है कि ऐसे बहुत से प्रोडक्ट हैं जिनकी जानकारी देने के बजाय उपभोक्ता को प्रोडक्ट में कैंसर की चेतावनी वाली लेबल उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे कंज्यूमर को जानकारी कम और भ्रम की स्थिति ज्यादा पैदा होगी। वहीं प्रोप 65 के समर्थकों का कहना है कि प्रोडक्ट में चेतावनी का लेबल लगाना लोगों की सुरक्षा के लिहाज से बेहतर है और ये कंज्युमर के प्रोडक्ट को सुरक्षित बनाता है।

पहले भी आ चुकी हैं इस तरह की खबरें

एसिटामिनोफीन के कैंसर संबंधी सबूत साल 1990 और 1999 में भी प्रस्तुत किए गए थे, लेकिन इन सुबुतों को कमजोर माना गया था। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने तब एसिटामिनोफीन को कार्सिनोजन में शामिल करने से मना कर दिया था। इस बारे में यू. एस. फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने स्टेट ऑफिसियल्स को वॉर्न किया है कि एसिटामिनोफीन में कैंसर कॉजिंग लेबलिंग करना फॉल्स और मिसलीडिंग होगा और साथ ही इसे कानून के तहत अवैध भी माना जाएगा।

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एसिटामिनोफीन के बारे में सतर्कता से हो रही है जांच

कार्सिनोजन आइडेंटीफिकेशन कमिटी के चेयरमेन और प्रीवेंटिव मेडिसिन के प्रोफेसर थॉमस मार्क ने इस बारे में कहा है कि ये हमारे लिए बहुत ही डिफिकल्ट इश्यू है। एसिटामिनोफीन आमतौर पर प्रयोग की जाने वाली मेडिसिन है। हमारा जनादेश क्या है, इस बात से फर्क नहीं पड़ता है। एसोसिएशन ने कैलीफोर्निया रेगुलेटर्स से आग्रह किया है कि वो इस विषय में सतर्कता के साथ जांच करें, जिन स्टडी में कैंसर के खतरे की बात की गई है।

कैलीफोर्निया में कुछ लिस्टिंग के लिए वार्निंग लेबल की जरूरत होती है। यहां पर शराब में भी कार्सिनोजन की लेबलिंग 1988 से की जा रही है। लेकिन फिर भी शराब का लोग सेवन भी करते हैं । कैलीफोर्निया में एक्रिलामाइड (Acrylamide) जो कि रोस्टिंग कॉफी बींस है, इसे भी 1990 से कार्सिनोजन की लिस्ट में शामिल किया गया है। कोर्ट के नियमों के अनुसार कॉफी में चेतावनी का लेबल लगाया गया और लोगों को इसे पीने की छूट भी दी गई।

एसिटामिनोफीन का अक्सर होता है प्रयोग

एसिटामिनोफीन (Acetaminophen) का इस्तेमाल दर्द और बुखार की समस्या से राहत पाने के लिए किया जाता है। इसके उपयोग से सिरदर्द , मांसपेशियों में दर्द, गठिया, पीठ दर्द, दांत दर्द, मसल्स दर्द, एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, मासिक धर्म में होने वाले दर्द, जुकाम और बुखार जैसी कई बीमारी से राहत मिलती है। लोग आमतौर पर इस दवा को फस्ट एड बॉक्स या अपने बैग मे रखते हैं। वैसे तो ये दवा बहुत सी समस्याओं का समाधान कुछ ही समय में कर देती है, लेकिन आपको इसके दुष्प्रभाव के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।

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एसिटामिनोफीन (Acetaminophen) के साइड इफेक्ट

अगर आपको किसी तरह की एलर्जी महसूस होती है या सांस लेने मे तकलीफ, चेहरे, होंठ, जीभ या गले में सूजन आती है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

डिस्क्लेमर

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