गर्भवती महिला, स्तनपान करवाने वाली महिला और बुज़ुर्गों के लिए किसी भी प्रकार की प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स (और यहां तक कि कुछ नॉन प्रस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स) के साथ-साथ कुछ एंटीडिप्रेसेंट का सेवन बिलकुल भी सुरक्षित नहीं होता हैं। नींद की गोली के उपयोग से रात में गिरने और बुज़ुर्गों में चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप एक बुज़ुर्ग हैं, तो आपका डॉक्टर आपकी समस्याओं के अनुसार कम खुराक वाली ही दवा आपके लिए लिखता है, जिससे आपको किसी प्रकार का नुकसान न हो।
स्लीपिंग पिल्स के दिनभर नींद आना
नींद की गोली का सबसे प्रमुख साइड इफेक्ट है अगले दिन सिर चकराना या नींद का अहसास होते रहना। अगर आप आधी रात को नींद की गोली लेते हैं, तो ऐसा होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसके अलावा इसकी वजह से आप बेहोशी की हालत में भी उठ सकते हैं, जो खतरनाक हो सकता है।
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स्लीपिंग पिल्स और कुछ स्वास्थ्य परिस्थितियां (Sleeping Pills & Some health conditions)
कई बीमारियों के दौरान आप प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स का इस्तेमाल बिलकुल भी नहीं कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, गुर्दे की बीमारी, निम्न रक्तचाप (Low blood pressure), हृदय की समस्याएं (heart problems)। इसके अलावा, यदि आप पहले से ही कोई दवा ले रहे हैं, तो उनके साथ बिना डॉक्टरी सलाह के कोई भी प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स का इस्तेमाल न करें। अपने डॉक्टर की सलाह को ही मानें।
ऐसे चुनी जाती है नींद की गोली
नींद की गोली का चयन मुख्य रूप से नींद न आने के कारण पर निर्भर करता है। जिन वजहों से व्यक्ति को नींद की समस्या होती है या उसके सोने का पैटर्न जिस तरह का है उसी के आधार पर सही दवाई चयनित की जा सकती है।
नींद की गोली लेने से पहले ध्यान रखें
कुछ मेडिकल कंडीशन वाले व्यक्तियों के अलावा सभी प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग पिल्स में रिस्क (जोखिम) होता है। अनिद्रा के लिए किसी भी नए उपचार की कोशिश करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इसके साथ ही नींद न आने की समस्या को कम करने के लिए अपनी दिनचर्या पर विशेष ध्यान दें।
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