ब्लड प्रेशर से जुड़े मिथक में बारहवां मिथक है कि मैं टेबल नमक का उपयोग नहीं करता हूं, इसलिए मेरा ब्लड प्रेशर व शरीर में सोडियम की मात्रा नियंत्रित रहती है। [mc4wp_form id=”183492″]
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कुछ लोगों में सोडियम ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है, लेकिन सोडियम को नियंत्रित करना नमक को छोड़ने से ज्यादा महत्व रखता है। इसका मतलब प्रॉडक्ट के लेबल की जांच करना भी है, क्योंकि हमारे द्वारा उपभोग की जाने वाली सोडियम की 75 प्रतिशत तक मात्रा प्रोसेस्ड (परिष्कृत) किए हुए खाद्य पदार्थों जैसे टमाटर सॉस, सूप, मसालों व डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों में छिपी होती है। इसलिए जरूरी है कि पहले से तैयार खाद्य पदार्थ खरीदते समय उस पर वर्णित लेबल जरूर पढ़ें। सोडा और सोडियम के सामने नो शब्द देखना न भूलें। नो का मतलब ये होता है कि उक्त प्रॉडक्ट में सोडियम नहीं है।

- ब्लड प्रेशर से जुड़े मिथक में तेरहवां मिथक है कि आम नमक की जगह कोषेर या समुद्री नमक का उपयोग करना फायदेमंद है क्योंकि इनमें सोडियम कम होता है।
लोगों में इसे लेकर मिथ्स है। दरअसल रासायनिक रूप से कोषेर नमक और समुद्री नमक आम नमक के समान ही हैं। क्योंकि इन दोनों में भी 40 प्रतिशत सोडियम है जो कुल सोडियम की खपत के समान है।
हाई ब्लड प्रेशर मानसिक तनाव, खराब जीवनशैली व खराब खानपान की वजह से होता है। अगर इसे कंट्रोल न किया जाए तो यह शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है, इससे हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज का भी खतरा रहता है। हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े कई मिथ्स भी हैं, जिन्हें जानना बहुत जरूरी है।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।