के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
एस्टीग्माटिस्म दृष्टि की एक सामान्य समस्या है, जिसमें कॉर्निया के आकार में दोष आ जाता है। एस्टीग्माटिस्म में आंखों के लैंस या कॉर्निया, जो आंख का आगे की सतह है, उसमें असामान्य झुकाव या वक्र आ जाता है। इससे रौशनी के पास होने का रास्ता या रेटिना पर पड़ने वाली रौशनी का रास्ता परिवर्तित हो सकता है। एस्टीग्माटिस्म से धुंधला, अस्पष्ट या चीजें टेढ़ी-मेढ़ी दिखती हैं।
दूरदृष्टि और निकटदृष्टि दोष अन्य दो प्रकार की समस्याए हैं, जिसमें रैटिना पर रौशनी पड़ने का रास्ता परिवर्तित हो जाता है। दूरदृष्टि दोष को हाइपरओपिया (hyperopia) और निकटदृष्टि दोष को मायोपिया (myopia) कहा जाता है।
और पढ़ें: आंखें होती हैं दिल का आइना, इसलिए जरूरी है आंखों में सूजन को भगाना
एस्टीग्माटिस्म एक सामान्य समस्या है। कई बार जन्म से ही एस्टीग्माटिस्म की समस्या मौजूद होती है और निकटदृष्टि या दूरदृष्टि दोष के साथ सामने आती है। हालांकि, इसके जोखिम के कारकों को कम करके एस्टीग्माटिस्म का प्रबंधंन किया जा सकता है। इसकी अधिक जानकारी के लिए आप अपने चिकित्सक से सलाह ले सकते हैं।
एस्टीग्माटिस्म के लक्षण निम्नलिखित हैं:
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी एस्टीग्माटिस्म के कुछ अन्य लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके लक्षणों को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
यह भी पढ़ें: Fibrous Dysplasia : फाइब्रस डिसप्लेसिया क्या है?
निम्नलिखित स्थितियों में अपने डॉक्टर से संपर्क करें:
इसके अतिरिक्त, उपरोक्त लक्षणों या संकेतों का अनुभव होने पर अपने डॉक्टर से सलाह लें। यदि इस संबंध में आपका कोई सवाल है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें। हालांकि, एस्टीग्माटिस्म में हर व्यक्ति की बॉडी भिन्न तरीके से प्रतिक्रिया देती है। अपनी स्थिति की बेहतर जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर से सलाह लेना उचित रहेगा।
कॉर्निया और लैंस की वक्रता या मुड़ने पर आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश को रोकती है। यह प्रकाश आंख के पीछे स्थित रेटिना पर फोकस करता है।
एस्टीग्माटिस्म में लैंस या कॉर्निया की सतह एक अलग प्रकार का वक्र बनाती है।
इस वक्र की वजह से कॉर्निया की सतह एक गोलाकार बास्केटबॉल के बजाय एक फुटबॉल के आकार का बन जाता है। इसकी वजह से आंख रौशनी की किरणों पर एक बिंदु पर केंद्रित नहीं हो पाती हैं। इसकी वजह से दृष्टि किसी भी दूरी पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाती है।
इसके अतिरिक्त, लैंस का वक्र आंख के भीतर परिवर्तित हो सकता है, नतीजतन एस्टीग्माटिस्म में यह घटता या बढ़ता है। यह परिवर्तन बार-बार किशोरावस्था में होता है। इसकी वजह से प्राकृतिक रूप से होने वाले मोतियाबिंद को यह समय से पहले विकसित कर सकता है।
एस्टीग्माटिस्म केराटोकोनुस (keratoconus) की वजह से होता है, जो एक दुर्लभ बीमारी है। इसमें कॉर्निया धीरे-धीरे पतला और त्रिशंकु के आकार का बन जाता है। इससे एस्टीग्माटिस्म बढ़ जाता है, जिसकी वजह से आपकी आंखों की रौशनी कम हो जाती है, जिसे आंखों के चश्मे से भी ठीक नहीं किया जा सकता।
आमतौर पर केराटोकोनुस से पीढ़ित लोगों को स्पष्ट देखने के लिए कॉन्टेक्ट लैंस की आवश्यकता होती है। अक्सर उन्हें कॉर्नियल ट्रांसप्लांट की जरूरत भी पड़ती है।
एस्टीग्माटिस्म एक ऐसी समस्या है, जिसमें कॉर्निया या लैंस पर पड़ने वाली रौशनी की किरणे अपना रास्ता परिवर्तित कर लेते हैं। यहां तक कि कॉर्निया या लैंस के हल्का सा अपनी जगह पर वक्र या न मुड़ने पर भी यह समस्या जन्म से मौजूद होती है। साथ ही यह समस्या आंख में चोट लगने, बीमारी या सर्जरी की वजह से विकसित हो सकती है।
धीमी लाइट में पढ़ने, टीवी के काफी निकट बैठने या भैंगापन करने से एस्टीग्माटिस्म नहीं होती है या न ही बदतर होती है।
एस्टीग्माटिस्म अन्य रिफ्रेक्टिव एरर के साथ संयुक्त रूप से हो सकती है, जिसमें निम्नलिखित समस्याएं शामिल हैं:
निकटदृष्टि दोष (मायोपिया) Nearsightedness (myopia): यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें कॉर्निया काफी हद तक वक्र या मुड़ जाता है या आपकी आंखें सामान्य नहीं रहती हैं, जिसकी वजह से दूरी पर स्थिति वस्तुएं धुंधली दिखती हैं।
दूरदृष्टि दोष (हाइपरओपिया) Farsightedness (hyperopia): एक ऐसी स्थिति है, जब कॉर्निया हल्का सा वक्र या मुड़ जाता है या आपकी आंखें सामान्य की तुलना में छोटी हो जाती हैं, जिसके फलस्वरूप निकट की वस्तुएं धुंधली दिखाई देती हैं।
यह भी पढ़ें: नेत्रहीन व्यक्ति भी सपनों की दुनिया में लगाता है गोते, लेकिन ऐसे
एस्टीग्माटिस्म के जोखिम कारकों में उम्र एक बड़ा कारक है, जिससे एस्टीग्माटिस्म का खतरा बढ़ता है। हकीकत में युवाओं के मुकाबले बुजुर्गों में एस्टीग्माटिस्म होने का खतरा ज्यादा रहता है।
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
निम्नलिखित जांचों के जरिए एस्टीग्माटिस्म का पता लगाया जाता है:
दृष्टि की जांच: डॉक्टर आपकी नजर की जांच करने के लिए एक चार्ट पर लेटर को पढ़ने के लिए कह सकता है। इसे विजुअल एक्युटी टेस्ट कहा जाता है।
कॉर्निया की वक्रता की जांच: डॉक्टर एक केराटोमीटर (keratometer) का इस्तेमामल कॉर्निया की सतह पर वक्रता के आंकलन के लिए कर सकता है।
लाइट फोकस की जांच करने के लिए डॉक्टर एक अलग जांच कर सकता है।
यह भी पढ़ें: CT Scan : सीटी स्कैन क्या है?
एस्टीग्माटिस्म का इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:
करेक्टिव लैंस और रिफ्रेक्टिव सर्जरी के माध्यम से इस समस्या का इलाज किया जाता है।
करेक्टिव लैंस का इस्तेमाल इस समस्या के इलाज में किया जाता है, इसमें गैर मुड़े हुए कॉर्निया को रोक दिया जाता है। करेक्टिव लैंस में निम्नलिखित चीजें हो सकती हैं:
रिफ्रेक्टिव सर्जरी में निम्नलिखित चीजें शामिल होती हैं:
निम्नलिखित घरेलू उपाय आपको एस्टीग्माटिस्म में राहत प्रदान करने में मदद करेंगे:
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
[mc4wp_form id=’183492″]
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।