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नींद की गोलियां (Sleeping Pills): किस हद तक सही और कब खतरनाक?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Shikha Patel द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/01/2021

    नींद की गोलियां (Sleeping Pills): किस हद तक सही और कब खतरनाक?

    आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग नींद की समस्या से जूझते नजर आते हैं। बिना लाइफ स्टाइल में सुधार के वो नींद की गोलियां (स्लीपिंग पिल्स, sleeping pills) लेना शुरू कर देते हैं। लेकिन वे यह नहीं जानते के अगर वे अपनी लाइफ में थोड़े से बदलाव भी करने लग जाएं तो वे इस समस्या से समाधान पा सकते हैं। इसकी मदद से वे नींद की गोलियां लेने से और उनके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।

    स्लीपिंग पिल्स की जरूरत ही क्यों?

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    नियमित समय पर सोना, नियमित रूप से व्यायाम करना, दिन के समय नैप न लेना और कैफीन, एल्कोहॉल, निकोटीन और भारी भोजन से परहेज करना, तनाव को नियंत्रण में रखना आदि से आपको नींद से होने वाली परेशानियों से राहत मिल सकती है। लेकिन, कई बार ऐसा भी होता है, कि इन चीजों के अलावा डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए नींद की गोलियां लिखता है। लेकिन, ये स्लीपिंग पिल्स आपके लिए कितना सही हैं? जानें इस आर्टिकल में

    स्लीपिंग पिल्स जब करने लगती हैं नुकसान

    कुछ लोग तनाव या अन्य कारणों से स्लीपिंग पिल्स यानी नींद की गोलियां खाने लगते हैं। इन गोलियों से थोड़े समय के लिए तो आराम मिल सकता है। लेकिन, इन स्लीपिंग पिल्स को अपनी आदत बना लेना खतरनाक साबित हो सकता है। यदि आप लंबे समय से अनिद्रा के कारण परेशान है तो ऐसे में बिहेवियरल थेरेपी (behavioral therapy) सबसे अच्छा उपचार साबित होता है। यदि आप नियमित रूप से नींद न आने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इस समस्या का उपचार इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी अनिद्रा का कारण क्या है? कभी-कभी, मेडिकल कंडीशन (medical condition) या कोई और कारण के चलते भी आपको नींद आने में परेशानी हो सकती है। प्रिस्क्रिाब्ड स्लीपिंग पिल्स नींद की गोलियां लेने से आप आसानी से और लंबे समय तक सो सकते हैं, लेकिन इन गोलियों के नुकसान ज्यादा हैं।

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    बेस्ट प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स के लिए आपको यह करना चाहिए-

    • अपने नींद के पैटर्न डॉक्टर को बताएं।  
    • किसी भी अंदरूनी स्थितियों को समझने के लिए परीक्षण (टेस्ट) करवाने चाहिए।  
    • प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग टेबलेट्स लेने के ऑप्शन्स पर चर्चा करें, जिसमें दवा कितनी बार और कब लेनी है और किस रूप में, जैसे कि गोलियां, ओरल स्प्रे (oral spray) या डिजाल्विंग टेबलेट्स (dissolving tablets)।  
    • प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स के लाभ और हानि बताते हुए एक सीमित अवधि के लिए नींद की गोली लें।  
    • क्या आपने पहले कभी किसी अलग प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स का इस्तेमाल किया है, यदि किया है, तो पहले उसका कोर्स पूरा करें।  

    नींद की गोलियों के दुष्प्रभाव (Sleeping pills side-effects )

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    हमेशा स्लीपिंग पिल्स लेने से पहले अपने डॉक्टर से संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में पूछें। प्रकार के आधार पर, नींद की गोलियों में साइड इफेक्ट्स निम्नलिखित हो सकते हैं:

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    एंटीडिप्रेसेंट (anti-depressant), सिडेटिंग इफेक्ट के साथ

    कभी-कभी डिप्रेशन का इलाज करने के लिए मुख्य रूप से उपयोग की जाने वाली दवाओं का सेवन अनिद्रा को कम करने में मदद करता है। हालांकि, इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अनिद्रा के लिए यह फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा स्वीकृत नहीं हैं। यदि आप अनिद्रा और डिप्रेशन दोनों ही समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में एंटीडिप्रेसेंट दोनों ही स्थितियों में मददगार साबित होती हैं। 

    उदाहरणों में शामिल:

  • ऐमिट्रिप्टिलाइन (Amitriptyline)
  • मिर्टाजपाइन (Mirtazapine)
  • ट्रैजोडोन (Trazodone)
  • और पढ़ें : चिंता और तनाव को करना है दूर तो कुछ अच्छा खाएं

    एंटीडिप्रेसेंट के साइड इफेक्ट, सिडेटिंग इफेक्ट के साथ  

    सिडेटिंग इफेक्ट वाले एंटीडिप्रेसेंट के साइड इफेक्ट निम्नलिखित हो सकते हैं जैसे:

    • चक्कर आना 
    • सिरदर्द 
    • लंबे समय तक उनींदापन (excess sleepiness)
    • मुंह का सूखना 
    • जी मिचलाना
    • अनियमित दिल की धड़कन
    • वजन बढ़ना
    • याददाश्त का कमजोर पड़ना  
    • कब्ज

    सावधानियां बरतें:

    गर्भवती महिला, स्तनपान करवाने वाली महिला और बुज़ुर्गों के लिए किसी भी प्रकार की प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स (और यहां तक कि कुछ नॉन प्रस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स) के साथ-साथ कुछ एंटीडिप्रेसेंट का सेवन बिलकुल भी सुरक्षित नहीं होता हैं। नींद की गोली के उपयोग से रात में गिरने और बुज़ुर्गों में चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप एक बुज़ुर्ग हैं, तो आपका डॉक्टर आपकी समस्याओं के अनुसार कम खुराक वाली ही दवा आपके लिए लिखता है, जिससे आपको किसी प्रकार का नुकसान न हो।

    स्लीपिंग पिल्स के दिनभर नींद आना

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    नींद की गोली का सबसे प्रमुख साइड इफेक्ट है अगले दिन सिर चकराना या नींद का अहसास होते रहना। अगर आप आधी रात को नींद की गोली लेते हैं, तो ऐसा होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसके अलावा इसकी वजह से आप बेहोशी की हालत में भी उठ सकते हैं, जो खतरनाक हो सकता है।

    और पढ़ें : नींद की दिक्कत के लिए ले रहे हैं स्लीपिंग पिल्स तो जरूर पढ़ें 10 सेफ्टी टिप्स 

    स्लीपिंग पिल्स और कुछ स्वास्थ्य परिस्थितियां (Sleeping Pills & Some health conditions)

    कई बीमारियों के दौरान आप प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स का इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, गुर्दे की बीमारी, निम्न रक्तचाप (Low blood pressure), हृदय की समस्याएं (heart problems)। इसके अलावा, यदि आप पहले से ही कोई दवा ले रहे हैं, तो उनके साथ बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स का इस्तेमाल न करें। अपने डॉक्टर की सलाह को ही मानें।

    ऐसे चुनी जाती है नींद की गोली

    नींद की गोली का चयन मुख्य रूप से नींद न आने के कारण पर निर्भर करता है। जिन वजहों से व्यक्ति को नींद की समस्या होती है या उसके सोने का पैटर्न जिस तरह का है उसी के आधार पर सही दवाई चयनित की जा सकती है।

    नींद की गोली लेने से पहले ध्यान रखें

    कुछ मेडिकल कंडीशन वाले व्यक्तियों के अलावा सभी प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स में रिस्क (जोखिम) होता है। अनिद्रा के लिए किसी भी नए उपचार की कोशिश करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इसके साथ ही नींद न आने की समस्या को कम करने के लिए अपनी दिनचर्या पर विशेष ध्यान दें। 

    हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।

    डिस्क्लेमर

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