एस्टिगमैटिज्म के आम उपचारों में से एक है करेक्टिव आईग्लास और कॉनटैक्ट लेंस, जिसकी सलाह डॉक्टर देता है।
ऑर्थोकेराटोलॉजी (ऑर्थो-के) (Orthokeratology (Ortho-K) )
ऑर्थोकेराटोलॉजी एक उपचार है जिसमें कार्निया के कर्वेचर की अनियमितता को अस्थायी रूप से ठीक करने के लिए कठोर (rigid) लेंस का इस्तेमाल किया जाता है। आपको कुछ समय के लिए यह लेंस पहननी होती है। रात को सोते समय इसे पहनना होता है और सुबह उठने के बाद निकाल दें। ऑर्थो-के से गुजरने के दौरान कुछ लोगों को दिन में बिना करेक्टिव लेंस के भी साफ दिखता है। ऑर्थो-के का फायदा तभी तक होता है जब तक आप इसका इस्तेमाल करते हैं, जैसे ही आपने इसका उपोयग बंद किया, वापस आंखों की पुरानी स्थिति पर लौट आते हैं।
सर्जरी
यदि आपको गंभीर एस्टिगमैटिज्म है तो डॉक्टर रिफ्रैक्टिव सर्जरी की सलाह देगा। इस तरह क सर्जरी में लेजर या छोटे चाकू की मदद से कॉर्निया को दोबारा सही शेप में लाया जाता है। इससे आपकी एस्टिगमैटिज्म की समस्या का स्थायी समाधान हो जाता है। एस्टिगमैटिज्म के लिए की जानी वाली तीन सामान्य सर्जरी है लेजर इन सीटू केराटोमिलेसिस (LASIK), फोटोरिफ्रेक्टिव कोरटक्टॉमी (PRK) और रेडियल केराटॉमी (RK) । इन सभी सर्जरी से कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं, इसलिए सर्जरी कराने से पहले जोखिम और इसके लाभ के बारे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
सभी तरह की सर्जरी में कुछ जोखिम जुड़े हैं और सर्जरी के बाद कुछ समस्याएं हो सकती हैं जैसेः
- समस्या में बहुत अधिक या बहुत कम सुधार
- विजुअल साइड इफेक्ट, जैसे लाइट के आसापस कुछ अधूरा या स्टारबर्स्ट दिखाई देना।
- ड्राई आई
- इंफेक्शन
- कॉर्नियल स्कारिंग
- दुर्लभ मामलों में आंखों की रोशनी चली जाना।